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This Article is From Jul 07, 2015

उमाशंकर की कलम से : सदबुद्धि नहीं, दबाव का नतीजा है सीबीआई जांच की तरफ शिवराज का कदम

Umashankar Singh
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  • Updated:
    जुलाई 07, 2015 16:26 pm IST
    • Published On जुलाई 07, 2015 15:28 pm IST
    • Last Updated On जुलाई 07, 2015 16:26 pm IST
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी देने की बात की है, लेकिन कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह सिर्फ इससे संतुष्ट नहीं हैं। उनकी मांग है कि सीबीआई की जांच तो हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में। ज्ञात है कि इस बाबत उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 9 जुलाई को सुनवाई होनी है।

दिग्विजय ने शिवराज के इस कदम के तुरन्त बाद एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा, 'अच्छा है कि भगवान ने शिवराज सिंह को सद्बुद्धि दी है।' दिग्विजय ने तंज में यह बात कही है, लेकिन यह सदबुद्धि से ज्यादा व्यापमं से जुड़े लोगों की एक के बाद हो रही रहस्यमयी मौतों के बाद इस मामले के तूल पकड़ने और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख़ तय होने से बने दबाव का नतीजा है।

शिवराज कल तक व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने को तैयार नहीं थे। उनकी तरफ से बार-बार दलील दी जा रही थी कि हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच चल रही है, जिससे कोर्ट संतुष्ट है। शिवराज के साथ-साथ देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि कोर्ट के आदेश पर ही सीबीआई जांच करायी जाएगी, लेकिन कोर्ट की तरफ़ से कोई आदेश आता उससे पहले ही शिवराज ने खुद अपनी तरफ से कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा दिया।

जाहिर है जिस तरह से इस संबंध में दिग्विजय सिंह समेत कई याचिकाकर्ताओं की तरफ से दायर याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने एडमिट करते हुए सुनवाई की तारीख तय की, राज्य और केन्द्र सरकार दोनों दबाव में आ गए। सुप्रीम कोर्ट सीबीआई जांच का आदेश जारी करता तो दोनों सरकार की बड़ी फजीहत होती। लिहाजा चेहरा बचाने के लिए हाईकोर्ट के पाले में गेंद डाल दिया गया है।

दूसरी तरफ उमा भारती ने जिस तरह से इस मामले पर बयान दिया बीजेपी उससे दबाव में आ गई। एफआईआर में अपने नाम को लेकर भड़की उमा भारती ने इस मामले की पूरी तहकीकात की मांग के साथ-साथ सीएम की भूमिका की जांच भी कर रही है।

दिग्विजय सिंह बार-बार कहते रहे हैं कि घोटाले की एक्सेल शीट में पैरवीकार के तौर पर सीएम ऑफिस का नाम मिटाकर उमा भारती का नाम लिख दिया। उमा भारती को लगता है कि सीबीआई जांच से ही पूरे मामले का खुलासा हो सकता है।

कुल मिलाकर विपक्ष का दबाव और बीजेपी के भीतर की राजनीति ने शिवराज को वह करने को मजबूर कर दिया, जिसके लिए वह सालों से नाक पर मक्खी नहीं बैठने दे रहे थे।

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