पहले भी तो सिनेमा का विरोध और सिनेमाहॉल पर हमला हुआ है। पहले भी तो कई बार संस्कृति और धर्म के अपमान की बातें हुई हैं। सब कुछ पहले हो चुका है, जो 'pk' (पीके) के विरोध को लेकर हो रहा है। पक्ष और विपक्ष में जो कुछ भी कहा जा रहा है, वह पहले कई बार कहा जा चुका है।
समस्या किससे है...? उनसे, जो बाबा धर्म के नाम पर तरह-तरह के कर्मकांड बताकर लोगों से ठग रहे हैं या उनसे, जो ऐसा करने वाले बाबाओं पर फिल्में और नाटक बना रहे हैं। क्या धर्म के नाम पर लोगों के सामने देवता होने का दावा करने की घटना असली ज़िन्दगी में नहीं घटी है। आसाराम और रामपाल ने जो कुछ किया, क्या वह धर्म की गरिमा के अनुकूल था।
'pk' फिल्म का पोस्टर फाड़ने वाले क्यों नहीं ऐसे बाबाओं के पोस्टर फाड़ते हैं। क्या वे धर्म के नाम पर ठगी करने वाले तथाकथित संतों को भी धर्म का रक्षक मानते हैं...? क्या आस्था के नाम पर धर्म की पहरेदारी करने वाले इन संगठनों को कानूनी अधिकार दे दिया जाए...? यही लोग धर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं, यह फैसला कब और किसने किया है।
वर्ष 2012 में भी एक फिल्म आई थी, 'OMG, ओ माई गॉड'... 'pk' के बारे में कहा जा रहा है, 'OMG' जैसी है। इस फिल्म के सह-निर्माता परेश रावल थे, जो अक्षय कुमार के साथ लीड रोल में थे। इस फिल्म का विरोध बजरंग दल, शिवसेना और कुछ अखबारों की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब प्रदेश महिला कांग्रेस ने भी किया था। सुषमा स्वराज ने आरएसएस की एक सभा में कहा था कि हिन्दू देवी-देवताओं पर हमला हो रहा है, और वह इस फिल्म के बारे में लोकसभा में मुद्दा उठाएंगी।
तब सुषमा स्वराज विपक्ष में थी और अब विदेशमंत्री हैं। 'OMG' के कलाकार और निर्माता परेश रावल बीजेपी के सांसद हैं और प्रधानमंत्री के करीबी भी माने जाते रहे हैं। विरोध के समय भी परेश रावल पीछे नहीं हटे थे। उन्होंने तब मीडिया में जो कहा था, उसका सार यह है कि हमने सोच-समझकर यह फिल्म बनाई है। मैं भी ईश्वर में यकीन रखता हूं, लेकिन उस तक पहुंचने के महंगे कर्मकांडों के खिलाफ हूं।
'OMG' का विरोध करने वाले क्या परेश रावल के खिलाफ भी बोलेंगे, क्योंकि फिल्म तो अब भी दिखाई और देखी जाती है। क्या विरोधी बताएंगे कि 'OMG' के विरोध का क्या स्टेटस है। यहां सवाल परेश रावल या आमिर खान के हिन्दू या मुसलमान होने का नहीं है। सवाल है कि धर्म के नाम पर रोज़ पैदा हो रही बुराइयों के खिलाफ कोई कुछ कह सकता है या नहीं। 'pk' फिल्म में कर्मकांड और प्रपंच पर व्यंग्य है, लेकिन किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है। अंत में फिल्म वही कहती है, जो हर मज़हब कहता है कि इंसान से प्रेम करो और एक-दूसरे पर भरोसा करो। क्या यह बात किसी भी धर्म को बेहतर नहीं बनाती। क्या सती प्रथा, बाल विवाह, छुआछूत के खिलाफ संघर्ष करने वाले महान लोग हिन्दू धर्म का अपमान कर रहे थे...?
अगर किसी को यह लगता है कि फिल्मों में सिर्फ हिन्दू देवी-देवताओं पर हमला किया जाता है तो उन्हें पाकिस्तान के फिल्म निर्माता शोएब मंसूर की फिल्म 'खुदा के लिए' देखनी चाहिए। वर्ष 2007 में बनी यह फिल्म 'OMG' और 'pk' से कहीं ज़्यादा डायरेक्ट और बेहतरीन है। 'खुदा के लिए' में मंसूर ने कॉमेडी का सहारा नहीं लिया है, बल्कि आंख में आंख डालकर कहा है कि इस्लाम मुसलमान की दाढ़ी में नहीं है। तमाम फिल्मों और लेखों में इस्लामिक कट्टरपंथ से लेकर कर्मकांडों की आलोचना हुई है और रोज़ हो रही है।
'pk' का विरोध करने वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण दोबारा सुनना चाहिए। यह और बात है कि गणेश जी की प्लास्टिक सर्जरी की बात कहकर उन्होंने अपनी बात को हल्का ही कर दिया, लेकिन फिर भी संसद में उनके भाषण को ज़्यादा औपचारिक माना जाना चाहिए। जून महीने में राष्ट्रपति के अभिभाषण के समर्थन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हमें गरीबों को अंधविश्वास और अंधभक्ति से आज़ाद कराना है। एम्स अस्पताल के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने मेडिकल छात्रों से कहा था कि हमें वैज्ञानिक सोच का ज़्यादा से ज़्यादा विस्तार करना है।
धर्म और संस्कृति की उम्र इसके खतरे के नाम पर राजनीति करने वालों की उम्र से कई हज़ार साल ज़्यादा है। धर्म और संस्कृति ने इनसे पहले और इनके बगैर भी खतरे उठाए हैं और अपना वजूद बनाए रखा है। बेहतर होगा कि इन संगठनों के नेता और कार्यकर्ता भी 'pk' देख आएं और फिल्म का तर्कपूर्वक विरोध करें, क्योंकि यह उनका अधिकार बनता है, लेकिन पोस्टर फाड़ना और बैन की मांग करना थोड़ा ज़्यादा हो जाता है। बाबाओं के समर्थन में फिल्म बनाकर 'pk' का जवाब देने का आइडिया कैसा रहेगा...?
This Article is From Dec 29, 2014
रवीश कुमार की कलम से : 'pk' का विरोध करने से पहले...
Ravish Kumar, Vivek Rastogi
- Blogs,
-
Updated:दिसंबर 29, 2014 17:07 pm IST
-
Published On दिसंबर 29, 2014 17:03 pm IST
-
Last Updated On दिसंबर 29, 2014 17:07 pm IST
-
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
पीके का विरोध, पीके फिल्म का विरोध, आमिर खान, ओ माई गॉड, परेश रावल, पीके के खिलाफ प्रदर्शन, Protest Against PK, PK, Omg Oh My God, Aamir Khan