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This Article is From Sep 10, 2018

डॉलर अंडरवियर नहीं अमरीकी डॉलर महंगा हुआ है, 72.55 रु का हो गया है

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    सितंबर 10, 2018 16:38 pm IST
    • Published On सितंबर 10, 2018 16:38 pm IST
    • Last Updated On सितंबर 10, 2018 16:38 pm IST
सोमवार को 12 बज कर 03 मिनट पर डॉलर ने भारतीय रुपये को फिर धक्का दिया है. इस समय पर रुपये का भाव ऐतिहासिक रूप से नीचे चला गया. एक डॉलर 72 रुपये 55 पैसे का हो गया. वाकई अब श्री श्री रविशंकर से कहना होगा कि वे आएं और कुछ भभूत-वभूत छिड़कें ताकि डॉलर का नशा उतर जाए. ध्यान रहे कि यहां एक डॉलर अमरीकी मुद्रा है और एक डॉलर गंजी अंडरवियर का भारतीय ब्रांड. इस डॉलर को कुछ नहीं होना चाहिए.

रामदेव के अनुसार मोदी जी के आने पर पेट्रोल 35 रुपया लीटर होने वाला था. महाराष्ट्र के एक शहर में पेट्रोल 89.97 रुपया लीटर हो गया है. डीज़ल 77.92 रुपया लीटर हो गया है. जनवरी से लेकर अब तक पेट्रोल 10 रुपया महंगा हो चुका है. बढ़ती कीमतों के बीच अमित शाह ने कहा है कि बीजेपी 50 साल तक सत्ता में रहेगी. यह बात कहते हुए स्पष्ट किया है कि अहंकार में नहीं कह रहे बल्कि काम के दम पर 50 साल सत्ता में रहेंगे.

कमबख़्त अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों ने किस जनम का बदला निकाला है, पता नहीं. प्रधानमंत्री ने ठीक कहा है कि विपक्ष फेल हो गया है. इसका मतलब तो यही हुआ कि सरकार पास ही पास है.

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निदेशक केतन देसाई का केस याद नहीं ही होगा. वे आठ साल पहले निदेशक थे. इनके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के बहुत से आरोप लगे. मगर जांच की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण एक एक करके सारे आरोप ख़ारिज होते जा रहे हैं. दिल्ली के पटियाला कोर्ट में एक मामले में चार्जशीट दायर करते हुए सीबीआई ने कहा कि गुजरात सरकार ने इस केस में मुकदमा दायर करने की अनुमति नहीं दी है.

गुजरात सरकार ने मुकदमा करने की अनुमति क्यों नहीं दी, इस पर ज़्यादा दिमाग़ लगाने की ज़रूरत नहीं है. हो सकता है यह भी एक तरीका हो भ्रष्टाचार से लड़ने का. मुकदमा या जांच की अनुमति ही न दो तो साबित ही नहीं होगा. फिर ख़बर लिखी जाएगी कि भ्रष्टाचार है कहां. जबकि इसी मामले में चार अन्य के खिलाफ मामला चल रहा है.

केतन देसाई पर मेहरबानी की वजह क्या हो सकती है? कौन है जो उन पर मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दे रहा है? भ्रष्टाचार को लेकर तो ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है फिर अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है. इस बार के चुनावों में देखिएगा, नोट कैसे पानी की तरह बहेगा और झूठ बोलने वाला सबसे ज़्यादा झूठ बोलेगा.

इस बीच ख़बर आई है कि नीरव मोदी ने जालिया फर्म बना कर बैंकों का 576 करोड़ रुपया अमरीका टपा दिया है. आप जानते हैं कि नीरव और ‘हमारे मेहुल भाई’ ने पंजाब नेशनल बैंक को 13,500 करोड़ का चूना लगाया है. नीरव मोदी पर आरोप है कि उसने 6519 करोड़ का लोन लिया. उसमें से 4000 करोड़ बाहर के देशों में टपा दिया. इतना पैसा कैसे टप गया, कोई पूछता भी है तो कोई बताता नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार नीरव मोदी टपाने का यह खेल 2009-10 से कर रहा था जो 2015-16 तक जारी रहा.

प्रत्यर्पण निदेशालय का आरोप है कि इंटरपोल ही मेहुल चौकसी को सारी सूचनाएं दे रहा है. ‘हमारे मेहुल भाई’ ने भारत की नागरिकता छोड़ एंटिगुआ की नागरिकता ले ली है.

केतन देसाई, नीरव मोदी, मेहुल भाई. आप तीनों चिन्ता न करें. आप लोगों का टाइम अच्छा चल रहा है और अभी पचास साल और चलेगा.

मुरैना के देवरी गांव में एक डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाह को अवैध खनन में लगे एक ट्रैक्टर ने कुचल दिया. मौके पर ही मौत हो गई. माफियाओं ने आधा दर्जन अधिकारियों को मार दिया है. 2012 में एक आईपीएस अफसर नरेंद्र कुमार को भी मार दिया था. हाल ही में अलकेश चौहान नाम के पुलिसकर्मी को भी माफियाओं ने कुचल दिया था.

केंद्रीय खनन मंत्रालय ने लोकसभा में माना है कि अवैध खनन के मामले में मध्य प्रदेश नंबर दो पर है. 2016-17 में मध्य प्रदेश में अवैध खनन के 13000 से अधिक मामले आए लेकिन एफआईआर सिर्फ 516 में दर्ज हुई. पहले नंबर पर महाराष्ट्र है और तीसरे पर आंध्र प्रदेश.

आप चिन्ता न करें. बिहार में सृजन घोटाले में भी दाएं बाएं हो रहा है. कई हज़ार घोटाला का आज तक पता नहीं चला. बीच बीच में छापे की ही खबर आती है काम की नहीं. कौन कौन बच गया इस सवाल को छोड़ कर सभी हिन्दू एक रहें. मोहन भागवत ने कहा है कि हिन्दू एक नहीं होते हैं. शेर अकेला होता है तो कुत्ते भेड़िये हमला कर देते हैं. नौकरी नहीं मिली तो कोई नहीं. लेकिन 89 रुपये लीटर तेल भराकर उफ्फ तक न करने वाले हिन्दुओं का ऐसा अनादर होगा उम्मीद नहीं थी. वे चुप ही तो हैं. उनके चुप रहने के बाद भी भागवत कह रहे हैं कि कुत्ते भेड़िए शेर पर हमला करने वाले हैं. जबकि सारे लोग चुपचाप शेर के पीछे खड़े हैं ताकि उन्हें कोई कुत्ता भेड़िया न कहे. वैसे मैं समझ नहीं सका कि वे एक होने के लिए किसे कह रहे हैं. शेर को एक होने के लिए कह रहे हैं या कुत्ते भेड़ियों को एक होने के लिए कह रहे हैं.

ज़्यादा टेंशन न लें. जो कहा गया है उसे समझें. विचार करें. उम्मीद है आप समझ गए हैं मगर कमेंट समझने से पहले कीजिएगा. आईटी सेल काफी सक्रिय है. वो जो कहे वही मान लीजिएगा.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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