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This Article is From Feb 03, 2023

आखिर क्यों रद्द हुआ ब्लिंकेन का चीन दौरा?

Kadambini Sharma
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अप्रैल 18, 2023 19:28 pm IST
    • Published On फ़रवरी 03, 2023 18:03 pm IST
    • Last Updated On अप्रैल 18, 2023 19:28 pm IST

भारत और चीन के रिश्ते 2020 के खूनी झड़प के बाद से अब तक सामान्य नहीं हुए हैं. लद्दाख में लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. कई बार की सैन्य और कूटनीतिक बातचीत के बावजूद चीनी सैनिक अप्रैल 2020 वाली स्थिति में पूरी तरह नहीं लौटे हैं. हालांकि, भारत को अपने सहयोगी देशों से इस मसले पर समर्थन की उम्मीद है और समर्थन मिला भी है. खासकर अमेरिका से सहयोग और समर्थन की उम्मीद तो रही ही है. और अमेरिका ने सहयोग और समर्थन देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसकी एक बड़ी वजह खुद अमेरिका के चीन से तनावपूर्ण रिश्ते रहे हैं. चीन से तनावपूर्ण रिश्तों की मुख्य वजहों में साउथ चाइना सी में चीन की दादागीरी, ताइवान को लेकर चीन का रवैया और चीन के द्वारा अमेरिका के अंदर जासूसी कराने जैसे मुख्य आरोपी शामिल हैं. लेकिन ये भी सच है कि चीन जैसे बड़े देश को, जिसका सप्लाय चेन बेहद अहम हैं और जो वैश्विक व्यापार में एक बड़ा अहम किरदार निभाता है. उसे नज़रअंदाज़ करना या अलग थलग करना बेहद कठिन है. अब अमेरिका कई तरीके से चीनी समस्या से निपटने की कोशिश कर रहा है. यही वजह है कि इस महीने अमेरिका दो अहम चीज़ें कर रहा है.

एक तो इस हफ्ते अमेरिका ने फिलीपींस से एक अहम समझौता किया है. जो साउथ चाइना सी में चल रही समस्या के संदर्भ में बेहद अहम माना जा रहा है. इस समझौते के मुताबिक फिलीपींस में अब अमेरिका को चार और मिलीट्री बेस मिलेंगे.वैसे अमेरिका के पास पहले ही ऐसे पांच बेस हैं. समझौते पर अमेरिका के बयान के मुताबिक जलवायु से जुड़ी घटनाओं के वक्त मानवीय मदद जल्द पहुंचाने और बाकी चुनौतियों से निबटने में मदद मिलेगी. उनका इशारा चीन की तरफ है. अब चीन को इस इलाके में घेरने में कहीं कोई जगह नहीं छोड़ी है.

चाहे बात उत्तर में दक्षिण कोरिया, जापान से लेकर दक्षिण में ऑस्ट्रेलिया तक की क्यों ना हो. फिलीपींस साउथ चाइना सी और ताइवान दोनों से पास है और खुद इस समुद्र में उसकी दावेदारी है. लेकिन चीन की मजबूत सैन्य शक्ति के सामने वो खुद को मजबूर महसूस करता है. ऐसे में अमेरिका से इस प्रकार के सहयोग के अलावा उसके पास कोई और रास्ता भी नहीं है. 2014 से से चीन ने साउथ चाइना सी में कम से कम दस द्वीप बनाए हैं जिनमें से एक - मिसचीफ रीफ फिलीपींस के एक्सक्लूसिव इकॉनॉमिक ज़ोन के अंदर है. चीन ने अमेरिका और फिलीपींस के ताज़ा समझौते की निंदा की है.

इन सबके बीच एक चीनी जासूस बैलून के कारण अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन का 5-6 फरवरी दो दिन का चीन का दौरा रद्द हो गया है. माना जा रहा था कि इस दौरे पर उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी होने वाली थी. पिछले 6 साल में पहली बार कोई अमेरिकी विदेश मंत्री जिनपिंग से मुलाकात करता.  पिछले साल बाली में बाइडेन-ब्लिंकेन की मुलाकात में ये तय हुआ था कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की कोशिश की जानी चाहिए. लेकिन अमेरिका के मोंटाना में चीन का ये बैलून पेंटागन के अधिकारियों के मुताबिक़ जासूसी कर रहा है और दौरे के लिए रवाना होने के कुछ ही घंटे पहले ब्ल्ंकेन का चीन का दौरा रद्द हो गया

बातचीत होती तो रूस-यूक्रेन युद्द, चीन के परमाणु हथियार, वहां बंदी अमेरिकी नागरिक, साउथ चाइना सी, ताइवान जैसे बेहद मुश्किल मसलों पर बात हो सकती थी. इस दौरे पर भारत की भी खास तौर पर नजर थी. 


(कादम्बिनी शर्मा NDTV इंडिया में एंकर और एडिटर (फॉरेन अफेयर्स) हैं...)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

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