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This Article is From Jun 20, 2019

कहानी दरभंगा मेडिकल कॉलेज की, कभी अपग्रेड तो कभी एम्स, दोनों का पता नहीं

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जून 20, 2019 20:17 pm IST
    • Published On जून 20, 2019 18:48 pm IST
    • Last Updated On जून 20, 2019 20:17 pm IST

नवंबर 2014 में केंद्र सरकार घोषणा करती है कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत देश के 39 मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड किया जाएगा. इसमें दरभंगा मेडिकल कॉलेज का भी नाम था. 2015 में भी बयान जारी होता है. सूची जारी होती है. उसमें भी दरभंगा मेडिकल कॉलेज का नाम है. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत एम्स बनाने का फ़ैसला होता है और पहले से चल रहे राज्यों के मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड करने का फ़ैसला होता है. अस्सी फ़ीसदी पैसा केंद्र और बीस फ़ीसदी राज्य देता है. 2015 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री जेटली एलान करते हैं कि बिहार में एम्स बनेगा. उस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने थे. राजद और जदयू की सरकार बनती है. 2017 में राज्यसभा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे कहते हैं कि नए एम्स के लिए बिहार सरकार ने जगह नहीं दी है. तीन साल समाप्त हो जाते हैं. इस बीच बिहार में जदयू और बीजेपी की सरकार बनती है. चार साल में बिहार सरकार एम्स के लिए ज़मीन नहीं खोज पाती है.

मार्च 2019 में जे पी नड्डा एलान करते हैं कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड कर एम्स बनाया जाएगा. मेरी जानकारी में एम्स किसी अस्पताल को अपग्रेड कर नहीं बनता है. वैसे ख़बर है कि अभी तक एम्स के लिए ज़मीन नहीं मिली है. जे पी नड्डा 2014 में दरभंगा मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड कर रहे थे. 2019 में उसे एम्स बनाने लगे. 2014 के अपग्रेड करने के फ़ैसले के कारण दरभंगा मेडिकल कालेज में एक सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल की इमारत बनकर तैयार है. मगर अभी तक चालू नहीं हुआ है.घोषणा तो दिसबंर 2018 में चालू करने की थी. डॉक्टर कहां से आएगा? इमारत बनने से अस्पताल नहीं बनता. ठीक इसके सामने सर्जरी विभाग है. जिस इमारत में सर्जरी और ऑर्थो विभाग है उसे 2016 में ख़तरनाक घोषित किया जा चुका है. मगर अभी भी वहां मरीज़ लाए जाते हैं और ऑपरेशन होता है. इसके लिए फ़ंड मंज़ूर है मगर नई इमारत के लिए जगह नहीं मिली है.

यह भी पता चला कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान योजना के तहत 600 मरीज़ों का उपचार हुआ है. केंद्र की तरफ से 300 मरीज़ों का पैसा अस्पताल को मिल गया है. इतने बड़े अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत मात्र 600 मरीज़ों का इलाज हुआ है. यह सब जानकारी पीआईबी की प्रेस रीलीज, लोगों से बातचीत के आधार पर दी गई है. आप भी पता करें.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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