कांग्रेस के लिए एक बड़ी राहत यह है कि यूपीए से जुड़े दल उसके साथ खड़े हैं। इसके अलावा वह लगातार सिग्नल दे रही है कि वह बातचीत के लिए तैयार है। उसने अपनी तरफ से साफ कर रखा है कि प्रधानमंत्री के मसले पर वह किसी भी हद तक जा सकती है।
संसद में चल रहे हंगामे के बीच कांग्रेस ने हर तरह के सिग्नल दिए और वापस लिए। विश्वास मत लेने से लेकर सत्र टालने तक के। दरअसल यह दिख रहा है कि संसद की लड़ाई आख़िरकार उसे सड़क पर ही लड़नी होगी।
संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने याद दिलाया कि देश और कांग्रेस के सामने कई अहम चुनौतियां हैं।
इस टकराव में यूपीए को सबसे ज़्यादा उम्मीद एनडीए की दरारों से है। अपनी कई कोशिशों के बावजूद बीजेपी दूसरे सहयोगियों का पूरा साथ हासिल नहीं कर पाई है ये यूपीए के लिए बड़ी बात है।
This Article is From Aug 29, 2012
एनडीए की दरारों से यूपीए को उम्मीदें
Himanshu Shekhar Mishra
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Updated:नवंबर 19, 2014 15:54 pm IST
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Published On अगस्त 29, 2012 00:19 am IST
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Last Updated On नवंबर 19, 2014 15:54 pm IST
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