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पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे पर विवाद क्यों बढ़ रहा है?

Himanshu Shekhar Mishra
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मई 06, 2025 14:48 pm IST
    • Published On मई 06, 2025 14:48 pm IST
    • Last Updated On मई 06, 2025 14:48 pm IST
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे पर विवाद क्यों बढ़ रहा है?

सोमवार को पंजाब विधानसभा के एक विशेष सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें हरियाणा को एक भी बूंद पानी नहीं देने का संकल्प लिया गया. सर्वसहमति से पारित प्रस्ताव में कहा गया है, "असंवैधानिक और अवैध रूप से बीबीएमबी की बैठक बुलाकर पंजाब के हक का पानी हरियाणा को जबरदस्ती देने का प्रयास किया जा रहा है. हरियाणा ने 31 मार्च तक अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर लिया है. अब भाजपा पंजाब के हिस्से का पानी हरियाणा को देना चाहती है...पंजाब के पानी की एक-एक बूंद राज्य के लिए बहुत कीमती हो गई है. पंजाब के पास अब किसी अन्य राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है.''इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा के बीच पानी का विवाद और गहरा गया है. 

कितना है जलाशयों में पानी

पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच गहराते विवाद के बीच केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की संस्था सेंट्रल वॉटर कमीशन ने हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तरी भारत के 11 बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल पर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी की है.

देश के 161 बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल की ताजा स्थिति पर जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर भारत के 11 बड़े जलाशयों में 1 मई तक स्टोरेज लेवल औसत से 28.79 फीसदी कम रिकॉर्ड किया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश के तीन बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल औसत से 45.78 फीसदी घट गया है, जबकि पंजाब के एक बड़े जलाशय में पानी का स्तर औसत से 35.69 फीसदी नीचे रिकॉर्ड किया गया है.

मौसम की मार और पानी

केंद्रीय जल आयोग के पूर्व चेयरमैन एके बजाज कहते हैं, "उत्तर भारत के बड़े जलाशयों में औसत से करीब 28 फीसदी पानी कम है...यही वजह है कि उत्तर भारत के राज्यों, विशेषकर पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में उत्तरी भारत में औसत से कम बारिश हुई है. इस बार पहाड़ों पर सर्दी के मौसम में बर्फ भी कम गिरी है. यही वजह है की उत्तर भारत के बड़े जलाशयों में औसत से 30-40 फीसदी तक कम पानी जमा है."

बजाज कहते हैं बड़े जलाशयों में वॉटर स्टोरेज लेवल घटने की वजह से ही पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद गहरा रहा है, क्योंकि दोनों राज्य पानी की कमी से आशंकित हैं. ये दोनों राज्यों खेती दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण हैं.

दरअसल मॉनसून पंजाब और उसके पड़ोसी राज्यों में 15 जून के आसपास पहुंचता है.ऐसे में अगले 5-6 हफ्ते के दौरान गर्मी अगर तेजी से बढ़ती है तो उत्तरी भारत के बड़े जलाशयों में पानी का स्तर और घट सकता है. इससे दोनों राज्यों के बीच पानी का विवाद और बढ़ सकता है.

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