ऐसा लग रहा है कि भारत से भागने के लिए एयरपोर्ट पर अलग से काउंटर बना हुआ है, जहां से बैंक लूटने वालों को भागने में मदद की जा रही है. टाइम्स आफ इंडिया के नीरज चौहान की एक ख़बर गोदी मीडिया से ग़ायब है. भागने वाले नए खिलाड़ी का नाम है कि नितिन संदेसरा. इन पर 5300 करोड़ रुपये के बैंक फ्राड का आरोप है. इनकी गुजरात के वडोदरा में एक कंपनी है, जिसका नाम है स्टर्लिंग बायोटेक. अगस्त में ख़बर आई थी कि संदेसरा सऊदी भागा है और वहीं पकड़ा गया है, लेकिन अब ख़बर आ रही है कि संदेसरा ने नाईजीरिया को चुना है. नाईजीरिया के साथ भारत का प्रत्यर्पण करार नहीं है, इसलिए वहां से लाने में मुश्किल भी होगी. यह ख़बर इंडियन एक्सप्रेस में भी छपी है. आप अपने हिन्दी के रद्दी हो चुके अख़बारों को पलट कर देखिए. वहां यह ख़बर छपी है या नहीं. छपी है तो किस प्रमुखता से छपी है.
नितिन संदेसरा अकेले नहीं गए हैं. उनके साथ भाई चेतन संदेसरा, भाभी दीप्तिबेन संदेसरा भी नाईजीरिया में छुपे हैं. सीबीआई ने 5000 करोड़ के फ्रॉड के मामले में वडोदरा के नितिन, चेतन, दीप्ति संदेसरा, राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित, विलास जोशी, चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमेंत हाथी, आंध्र बैंक के पूर्व निदेशक अनूप गर्ग के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया हुआ है. जून महीने में ईडी ने इस कंपनी की संपत्तियों को सील कर दिया था. संदेसरा पर आरोप है कि इसने 300 शेल कंपनियां बनाईं. भारत में औऱ विदेशो में भी. इन सबके ज़रिए 5000 करोड़ रुपये का लोन इधर-उधर कर दिया गया. इसके पहले जतिन मेहता 6712 करोड़ का गबन कर भाग गया. जतिन मेहता सेंट किट्स की नागरिकता ले चुका है. जतिन मेहता तो 2013 में भागा था लेकिन अभी तक नहीं लाया जा सका.
प्रधानमंत्री के हमारे मेहुल भाई ( मोदी जी ने एक कार्यक्रम में हमारे मेहुल भाई कहा था) मेहुल चौकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है. नीरव मोदी के बारे में ख़बर आई थी कि उसने आस्ट्रेलिया के पास एक द्वीप की नागरिकता लेने की कोशिश की थी, लेकिन नहीं मिली. नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर 13500 करोड़ के ग़बन का आरोप है. विजय माल्या का तो पता ही होगा कि 9000 करोड़ का बैंक फ्राड कर भागने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से कुछ सेकेंड मिलकर गए थे. अरुण जेटली ने भी स्वीकार किया है कि समझौते का प्रस्ताव लेकर आए थे मगर भाव नहीं दिया. यही बात वे माल्या के भागने के दिन भी कह सकते थे. तब कहा जब माल्या ने खुद कह दिया कि जेटली से समझौते का प्रयास किया था. भागने वालों में ज़्यादातर गुजरात के हैं. नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, नितिन संदेसरा, जतिन मेहता. ऐसा तो नहीं कि इन्हें विशेष सुविधा मिल रही हो! मने कह रहे हैं. ऐसा लगता है कि भारत सरकार की कोई नई योजना आई है. भारत को लूटो, भारत से भागो. भागने वालों पर करीब 35000 करोड़ बैंक फ्रॉड के आरोप हैं.
अमित शाह ने दिल्ली में कहा है कि सौ करोड़ घुसपैठिये आ गए हैं. जल्दी ही अमित शाह हर किसी को घुसपैठिया बता देंगे. जनता अब अमित शाह को सुनना बंद करे. भागने के लिए सामान पैक करे. 100 करोड़ के जाते ही अमित शाह अकेले भारत में रहेंगे, फिर वे वाकई 50 साल राज करेंगे. जनता रहेगी नहीं तो पूछेगी भी नहीं कि अमित भाई, बांग्लादेशी भगा रहे हैं या गुजरात को बदनाम करने वाले जतिन मेहता, नितिन संदेसरा, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को भगा रहे हैं. अमित भाई, पहले जो भारत की जनता का पैसा लूट कर भाग रहा है, उसे तो पकड़िये. कहां तो आप काला धन लाने वाले थे, यहां तो काला धन जा रहा है. वैसे एक बात है, 50 साल तक चुनाव आप ही जीतेंगे. सभी भारतीयों को बांग्लादेशी बता कर भी आप चुनाव न जीतें तो यह भारत की जनता की बुद्धि का अपमान होगा. वह साबित करेगी कि आप यहां की जनता के बारे में जो सोचते हैं वह सही है. है न सर.
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This Article is From Sep 24, 2018
भारत को लूटो, भारत से भागो, नई योजना आई है क्या प्रधानमंत्री जी
Ravish Kumar
- ब्लॉग,
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Updated:सितंबर 24, 2018 12:45 pm IST
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Published On सितंबर 24, 2018 12:45 pm IST
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Last Updated On सितंबर 24, 2018 12:45 pm IST
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