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उत्तराखंड में घाम तापो पर्यटन, एक अनोखा प्रयोग, मेरी पहाड़ की यात्राओं के अनुभव

Kishor Kumar Rawat
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मार्च 11, 2025 19:36 pm IST
    • Published On मार्च 11, 2025 17:07 pm IST
    • Last Updated On मार्च 11, 2025 19:36 pm IST
उत्तराखंड में घाम तापो पर्यटन, एक अनोखा प्रयोग, मेरी पहाड़ की यात्राओं के अनुभव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दिनों उत्तराखंड के उत्तरकाशी में थे. वहां पर उन्होंने 'घाम तापो पर्यटन' का नया मंत्र उत्तराखंड को दिया. सर्दियों में मैदानी इलाकों में प्रदूषण और कोहरे की वजह से धूप खिलकर नहीं आ पाती है, इसलिए प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की है कि उत्तराखंड आकर वो धूप का आनंद ले सकते हैं. इसके बाद से उत्तराखंड में घाम तापो पर्यटन का एक नया और अनोखा प्रयोग शुरू हो रहा है. इसे अंग्रेजी में सन बाथ टूरिज्म कहा जा सकता है.

पहाड़ों की गुनगुनी धूप

मेरी कई ऐसी यात्राएं रही हैं, जिसमें मैंने इसका अनुभव महसूस किया है, चाहे वह मेरी सतोपंथ स्वर्गरोहिणी की यात्रा हो, नंदा देवी राजजात यात्रा हो या फिर केदारनाथ जिसमें मैंने पहाड़ों पर इसका अनुभव किया है. आप धाम तापो यानी पहाड़ों पर कहीं भी धूप सेंक सकते हैं. इसका एक उदाहरण मेरी बदरीनाथ धाम की यात्रा थी. बदरीनाथ धाम के कपाट जब शीतकाल में बंद होने जा रहे थे, उस दौरान पहाड़ों पर सुबह गुनगुनी धूप खिली हुई थी. उस दौरान न सिर्फ मैंने बल्कि मेरे जैसे सैकड़ों तीर्थयात्री पहाड़ पर घास के हरे-भरे मैदान पर गुनगुनी धूप में चाय या खाने का मजा ले रहे थे. उन दिनों ठंड काफी थी, वैसे में धूप में बैठकर चाय-नाश्ते का आनंद अपने आप में एक ऐसा अनुभव था जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है.

उत्तराखंड में खिली धूप.

उत्तराखंड में खिली धूप.

'घाम तापो' एक ऐसा अनुभव है, जो आपको प्रकृति के करीब लाता है. यह आपको आराम और शांति प्रदान करता है. उत्तराखंड की पहाड़ियों में घाम तापो के लिए कई जगहें हैं, जहां आप इस अनोखे अनुभव का आनंद ले सकते हैं. 

वैसे पहाड़ पर लोग इसका एक और फायदा उठा सकते हैं, क्योंकि जब भी मैं कभी पहाड़ों की यात्रा में रहा तो घास के बड़े-बड़े मैदान जिसे बुग्याल कहा जाता है, उन पर चाय पीते हुए खुले आसमान के नीचे धूप में आराम कर सकते हैं. मैंने कई बार संतरे या मालटा को काटकर उसमें चटनी लग कर सर्दियों की धूप में खाया है, इसका अपना अलग ही मजा है. 

देवभूमि की प्राकृतिक सुंदरता 

उत्तराखंड, जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विविधता के लिए प्रसिद्ध है. यहां की पहाड़ियां, जंगल, और नदियां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. लेकिन अब उत्तराखंड में एक नया और अनोखा पर्यटन प्रयोग शुरू हुआ है, जिसे घाम तापो पर्यटन का नाम दिया गया है. इस घाम तापो पर्यटन को आप इस तरह से समझ सकते हैं कि जब मैदानी क्षेत्रों में सर्दियों में हाड़ कंपाने वाली ठंड, कोहरा और वायु प्रदूषण से लोग परेशान हो जाते तो वे पहाड़ों पर गुनगुनी धूप का मजा लेने आ सकते हैं.

घाम तापो पर्यटन एक ऐसा पर्यटन है जिसमें आपको अतिरिक्त पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है ना ही किसी होटल में कमरा लेने की, यह आप सफर के दौरान कहीं भी रुक कर बैठ कर ले सकते हैं. घाम तापो पर्यटन के कई लाभ हैं आराम और शांति, जो आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. घाम तापो पर्यटन आपको प्राकृतिक सुंदरता के करीब लाता है. यह आपको प्रकृति की सुंदरता का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है. स्वास्थ्य लाभ, घाम तापो पर्यटन के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं. इससे शरीर में विटामिन डी की कमी पूरा हो सकती है और हड्डियों मजबूत. यह मानसिक तनाव को भी कम कर सकता है. 

किशोर रावत एनडीटीवी में स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट हैं.
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

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