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This Article is From Oct 01, 2015

बीजेपी का विजन डॉक्यूमेंट, धोती-साड़ी से टीवी तक के वादे...

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अक्टूबर 01, 2015 21:40 pm IST
    • Published On अक्टूबर 01, 2015 21:36 pm IST
    • Last Updated On अक्टूबर 01, 2015 21:40 pm IST
जरूरत रोटी की है, मगर खाने को केक दिया जा रहा है। आप दर्शकों से आज उन पत्रकारों का दर्द साझा करना चाहता हूं जो अपना दर्द कहने के लायक ही नहीं रहे। हिन्दी के तमाम बड़े अखबारों में ज़्यादातर पत्रकार बीस बीस साल के अनुभव के बाद भी 20,000 या उससे भी कम की सैलरी पर काम कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि मजीठिया लागू हो। मगर किसी अखबार ने मजीठिया लागू नहीं किया। लागू होता तो 20,000 वाले वरिष्ठ पत्रकार को साठ से अस्सी हज़ार की सैलरी मिल सकती थी।

अदालत की खुलेआम अवमानना हो रही है मगर सब चुप हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मजीठिया बोर्ड की सिफारिशें लागू करवाने का वादा किया था, मगर 500 करोड़ के विज्ञापन बजट की ताकत के बाद भी फेल हो गए। वही नहीं, तमाम मुख्यमंत्री और तमाम पार्टियां फैल हो गईं। हो सकता है कि लेकिन जिस कारण से बताने का मौका मिला उसका पहले शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। बीजेपी के विज़न डाक्यूमेंट में कहा गया है कि-
  • पत्रकारों के लिए सामूहिक बीमा योजना तथा मेडिकेयर की सुविधा दी जाएगी।
  • राज्य सरकार मान्यता प्राप्त पत्रकारों को लैपटाप दिया जाएगा।

राजस्थान में मुख्यमंत्री रहते अशोक गहलोत 1500 पत्रकारों को लैपटाप दे चुके हैं। जयपुर अजमेर में कई सौ पत्रकारों को सस्ती दरों पर ज़मीन देने की सूची भी निकली, मामला कोर्ट में है। पत्रकार भी वेतन की जगह क्या क्या ले लेते हैं। आप जिस मीडिया को दिन रात गरियाते हैं उसकी ये हकीकत है। अपनी सैलरी के सवाल से समझौता करता हुआ पत्रकार आपके लिए तटस्थता और नैतिकता का बोझ ढो रहा है। बोझ ढोते ढोते बहुत अच्छा पत्रकार भी बीस साल में बीस पचीस हज़ार की तनख्वाह पर नहीं पहुंच पाता है। शुक्रिया बीजेपी का उसने अपने विडन डाक्यूमेंट में लैपटाप देने के वादा किया है। मजीठिया बोर्ड लागू करवाने का वादा नहीं किया है। बीजेपी का विज़न डाक्यूमेंट आ गया है। उसकी कुछ बातों का मैंने अपनी तरफ से चुनाव किया है।
  • वीआईपी की सुरक्षा के लिए अलग से फोर्स बनेगी ताकि आम जनता की सुरक्षा से समझौता न हो।
  • प्रमुख शहरों के चौराहों और थाने में सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगे।
  • महिलाओं के लिए 24 घंटे चलने वाला कंट्रोल रूम बनेगा।
  • आपराधिक नक्सली और आतंकी घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को न्यूनतम 2 लाख रुपया दिया जाएगा।

नीतीश कुमार ने अपने सात सूत्री विज़न डाक्यूमेंट में दावा किया है कि उनके कार्यकाल में बिहार के 39,000 बसावटों में से 36000 बसावटों में बिजली पहुंचा दी गई है और 2016 तक हर घर में मुफ्त कनेक्शन दे देंगे। बीजेपी ने भी अपने विजन डाक्यूमेंट में कहा है कि एक साल के भीतर हर गांव हर घर में बिजली देंगे। खेती के लिए अलग फीडर से बिजली देंग। नीतीश कुमार का दावा है कि अलग फीडर से किसानों को कनेक्शन दिया जा रहा है। बीजेपी कहती है कि-
  • हर साल मैट्रिक और इंटर पास करने वाली पांच हज़ार बालिकाओं को मेरिट के आधार पर स्कूटी देगी ।
  • टीवीएस स्कूटी की कीमत 41,500 रुपये हैं इस लिहाज़ से सरकार हर साल 21 करोड़ रूपये खर्च करेगी।
  • इंटर और मैट्रिक पास करने वाले मेधावी छात्रों को 50,000 लैपटाप दिये जाएंगे।
  • सभी दलित महादलित टोलों में एक मुफ्त रंगीन टीवी दिया जाएगा।
  • एक टोला में किसके घर रंगीन टीवी लगेगा इसी को लेकर सरकार झगड़ा सुलझाती रहेगी।
  • प्रत्येक गरीब परिवार को हर साल एक जोड़ा धोती एक जोड़ी साड़ी दी जाएगी।

हरियाणा चुनाव के वक्त जब इंडियन नेशनल लोकदल ने कालेज में एडमिशन लेने वाली ग्रामीण क्षेत्र की सभी लड़कियों को स्कूटी देने का वादा किया तब बीजेपी ने कहा था कि मुफ्तखोरी की आदत डाली जा रही है। कभी सरकारें सब्सिडी की राजनीति का विरोध करती हैं कभी साड़ी धोती स्कूटी मंगलसूत्र और टीवी बांटने लगती हैं। बीजेपी ने विज़न डाक्यूमेंट में कहा है कि पहली बार बिहार में किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हुए हैं। गैर सरकारी दावों के अनुसार गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में लाखों की संख्या में किसानों ने आत्महत्या की है। हमने राष्ट्रीय अपराध शाखा ब्यूरो की वेबसाइट पर जाकर चेक किया तो
  • 2014 में बिहार में एक भी किसान आत्महत्या का ज़िक्र नहीं है।
  • राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड से भी किसान आत्महत्या का ज़िक्र नहीं है

