प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
भारतीय रेलवे 2016-17 में प्रतिदिन 7 किलोमीटर ट्रैक बिछाएगी। पिछले छह साल से इसका औसत 4.3 किलोमीटर प्रतिदिन है। इस अभियान के अगले वित्त वर्ष 2017-18 में और रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। उसके बाद प्रतिदिन 13 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जाएगी। 2018-19 में इसे बढ़ाकर 19 किलोमीटर प्रतिदिन किया जाएगा। रेल मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, रेलवे ने रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए एक कार्रवाई योजना बनाई है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नए ट्रैक को बिछाना, पुराने को बदलना तथा लाइनों को दोहरा या तिहरा करना यातायात भीड़भाड़ को कम करने के लिए जरूरी है।
इस बीच, बेरहमपुर, ओड़िशा से मिली खबरों के अनुसार, रेल बजट में राज्य के गंजम जिले में वैगन विनिर्माण कारखाने के लिए सिर्फ 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन से इस परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर संदेह पैदा हो गया है। तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने 2011-12 में इस कारखाने की घोषणा की थी। उसके बाद से हर साल इसके लिए काफी कम आवंटन किया गया।
प्रस्तावित परियोजना का क्रियान्वयन सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में किया जाना है। मंत्रालय ने इसके लिए 100 एकड़ जमीन मांगी है। वहीं ओड़िशा सरकार ने इसके लिए 101 एकड़ जमीन की पहचान की है, लेकिन इसका जमीनी काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि केंद्र इस परियोजना को लेकर गंभीर नहीं है। ऐसे में इसके क्रियान्वयन को लेकर संदेह है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नए ट्रैक को बिछाना, पुराने को बदलना तथा लाइनों को दोहरा या तिहरा करना यातायात भीड़भाड़ को कम करने के लिए जरूरी है।
इस बीच, बेरहमपुर, ओड़िशा से मिली खबरों के अनुसार, रेल बजट में राज्य के गंजम जिले में वैगन विनिर्माण कारखाने के लिए सिर्फ 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन से इस परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर संदेह पैदा हो गया है। तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने 2011-12 में इस कारखाने की घोषणा की थी। उसके बाद से हर साल इसके लिए काफी कम आवंटन किया गया।
प्रस्तावित परियोजना का क्रियान्वयन सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में किया जाना है। मंत्रालय ने इसके लिए 100 एकड़ जमीन मांगी है। वहीं ओड़िशा सरकार ने इसके लिए 101 एकड़ जमीन की पहचान की है, लेकिन इसका जमीनी काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि केंद्र इस परियोजना को लेकर गंभीर नहीं है। ऐसे में इसके क्रियान्वयन को लेकर संदेह है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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