प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. मोदी सरकार के तीन साल जल्द पूरे होने वाले हैं. ठीक तीन साल पहले, 16 मई 2014 को लोकसभा चुनाव के परिणाम आए तो यह साफ हो गया कि यूपीए सरकार के दिन लद गए और लोगों ने देश अगला प्रधानमंत्री खुद ही चुन लिया. यानी नरेंद्र दामोदर मोदी के लिए लोगों ने भरपूर मतदान किया और ढाई दशक बाद देश में किसी एक पार्टी को लोगों का इतना प्यार मिला कि वह अपने दम पर सत्ता पर काबिज हो. यह अलग बात है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या फिर कहें बीजेपी ने अपने सहयोगियों का साथ नहीं छोड़ा और ससम्मान एनडीए की अपने सहयोगियों के साथ सरकार बनी.
प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली और फिर चल पड़ा भारत में मोदी युग. गुजरात के बाहर मोदी युग की शुरुआत हो रही थी. लोग पहले गुजरात को पास फेल करते थे. अब मोदी की कार्यशैली को पूरे देश को देखना था. कुछ खास बातें तो नरेंद्र मोदी के कार्यशैली में रहीं जिसके चलते लोगों का विश्वास उनपर बढ़ता ही गया. बिहार को छोड़ दें तो केंद्र में मोदी की सरकार बनने के बाद से कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए और बीजेपी ने सत्ता का सुख चखा. कई ऐसे राज्यों में बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने के लिए सक्षम बनी क्योंकि केंद्र में नरेंद्र मोदी का चेहरा लोगों को दिख रहा था. यह अलग बात है कि केवल मोदी के चेहरा का जादू नहीं है. 2014 का चुनाव भले ही मोदी के चेहरे पर लड़ा गया हो, लेकिन नरेंद्र मोदी मेहनत का कायल यह देश हो गया.
परिणाम को सभी ने सर आंखों पर बिठाया और पीएम के रूप में नरेंद्र मोदी के काम भले ही विपक्ष की नजर में गौण हों यानी न के बराबर हों या फिर कहें केवल जुमले बाजी लेकिन लोगों की नजर में मोदी आज भी स्टार हैं. मोदी की सरकार बनने के बाद से कई सर्वे कराने वाली एजेंसियों के परिणाम यही बताते हैं कि मोदी आज भी लोगों की पहली पसंद है. सरकार बनने के बाद लोगों में मोदी प्रेम किस कदर बढ़ा है कि राज्यों में पार्टी ने मोदी के नाम पर वोट मांगें. मोदी के आश्वासन और वादे लोगों को पसंद आए. लोगों ने मोदी के वादों पर भरोसा दिया और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में पार्टी ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की. यूपी और बिहार में मोदी के प्रति लोगों का झुकान विपक्ष का लगातार साल रहा है यानी परेशान कर रहा है. विपक्षी दलों को अभी से 2019 की चिंता सता रही है. उन्हें अभी इस रणनीति पर विचार करना पड़ रहा है जिससे मोदी के विजय रथ को रोका जाए. अभी तक विपक्ष के हाथ ऐसा कुछ नहीं लगा जिससे वह मोदी की आजाद उड़ान में कोई खलल डाल सकें.
(राजीव मिश्रा एनडीटीवी खबर में न्यूज़ एडिटर हैं)
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This Article is From May 16, 2017
नरेंद्र मोदी के जीत के तीन साल, विपक्ष को केवल एक बात का इंतजार
Rajeev Mishra
- ब्लॉग,
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Updated:मई 25, 2017 18:49 pm IST
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Published On मई 16, 2017 19:17 pm IST
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Last Updated On मई 25, 2017 18:49 pm IST
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