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This Article is From Oct 28, 2020

हम साथ-साथ हैं! चिराग पर क्यों चुप हैं प्रधानमंत्री

Manoranjan Bharati
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अक्टूबर 29, 2020 14:46 pm IST
    • Published On अक्टूबर 28, 2020 21:25 pm IST
    • Last Updated On अक्टूबर 29, 2020 14:46 pm IST

बिहार के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री 6 रैलियां कर चुके हैं. पहली रैली से ही जेडीयू नेताओं को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री चिराग पासवान पर कुछ बोलेंगे, मगर प्रधानमंत्री की 6 रैलियों के बाद भी जेडीयू के नेता ये जानने की कोशिश में लगे हैं कि चिराग पासवान को लेकर प्रधानमंत्री के मन में क्या है. बीजेपी से टिकट ना मिलने पर 6 नेताओं के लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव पर बीजेपी भले ही उन्हें निलंबित कर चुकी है मगर प्रधानमंत्री की चुप्पी से जेडीयू में घबराहट है. दूसरी तरफ चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर हमले तेज कर दिए हैं. मुंगेर में जिस तरह से दुर्गा विर्सजन के दौरान गोली चली और दो लोगों की जान गई उस पर चिराग ने नीतीश कुमार को जनरल डायर की संज्ञा दे दी है. जनरल डायर मतलब जलियांवाला बाग में गोली चलवाने वाला अंग्रेज अफसर. अब ऐसे हालात में जेडीयू क्या करे यह सबसे बड़ा सवाल है.

पहले चरण के मतदान के बाद जो खबरें आ रही हैं उससे लगता है कि बीजेपी का वोट अधिक संख्या में लोजपा को मिले, वैसी जगह जहां वो जेडीयू के खिलाफ चुनाव मैदान में थे. यानी बीजेपी के लोगों ने नीतिश कुमार के बजाए चिराग पासवान की पार्टी को वोट दिया है. अब ये कहा जा रहा है कि नीतिश कुमार एक बार फिर पलटने की सोच रहे हैं.

चिराग पासवान ने चुनाव की शुरुआत में ही जब रामविलास पासवान जिंदा थे, ये साफ कर दिया था कि वो बीजेपी के साथ हैं, जिस पर दिल्ली या कहें बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने कोई आपत्ति नहीं की थी. चिराग पासवान की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद भी यही संकेत दिया था. फिर चिराग पासवान ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि उनके दिल में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर बसती है और वो उनके हनुमान हैं. चिराग भले ही एनडीए में नहीं हैं मगर बीजेपी की तरफ उनका एकतरफा प्यार जगजाहिर है और जिसे वो छुपाते भी नहीं हैं. चिराग यह भी कह रहे हैं कि बिहार में बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनेगी और एलजेपी उसमें अपना सहयोग देगी. बीजेपी को यह स्थिति काफी भा रही है. वैसे भी बीजेपी पहले ही कह चुकी है कि एनडीए में यदि बीजेपी की सीटें अधिक आती है फिर भी मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ही बनेंगे. यानी गाहे बगाहे बीजेपी नीतिश कुमार को अहसास कराने से नहीं चूक रही है कि उनकी पार्टी नंबर दो पर है और वो नंबर वन पर.

ऐसे में प्रधानमंत्री से ही उम्मीद थी कि कम से कम उस रैली में जब वो नीतिश कुमार के साथ मंच साझा करेगें, शायद चिराग पासवान को लेकर वोटरों के मन में बने कन्फ्यूजन को दूर करेगें. मगर प्रधानमंत्री ने संस्पेंस को संस्पेंस ही रहने दिया. पहले तो जेडीयू और बीजेपी के पोस्टरों में एक दूसरे दलों के नेता का फोटो तक नहीं था मगर बाद में जब इस पर विवाद हुआ तो इसे ठीक किया गया. तो क्या समझा जाए, बीजेपी और जदयू के बीच अविश्वास बढ़ता जा रहा है? क्या इसकी वजह नीतिश कुमार की अलोकप्रियता है या फिर उनसे जनता जो सवाल पूछ रही है उससे बीजेपी भी सहमत है, उसका जबाब उनके पास भी नहीं है.

तो क्या बीजेपी ने जनता का मूड भांप लिया है और नीतिश कुमान को मझधार में छोडने वाली है या फिर सुशासन बाबू फिर से पलटने वाले हैं? वैसे भी उनका एक नाम तो पलटू बाबू भी है क्योंकि दूसरी तरफ चिराग जैसा हनुमान भी तैयार है. मगर सब कुछ इस पर निर्भर करेगा कि चिराग का प्रर्दशन इस चुनाव में कैसा रहता है क्योंकि यहां तो वैसे ही हालात हैं कि हम तो हैं अलग-अलग मगर साथ-साथ भी हैं.

(मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर-पॉलिटिकल न्यूज़' हैं.)

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