एक दिन पहले ही मैंने ब्लॉग में लिखा था “दबाव में तो हैं कोहली”. उसके 24 घंटे के अंदर कोहली ने T20 टीम की कप्तानी छोड़ने का एलान कर दिया. आईसीसी T20 वर्ल्ड कप के बाद कोहली क्रिकेट के सबसे छोटे फ़ॉर्मेट की कमान छोड़ देंगे. टेस्ट और वनडे में वे कप्तान बने रहेंगे.
कोहली ने ट्वीट कर इसका एलान किया, 'मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मैंने न सिर्फ भारत का प्रतिनिधित्व किया बल्कि टीम की बागडोर संभालने का मौक़ा मिला. मैंने पूरी क्षमता से भूमिका निभाई है. मैं हर किसी का शुक्रिया अदा करता हूं जिसने भारतीय टीम की कप्तानी के सफ़र में मेरा साथ दिया. ये साथी खिलाड़ियों, सपोर्ट स्टाफ़, चयन समिति, कोच और हर किसी ने जिसने भारतीय टीम की सफलता के लिए प्रार्थना की, के बिना संभव नहीं होता.'
बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने की ख़बर को ख़ारिज कर दिया था. बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने भी इस बारे में अनभिज्ञता ज़ाहिर की थी जबकि बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली कह रहे हैं कि पिछले 6 महीनों से विराट कोहली से कप्तानी के बारे में चर्चा हो रही थी. सोच समझकर निर्णय लिया गया है. तो क्या बीसीसीआई के सदस्यों के बीच संवादहीनता है या जैसा कि हम बात कर रहे थे- दबाव बनाकर विराट से कप्तानी ले ली गयी है? मेरी जानकारी कहती है कि विराट कोहली कप्तानी छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे. उन्हें बीसीसीआई सीधे तौर पर हटाने की हिम्मत नहीं दिखा पा रही थी. शायद उन्हें हटने के लिए इशारा किया जाता रहा था लेकिन बात नहीं बन पा रही थी. लिहाज़ा पहले मीडिया में खबर फैलायी गयी. फिर जब दबाव बहुत बढ़ गया तो विराट ने T20 की कप्तानी छोड़ दी लेकिन वनडे टीम की बागडोर छोड़ने के लिए राज़ी नहीं हुए. एक अहम फ़ैक्टर रहा रवि शास्त्री का वर्ल्ड कप के बाद विदा लेना. उनके नहीं रहने से कोहली के विरोधियों… तो नहीं कहूंगा, उनके प्रतिद्वंद्वियों की ताक़त बढ़ जाएगी. विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच अहं की ख़बरें गाहे-बगाहे आती रहती हैं.
कोहली ने आगे कहा, 'बेशक इस फैसले पर पहुंचने में वक्त लगा. मैंने अपने नज़दीकियों से काफी बात-विचार करने के बाद ही यह फैसला लिया है. रवि भाई और रोहित, जो नेतृत्व का अहम हिस्सा हैं, से बात करने के बाद मैंने इस T20 वर्ल्ड कप के बाद T20 की कप्तानी से हटने का फैसला किया है. मैंने सचिव जय शाह और अध्यक्ष सौरव गांगुली से इस बारे में बात की है. इसके साथ ही चयनकर्ताओं से भी चर्चा की है. मैं भारतीय क्रिकेट और भारतीय टीम की अपनी पूरी क्षमता के साथ सेवा करता रहूंगा.'
बाहरी दबाव के साथ-साथ कोहली के अंदर भी संघर्ष चल रहा था. उनकी कप्तानी में भारत आईसीसी का कोई ख़िताब नहीं जीत पाया है. विराट कोहली 2014 से टेस्ट और 2017 से सीमित ओवर्स टीम के कप्तान हैं. अपनी कप्तानी में कोहली रॉयल चैंलेंजर बैंगलोर को एक बार भी आईपीएल चैंपियन नहीं बना पाए हैं जबकि मुंबई इंडियन्स पांच बार चैंपियन रही है. रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने 2018 में एशिया कप और श्रीलंका में निदहास ट्रॉफ़ी जीत चुका है. रोहित ने 19 T20 मैचों में कप्तानी की है जिसमें 15 में जीत दर्ज की है. उन्होंने 10 वनडे में भी कप्तानी की है और 8 में भारत जीता है.