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में छपा मिला कि मई 2015 में बिहार में तीन किसानों ने कर्ज न चुका पाने के कारण आत्महत्या की है। कांग्रेस बीजेपी की सरकारें आत्महत्या रोक नहीं सकीं हैं। खेती के बारे में बीजेपी ने अपने विज़न डाक्यूमेंट में कहा है कि
  • खेती के लिए अलग से बजट पेश होगा।
  • समय पर ऋण वापस करने वालों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर खेती के लिए कर्ज दिया जाएगा।
  • हर किसान को साइल हेल्थ कार्ड दिया जाएगा।

वहीं, नीतीश का दावा है कि बिहार में साढ़े दस लाख साइल हेल्थ कार्ड दिये गए हैं-
  •  
  • हर ज़िले में साइल हेल्थ लैबोरेटरी की स्थापना की जा चुकी है।
  • बिहार के लिए फसलों के नुकसान पर अलग से बीमा नीति बनेगी।
  • सरकारी स्तर पर धान एवं गेहूं की खरीद को पारदर्शी बनाया जाएगा।
  • दलहन और तिलहन की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा।

बीजेपी ने 2014 में अपने विज़न डाक्यूमेंट में कहा था कि किसानों को लागत से पचास फीसदी अधिक दाम दिया जाएगा। बीजेपी ने बिहार के लिए विजन डाक्यूमेंट में इसका ज़िक्र नहीं किया है। मध्यप्रदेश में भले ही शिवराज सिंह चौहान अंडे का विरोध करते हों और शाकाहार को बेहतर बनाते हों लेकिन मुझे खुशी हुई कि बिहार में बीजेपी ने मेरे प्रिय और दैनिक भोजन मछली का ख्याल रखा है। मछली की किस्मत अंडेसे बेहतर है।
  • सरकारी तालाबों को सिर्फ मछुआरों को ठेके पर दिया जाएगा।
  • मछुआरों की ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी।
  • मछली पालन एवं मछली की खेती के लिए विशेष अनुदान की व्यवस्था करेंगे।

बिहार में साठ लाख मत्स्य पालक हैं। मछली उत्पादन में बिहार का स्थान भारत में चौथा है। केंद्र में सोलह महीने के बाद भी लोकपाल का पता नहीं लेकिन बिहार के विज़न डाक्यूमेंट में बीजेपी ने लोकपाल जैसी किसी संस्था की बात तो की है मगर हैरानी हुई कि लोकपाल शब्द का इस्तमाल नहीं किया है। विजन डाक्यूमेंट में कहा गया है कि-
  • भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी की स्थापना करेंगे।
  • इसकी एक यूनिट का गठन हल ज़िले में होगा।
  • नए सतर्कता कोर्ट की स्थापना करेंगे ताकि भ्रष्टाचार के मामलों का निपटारा हो सके।
  • रंगे हाथ रिश्वत पकड़े जाने पर समय सीमा के तहत दंडित किया जाएगा।
  • बिहार विशेष न्यायालय एक्ट जिसके तहत भ्रष्टाचारियों की संपत्ति ज़ब्त की जाती है उसे प्रभावी बनाया जाएगा।
  • भ्रष्टाचार के नियंत्रण के लिए टोल फ्री नंबर की शुरूआत करेंगे।

क्या भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी लोकपाल है या कोई अन्य संस्था है। बिहार में लोकायुक्त है। बीजेपी और नीतीश दोनों ने अपने विजन डाक्यूमेंट में नए उद्ममियों के लिए 500 करोड़ के वेंचर फंड की बात कही है। दोनों के एजुकेशन लोन में कुछ तीन परसेंट का चक्कर है। ब्याज़ का गणित समझने वाले बेहतर समझ सकते हैं।
  • बीजेपी ने कहा है कि उच्च शिक्षा के लिए तीन प्रतिशत ब्याज दर पर लोन दिया जाएगा।
  • नीतीश कुमार ने कहा है कि 12 वीं पास के बाद छात्रों को क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा।
  • जिससे वे चार लाख रुपये तक की निकासी कर सकेंगे।
  • बैंक से जो ब्याज़ लेगा सरकार उसका तीन परसेंट अपनी तरफ से भरेगी।
  • नीतीश कुमार ने कहा है कि पांच मेडिकल कालेज की स्थापना की जाएगी।
  • बीजेपी ने कहा है कि चार ज़िलों में कोचिंग हब की स्थापना की जाएगी।

वैसे नीतीश कुमार दस साल में तीन मेडिकल कॉलेज ही बना सके और वो किस हालत में है बिहार के लोग जानते होंगे। पर कोई पार्टी कोचिंग हब बनाने की बात कर रही है। क्या कोचिंग अब सरकार का काम होगा। सरकारी कोचिंग या कोचिंग वालों को सरकारी सुविधा। मेक इन इंडिया ब्रांड का एक छोटा ब्रांड भी तैयार हो रहा है। बीजेपी ने उसे मेक इन बिहार का नाम दिया है। इन सब पर बात करेंगे लेकिन एक गुज़ारिश है कि सभी वक्ता विज़न डाक्यूमेंट को लेकर ही बात करें। जात पात पर बात बहुत हो चुकी है।

 

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