विज्ञापन
This Article is From Oct 12, 2020

बिहार सरकार का यह काम तो वाक़ई शानदार है, वाक़ई

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अक्टूबर 12, 2020 09:15 am IST
    • Published On अक्टूबर 12, 2020 09:15 am IST
    • Last Updated On अक्टूबर 12, 2020 09:15 am IST

बिहार में छात्र की परीक्षा नहीं ली जाती है. परीक्षा की परीक्षा ली जाती है. छात्र सिर्फ़ फार्म भर कर छह-छह साल तमाशा देखते हैं. इस नई शिक्षा व्यवस्था के लिए नीतीश कुमार को नोबेल प्राइज़ मिलना चाहिए और सुशील मोदी को संयुक्त राष्ट्र का महासचिव बना देना चाहिए. कमाल का काम किया है दोनों ने. बल्कि दोनों को बिहार से पहले अमरीकी चुनाव में भी विजयी हो जाना चाहिए.

2014 में बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने 13000 लोअर डिविज़न क्लर्क की वेकेंसी निकाली. पेपर लीक हुआ. आयोग के सचिव जेल गए.वह परीक्षा आज भी जारी है. बल्कि 29 नवंबर क होने जा रही है. 25000 छात्र परीक्षा में बैठेंगे. इसी दिन दारोग़ा भर्ती परीक्षा है. छात्र चाहते हैं कि दोनों में से एक की तारीख़ टल जाए. ज़रूर ये तारीख़ इसलिए निकली है कि चुनाव में वोट मिल जाए. मुझे नहीं लगता कि उसके बाद भी यह परीक्षा पूरी होगी.

तभी मैं कहता हूँ कि जिस राज्य के युवाओं को छह साल से एक परीक्षा में उलझा कर रखा जाए उस राज्य के युवाओं से आपको कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए. क्योंकि उनके भीतर उम्मीद की हर संभावना समाप्त हो चुकी होगी. दुख होता है. पर कोई नहीं युवा जाति और धर्म की राजनीति करते रहें. कम से कम उन्हें इसका सुख तो मिल रहा है.

विश्व गुरू भारत के नौजवानों को एक परीक्षा का चक्र पूरा करने में छह साल लग रहे हैं. राम जाने इन छह साल में ये युवा क्या करते होंगे? उन्होंने ये छह साल कैसे बिताए होंगे? इन युवाओं के लिए मोह भी होता है लेकिन क्या कर सकते हैं.

पत्र इस प्रकार है -

Good Morning sir,

आदरणीय,

रवीश सर (NDTV)

मैं बिहार से पप्पू कुमार आपको सादर प्रणाम करता हूं !

वर्तमान समय के राजशाही व्यवस्था में हम छात्र युवाओं की आवाज कोई है तो वो आप हो जिसके लिए आपका हार्दिक शुक्रिया !

सर आपसे निवेदन है कि आप मेरी इस मांग को अपने स्तर से बोल दे ताकि कुछ बदलाव हो सके !

बात दरअसल यह है कि बिहार कर्मचारी आयोग 2014 में बहाली निकालती है लंबे समय के बाद परीक्षा करायी जाती है और पेपर लीक करवा के परीक्षा रद्द करवायी जाती !
फिर दूसरी बार काफी लंबे समय के बाद दिसंबर 2018 में दूबारा परीक्षा करायी जाती , जिसका रिजल्ट लंबे समय बाद फरवरी 2020 में जारी किया जाता है

तथा दूबारा महंगी फीस 750 रुपये लेकर मुख्य परीक्षा के लिए फॉर्म भरवाया जाता है और लंबे समय के बाद चुनावी लॉलीपॉप के तौर पर मुख्य परीक्षा की तिथि घोषित किया जाता है और फिर उस तिथि को चुनाव के कार्यों के नाम पर स्थगित किया जाता है और नई तिथि चुनाव के बाद निर्धारित किया जाता है.

सरकार एवं विभाग द्वारा अभी तक कम दर्द दिया जा रहा था कि जख्म में नमक और मिर्च लगाकर और तब बढ़ा दिया गया जब BPSSC( दरोगा ) मुख्य परीक्षा की पहले ही दो-दो तिथि स्थगित कर तीसरी परीक्षा तिथि का प्रवेश - पत्र जारी कर स्थगित किया गया !

दर्द की हद तो तब पार कर गयी जब चौथी तिथि उसी तिथि को निर्धारित किया गया जिस तिथि को BSSC मुख्य परीक्षा निर्धारित की गयी थी !

ये किस प्रकार की नीति है ? हम युवाओं के साथ क्या करना चाहते है ? हम और हमारे जैसे हजारों छात्र दोनों परीक्षा के लिए योग्य हुए है , इस परीक्षा के बाद और भी चरण है, हमलोग काफी इंतजार एवं कड़ी मेहनत से परीक्षा पास किया हैं और ऐसे हम एक परीक्षा से वंचित हो जायेंगे जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारे दिमांग पड़ेगा और जिसका प्रभाव हमारी दूसरी परीक्षा पर भी पड़ेगा और हमारी सफलता प्राप्त करने कि विश्वास में कमी आ जाएगी और हम इतने दिनों के इंतजार के बावजूद भी असफल और बर्बाद हो जाएंगे !

आप से निवेदन एवं उम्मीद है आप इस बात को अपने शो के माध्यम से बोलेंगे और कोई एक परीक्षा की तिथि को बदलने की अपील करेंगे, सिर्फ और सिर्फ आप ही हमारी आवाज हो. हम गोदी मीडिया की निंदा करते है .

आपका आभारी रहा हूं और रहूंगा

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com