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This Article is From Oct 12, 2022

क्रिकेट की पिच पर जीते मगर बीसीसीआई की पिच पर राजनीति से हारे 'दादा' 

Manoranjan Bharati
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अक्टूबर 12, 2022 20:26 pm IST
    • Published On अक्टूबर 12, 2022 20:21 pm IST
    • Last Updated On अक्टूबर 12, 2022 20:26 pm IST

आज चर्चा करेंगे सौरभ गांगुली की बीसीसीआई से विदाई पर. आप कहेंगे कि पॉलिटिक्स का खेल से क्या संबंध है. जी हां, अपने देश में हर चीज़ का राजनीति से संबंध है. चाहें वो कोई भी चीज़ क्यों न हो. खेल के साथ तो ये जुड़ा हुआ है ही. क्रिकेट तो बिल्कुल इससे अछूता नहीं रहा है. पिछले नेताओं के नाम भी देखें तो अरुण जेटली, शरद पवार का नाम आएगा. बांकी भी कई बड़े अध्यक्ष, राज्यों के संघ के अध्यक्ष राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं. सौरभ जब बीसीसीई के अध्यक्ष बने थे, तो कहा था कि इतना बड़ा खिलाड़ी अध्यक्ष बना है. रोजर बिन्नी बीसीसीआई के अध्यक्ष बनेंगे. सौरभ का कार्यकाल खत्म हो गया है, उनके कार्यकाल को बढ़ाया नहीं गया है. अकसर एक टर्म के लिए बढ़ा दिया जाता है लेकिन ऐसी परंपरा नहीं है. बीसीसीसआई के एनुअल जनरल मीटिंग में तय हआ कि 1983 के आलराउंडर रोजर बिन्नी को अध्यक्ष बनाया जाएगा. बिन्नी अकेले तीसरे टेस्ट क्रिकेटर होंगे जो बीसीसीआई के अध्यक्ष होंगे. सौरभ से पहले विजयनगर के महाराज कुमार थे. ये तीन ही टेस्ट क्रिकेटर हैं तो अध्यक्ष के रूप में काम कर पाए हैं. इतने सालों के इतिहास में ये ही हुआ. सौरभ को लगा कि एक टर्म और मिलेगा लेकिन उन्हें अंधेरे में रखा गया .फिर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई परंपरा नहीं है. बदले में उन्हें आईपीएल की चेयरमैनशिप का ऑफर दिया गया. जिसे सौरभ ने ठुकरा दिया, उन्हें लगा ये छोटी चीज़ होगी.


क्रिकेट पिच के तार सत्ता के गलियारे से जुड़े हुए हैं. प्रभावशाली केंद्रीय मंत्री की ओर इशारा किया जा रहा है . कहा जा रहा है कि इसी मंत्री से मुलाकात हुई फिर खेल मंत्री से मुलाकात हुई और फिर फैसला लिया गया कि सौरभ को हटाया जाएगा. 2019 में सौरभ को लाया गया था इसके पीछे राजनीतिक दल का हाथ था. उस दल को भरोसा था कि चुनाव में सौरभ मदद करेंगे लेकिन सौरभ ने कोई मदद नहीं की. इससे सवाल उठा रहे हैं कि दल की मदद न करने पर क्या सौरभ को टर्म नही दिया गया? क्या सौरभ को नीति को मानने के लिए कहा गया था जिसके लिए उन्होंने मना कर दिया? क्या सौरभ को जब दूसरा पद नहीं मिला तो सचिव के पद के लिए जय शाह को दूसरा टर्म क्यों दिया गया ? चुनौती है कि सौरभ को हटाते हैं तो ऐसे नाम को लाना होगा, जिससे आप सौरभ के समर्थकों को चुप करा सकें. इसमें रोजर बिन्नी का नाम सामने आया. बिन्नी1983 विश्व कप जीत चुकी टीम का हिस्सा रहें हैं .हैदराबाद क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद अजहरुद्दीन का पूर्व में कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं, उनका नाम मैच फिक्सिंग में भी आ चुका है.

हालांकि उसकी जांच में कुछ निकला नहीं लेकिन दाग तो लग ही गया, तो उन्हें भी रेस से हटा दिया गया. बिन्नी के फेवर में पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन भी थे. आईपीएल के आउटगोइंग चेयरमैन ब्रिजेश पटेल बिन्नी के साथ थे. ब्रिजेश अध्यक्ष नहीं बन सकते थे क्योंकि उनकी उम्र 70 साल हो गई है. नए नियम के अनुसार 70 साल से ऊपर के लोगों को यह पद नहीं मिल सकता. सौरभ को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल भेजने की बात थी. लेकिन उसका चुनाव नवंबर में है. लेकिन अब उनका वहां जा पाना जरा मुश्किल ही है. नई बीसीसीआई में बिन्नी अध्यक्ष जय शाह सचिव और आशीष सेलार जो महाराष्ट्र बीजेपी के नेता थे, वो कोषाध्यक्ष होंगे.पहले वो मुंबई क्रिकेट असोशिएशन के अध्यक्ष थे.


20 अक्टूबर को अब चुनाव होने हैं, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन का कहा जा रहा है कि बिन्नी के साथी संदीप पाटिल शायद अध्यक्ष हो जाएं. अरुण धूमल, अनुराग ठाकुर के बाद हो सकता है आईपीएल के चेयरमैन हो जाएं. राजीव शुक्ला एकमात्र कांग्रेस सांसद अपनी कुर्सी बचा गए, वो आईपीएल के वाइस चेयरमैन होंगे. गांगुली के ऊपर कई तरह की बातें की गई हैं कि वो एक राजनीतिक दल को सपोर्ट करेंगे. जो उन्होंने किया नहीं, मीडिया में कई लोग नाराज थे कि फेंटेसी लीग के लिए जो विज्ञापन सौरभ करते हैं वो क्लास ऑफ इंटरेस्ट के रूप में लिया गया. सौरभ के कार्यकाल को याद कैसे करेंगे ? वो पॉजिटिविटी लेकर आए, उन्होंने राहुल द्रविड़ को मनाया भारतीय कोच के लिए इससे पहले वो अंडर 19 के कोच थे. वीवीएस लक्ष्मण नेशनल एकेडमी बैंगलोर का वहां का जिम्मा दिया.

बेंगलुरु क्रिकेट एकेडमी का विस्तार किया गया. जिसेसे और नए टेलैंट आए और नए लोग आए टीम का विकास हो. अगले साल आप महिला क्रिकेट का आईपीएल देख पाएंगे. ये भी सौरभ का ही किया गया है. इस आईपीएल से भी पैसा आएगा और महिलाओं को बढ़ावा मिलेगा. क्रिकेट में आईपीएल के राइट्स बढ़े हैं. दो नई टीम लाने का श्रेय भी गांगुली के पास ही है . कोरोना के समय भी आईपीएल कराने का श्रेय भी उनके पास है, वो एक लेगेसी छोड़ कर जा रहे हैं. बिन्नी के नेतृत्व ममें जो नई टीम होगी, वो भारतीय क्रिकेट टीम को आगे लेकर जाएंगी.  बिन्नी को बधाई
 

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