बैंगलोर में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल दूसरे दिन सरफ़राज़ ख़ान ने लंच के पहले अपना शतक पूरा कर लिया और दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला का सिग्नेचर स्टेप कॉपी कर जश्न मनाया. उन्होने मूसेवाला के स्टाइल में जांघ पर थपकी मारी और एक हाथ ऊपर उठाया. सरफ़राज ने 243 गेंद पर 134 रन कीस पारी खेली जिसमें 13 चौके और 2 छक्के शामिल थे. 24 साल के सरफ़राज़ ख़ान की अब तक की दास्तान बेहद अजीब रही है. फ़र्स्ट क्लास में उनका औसत है 81.06. उनसे बेहतर औसत सिर्फ़ सर डॉन ब्रैडमैन का है-95.14. क्या वंडर किड सरफ़राज़ ख़ान का समय आ गया है? पिछले 13 साल से पिता-पुत्र सरफ़राज़ और नौशाद ख़ान ने अपना जीवन क्रिकेट में झोंक रखा है. लेकिन अब तक राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं बन पायी है.
मुंबई के युवा बल्लेबाज़ सरफ़राज़ मौजूदा सीज़न में सबसे ज़्यादा रन बना चुके हैं. इस सीज़न रणजी ट्रॉफ़ी की 8 पारियों में 937 रन बनाए हैं. जिसमें 4 शतक और 2 अर्धशतक शामिल हैं. सौराष्ट्र के ख़िलाफ़ 401 गेंद पर 275 रन की शानदार पारी खेली. इतना ही नहीं रणजी इतिहास में 2 सीज़न में 900 से ज़्यादा रन बनाने वाले सिर्फ़ तीसरे खिलाड़ी हैं.
सबसे पहले ये रिकॉर्ड अजय शर्मा ने बनाया था. अजय ने 1991-92 में 993 और 1996-97 सीज़न में 1033 रन बनाए थे. वसीम ज़ाफ़र ने 2008-09 में मुंबई के लिए 1260 और 2018-19 में विदर्भ के लिए 1037 रन बनाए थे. सरफ़राज़ ने 2019-20 में 928 और 2021-22 में 937 रन बना चुके हैं
जैसा कि मैंने बताया कि सरफ़राज़ के करियर की कहानी बेहद अनोखी रही है. बात 13 साल पुरानी है. साल 2009 में 12 साल के एक बच्चे ने इंटर स्कूल प्रतियोगिता में रिज़वी स्प्रिंगफ़ील्ड स्कूल के लिए 439 रन बनाए. सचिन तेंदुलकर के हैरिस शिल्ड में बनाए रिकॉर्ड को तोड़ कर बच्चा सुर्खियों में आ गया था. पारी में 56 चौके और 12 छक्के शामिल थे. नाम था सरफ़राज़ ख़ान. ऐसा लगा कि भारत को अगला सचिन मिल चुका है. मगर मुंबई क्रिकेट संघ ने सरफ़राज़ को उम्र में हेरफेर का आरोप लगाकर निलंबित कर दिया. हालांकि एडवांस टेस्ट में सरफ़राज़ क्लीयर कर दिए गए.
- 2013 में उन्हें अंडर-19 टीम में शामिल किया गया. दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ़ 66 गेंद पर 101 रन का शानदार पारी खेली.
- 2014 में उन्हें अंडर-19 वर्ल्ड कप की टीम के लिए चुना गया. उन्होने 6 मैच में 211 रन बनाए.
- 2015 में उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैगलोर ने 50 लाख में ख़रीदा और आईपीएल में खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी भी बने.
- 2017 में एक बार फिर अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेलने का अवसर मिला और उन्होने 6 मैच में 355 रन बनाए
सरफ़राज का करियर बहुत उतार-चढ़ाव भरा रहा है. 2 अंडर-19 वर्ल्ड कप खेले, आईपीएल में दिखाया कि सफ़ेद गेंद खेलने में कितने माहिर हैं. 2015 में नई शुरुआत के लिए सरफ़राज़ मुंबई से उत्तर प्रदेश की टीम में शामिल हो गए. मगर 2016-17 सीज़न अच्छा नहीं गया. उनका औसत 30 के करीब सिमट कर रह गया. उसके बाद इंजरी के कारण 8 महीने मैदान से बाहर रहना पड़ा. 2018 में फिर मुंबई की टीम में लौट गए. लेकिन मुंबई की टीम में वापसी आसान नहीं थी. यहां अर्धशतक से काम नहीं चलता. 2019 में मुंबई की टीम में वापसी हुई और 2019-20 सीज़न में 6 मैच में 154.66 की औसत से रन बनाए.
सरफ़राज़ खान के लिए सबसे बड़ी चुनौती रही है फ़िटनेस को लेकर अपनी ख़राब छवि को दुरुस्त करना. फ़ील्डिंग और विकेट के बीच में दौड़ में पिछड़ जाते थे. सरफ़राज़ ने माना था कि 2016 में फ़िटनेस के कारण विराट कोहली ने उन्हें रॉयल चैसेंजर्स बैंगलार की टीम से ड्रॉप कर दिया था. हालांकि अब वे अपने फ़िटनेस को लेकर बेहद सतर्क हैं. सरफ़राज़ के पिता नौशाद का कहना है कि क्या दिखने में फ़िट होना ज़रुरी है या मैच फ़िट होना.
सरफ़राज़ के पिता नौशाद ख़ान उनके कोच भी हैं. पिछले 13 साल से पिता-पुत्र ने अपना जीवन क्रिकेट में झोंक रखा है. शादी या दूसरे पारिवारिक समारोह में भी नहीं जाते
सुबह 5 बजे दिन की शुरुआत हो जाती है और रात 9 बजे तक चलती है. पिता ने घर में ही कृत्रिम टर्फ़ डाल रखा है. यहां वे लंच तक लाल गेंद और लंच से टी तक सफ़ेद गेंद पर अभ्यास करते हैं. चायकाल के बाद का समय T20 के लिए है.
लगातार रन बनाने के बाद अब उनका नाम राष्ट्रीय टीम के लिए लिया जा रहा है. एक समय ऐसा लगा कि लगा कि प्रतिभा व्यर्थ जाएगी. मगर तमाम दुश्वारियों और संघर्ष के बीच सरफ़राज़ ख़ान की बेहतर करने की ज़िद बनी रही.