विज्ञापन
This Article is From Feb 10, 2016

यात्रियों को लगेगा झटका? रेल बजट में हो सकता है किरायों में इजाफे का ऐलान

यात्रियों को लगेगा झटका? रेल बजट में हो सकता है किरायों में इजाफे का ऐलान
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
नई दिल्‍ली: संसाधनों की कमी का सामना कर रहा रेलवे अपने आगामी बजट में यात्री किरायों में पांच से 10 फीसदी तक इजाफा करने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है।

रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि यात्री किरायों और मालभाड़ों से होने वाली आमदनी में कमी और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर पड़ने वाले 32,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ को देखते हुए यात्री किरायों में इजाफे के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।

इसके अलावा, रेलवे की ओर से कम धनराशि खर्च करने के कारण केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 2015-16 के लिए इसके सकल बजटीय समर्थन में भी 8,000 करोड़ रुपये की कटौती कर दी थी।

कई संभावनाओं पर हो रहा विचार
सूत्रों ने बताया कि यात्री किरायों में बढ़ोतरी सहित कई संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अब तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं किया गया है।

उन्होंने बताया कि किरायों में इजाफे पर फैसला होना है और यह भी तय किया जाना है कि यदि इजाफा किया जाता है तो इसे कब से लागू किया जाएगा। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि यह बजट में ही किया जा सकता है।

रेल भवन के अधिकारियों का ऐसा मानना है कि 25 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में यात्री किरायों में इजाफे की घोषणा करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है क्योंकि ऐसी स्थिति में रेलवे मार्च से शुरू होने वाले ‘व्यस्ततम अवधि’ का इस्तेमाल कर सकती है।

तो विमान जितना हो जाएगा AC का किराया
अभी वातानुकूलित (एसी) श्रेणी के किराए पहले से ही ज्यादा हैं। यदि एसी किरायों में और इजाफा होता है तो इससे कम किराया ऐसी विमान सेवाओं का हो सकता है जो किफायती दरों पर सेवाएं मुहैया कराती हैं। इसी तरह, मालभाड़ा भी ऊंचे स्तर पर है जबकि इस्पात, सीमेंट, कोयला, लौह अयस्क और उर्वरक की लदाई में गिरावट दर्ज की गई है जिससे इस क्षेत्र में बढ़ोतरी की संभावना कम है।

पिछले दो साल से बढ़ रहा है किराया
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 में सभी श्रेणियों के रेल यात्री किरायों में 14 फीसदी बढ़ोत्तरी की थी। रेलवे ने पिछले साल भी किरायों में 10 फीसदी वृद्धि की थी।

इस साल जनवरी तक मालभाड़ों और यात्री किरायों से रेलवे की कुल आय 1,36,079.26 करोड़ रुपये थी जबकि रेलवे का लक्ष्य 141,416.05 करोड़ रुपये का था। यानी रेलवे आमदनी के मामले में अपने लक्ष्य से करीब 3.77 फीसदी पीछे रही।

आमदनी के स्रोतों में गिरावट स्वीकार करते हुए सूत्रों ने बताया कि राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। एक विकल्प चुनिंदा मार्गों में किराए बढ़ाना है जबकि दूसरा विकल्प मुहैया कराई जा रही सेवाओं की कीमत बढ़ाना है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com