विराट ने कप्तानी छोड़ने के पीछे काम के अधिक बोझ का हवाला दिया है. 'काम के बोझ को समझना बेहद महत्वपूर्ण है. पिछले 8-9 साल से मैं तीनों स्वरूप में देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. बीते 5-6 साल से मैं तीनों का कप्तान हूं. काम का दबाव समझा जा सकता है. मुझे लगता है कि टेस्ट और वनडे फॉर्मेट में कप्तानी के लिए मुझे थोड़ा स्पेस छोड़ने की जरूरत है. T20 कप्तान के तौर पर मैंने अपना सब कुछ दिया और मैं T20 टीम में बल्लेबाज के तौर पर जुड़ा रहूंगा.'
जैसा कि मैंने पहले भी आंकड़ो पर ग़ौर फ़रमाया था जो इस बात की तसदीक़ करते हैं कि कप्तान बनने के बाद उनकी बल्लेबाज़ी बेहतर हुई. कप्तान विराट कोहली ने 65 टेस्ट में 56.10 की औसत से 5667 रन बनाए हैं जबकि एक खिलाड़ी के तौर पर 31 टेस्ट में 41.13 की औसत से 2098 रन बनाए हैं. जहां तक वनडे की बात है, 95 वनडे में उन्होंने बतौर कप्तान 72.65 की औसत से 5449 रन बनाए हैं जबकि एक खिलाड़ी के तौर पर 159 वनडे में 51.29 की औसत से 6720 रन बनाए हैं. साफ़ है कप्तान के रूप में टेस्ट और वनडे दोनों में उनका प्रदर्शन बेहतर है. कोहली ने 45 T20 में कप्तानी की है और 45 में सिर्फ़ खिलाड़ी के तौर पर खेले हैं. बतौर कप्तान उनका औसत 48.45 और खिलाड़ी के रूप में 57.13 रहा है. कमोवेश यहां भी उनकी कप्तानी का असर बल्लेबाज़ी पर नहीं पड़ा है.
ये जरूर हुआ है कि हाल के साल में टीम की उन पर निर्भरता कम हुई है. पिछले दो साल तक कोहली तीनों स्वरूप में नंबर-1 बल्लेबाज़ थे. 2015 से 2019 तक उनका करियर बुलंदियों पर था. 2020 से उनके फॉर्म में गिरावट नज़र आ रही है. उनके औसत प्रदर्शन या उनकी ग़ैरमौजूदगी में भी टीम का प्रदर्शन कमोबेश बना रहा. ऑस्ट्रेलिया में विराट कोहली एक टेस्ट के बाद ही अपनी बेटी की जन्म के लिए भारत लौट गए थे. उनकी अनुपस्थिति में भी टीम 2-1 से सीरीज़ जीतने में कामयाब रही.
फ़िलहाल विराट कोहली के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं. इसी रविवार से संयुक्त अरब अमीरात में आईपीएल का दूसरा हिस्सा खेला जाएगा. फ़िलहाल उनकी टीम 7 मैचों में 5 जीत के बाद दिल्ली कैपिटल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के बाद तीसरे नंबर पर है. क्या वे इस दफ़े रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को चैंपियन बना पाएंगे? दूसरी चुनौती आईसीसी T20 वर्ल्ड कप है. ये टूर्नामेंट संयुक्त अर अमीरात और ओमान में 17 अक्टूबर से 14 नवंबर के बीच खेला जाना है. उनके प्रशंसक चाहेंगे कि आईसीसी की पहली ट्रॉफ़ी जीत कर विराट कप्तानी छोड़ें.
संजय किशोर एनडीटीवी में स्पोर्ट्स एडिटर हैं...
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