अटल के नाम पर योजनाओं की बरसात

किस नेता के नाम पर कौन सी योजना है, किस नेता के नाम पर कितनी योजनाएं, कितने चौक, कितने चौराहे, स्कूल कॉलेज और फ्लाईओवर हैं, इसका हिसाब करेंगे तो सूची बहुत लंबी हो जाएगी.

अटल के नाम पर योजनाओं की बरसात

किस नेता के नाम पर कौन सी योजना है, किस नेता के नाम पर कितनी योजनाएं, कितने चौक, कितने चौराहे, स्कूल कॉलेज और फ्लाईओवर हैं, इसका हिसाब करेंगे तो सूची बहुत लंबी हो जाएगी और आप सर्वदलीय महल में पहुंच जाएंगे जहां सबने अपने अपने नेताओं के नाम पर कुछ न कुछ किया ही है. अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद अचानक से उनके नाम पर कई चीज़ें खुलने लगी हैं. यहां अटल वहां अटल. हमने अखबारों में छपी खबरों के आधार पर, नेताओं द्वारा की गई मांग के आधार पर एक सूची बनाई है. हमारे सहयोगियों ने भी यह सूची बनाने में मदद की है. दिल्ली के अखबार में छत्तीसगढ़ का विज्ञापन आता है कि नया रायपुर का नाम अटल नगर रख दिया गया है. इसका विज्ञापन दिल्ली के अखबारों तक में छपवाया गया जिसमें लिखा गया है कि छत्तीसगढ़ के निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर नया रायपुर का नाम अटल नगर होगा. उनकी याद में एक मेमोरियल भी बनेगा. अटल मेमोरियल एंड म्यूज़ियम बनाया जाएगा. छत्तीसगढ़ के 2 करोड़ 80 लाख लोगों की तरफ से यह विनम्र श्रद्धांजलि है. 2012 में नया रायपुर बना है. जहां विधानसभा है. सचिवालय है. अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में ही छत्तीसगढ़ नया राज्य बना था. 

1 नवंबर को छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस होता है अब इसे इस मौके पर छत्तीसगढ़ सरकार अटल सुशासन अवार्ड देगी. गुरुघासीदास सेंट्रल यूनिवर्सटी बनने के बाद राज्य के कॉलेजों के लिए अलग से बिलासपुर यूनिवर्सिटी बनी थी. अब बिलासपुर यूनिवर्सिटी का नाम भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा. राजनांदगांव मेडिल कॉलेज का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा. नए बन रहे सेंट्रल पार्क का नाम भी अटल पार्क होगा. स्टेट कैपिटल एक्सप्रेस वे का नाम अब अटल पथ होगा. छत्तीसगढ़ के अख़बार पत्रिका में 21 अगस्त की खबर छपी है. दीपक साहू की रिपोर्ट के अनुसार अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से अभी और भी बहुत कुछ होने वाला है. 27 ज़िलों में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगेगी. मांडला प्लांट का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा. स्कूल के पाठ्यक्रम में उनकी जीवनी और कविताएं पढ़ाई जाएंगी. पुलिस की एक बटालियन का नाम पोखरण बटालियन होगा अटल बिहारी वाजपेयी की याद में. 25 दिसंबर को उनके जन्मदिन पर राष्ट्रीय स्तर का कवि सम्मेलन होगा. कवि सम्मेलन में कवियों को सम्मानित भी किया जाएगा.

अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो रहे इस नामकरण का कहीं कोई राजनीतिक विरोध नहीं है. बहुत कम मसले होते हैं जिसे लेकर हमारे नेता आपस में सहमत होते हैं. छत्तीसगढ़ कांग्रेस की नेता करुणा शुक्ला ने इस पर नाम रखने और अस्थि कलश यात्रा को लेकर आपत्ति जताई है. जो भी है छत्तीसगढ़ में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर पुरस्कार, मेमोरियल और नगर के नाम को जोड़ दें तो सात सात नाम रखे गए हैं. मध्य प्रदेश में भी शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि अटल बिहारी वाजपेयी के नाम तीन पुरस्कार दिए जाएंगे. पत्रकारिता, कविता और सुशासन के क्षेत्र में काम करने वालों को यह पुरस्कार मिलेगा. प्रत्येक सेगमेंट के विजेता को पांच लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. हबीबगंज स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने का अनुरोध किया जाएगा.

भोपाल और ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर स्मृति वन बनेगा. सातों स्मार्ट सिटी में बनने वाली लाइब्रेरी का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा. भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और सतना में बनने वाली लाइब्रेरी बनेगी. अगले साल से स्कूलों में वाजपेयी की जीवनी पढ़ाई जाएगी. मज़दूरों के लिए बना जा रहे, 4 श्रमोदय स्कूलों के नाम भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा. विदिशा में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम वाजपेयी के नाम पर होगा. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर भोपाल में बस स्टैंड होगा. भोपाल में बन रहे ग्लोबल स्किल पार्क का नाम अटल विहारी वाजपेयी के नाम पर होगा. इसके अलावा ग्वालियर के गोरखी हायर सेकेंडरी स्कूल में प्लेनेटोरियम और म्यूज़ियम बनेगा. यहां पर वाजपेयी तीन साल पढ़े थे. 19 अगस्त के टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि मध्य प्रदेश सरकार केंद्र सरकार से गुज़ारिश करेगी कि एम्स भोपाल का नाम भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाए. हमारे सहयोगी अनुराग द्वारी का कहना है कि ग्वालियर के महाराज बाड़े में बना गोरखी स्कूल 100 साल पुराना हो चुका है.

लोक निर्माण विभाग ने इसके 28 कमरों को कंडम घोषित कर दिया है. यानी जर्जर. इसके चलते यहां के छात्रों के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं है. जो कमरे हैं उनकी भी स्थिति बदतरह है. सवाल है कि अटलजी के इस स्कूल की चिन्ता अब हुई है, उनके रहते भी होती तो कितना अच्छा होता. इस स्कूल में 1238 छात्र पढ़ रहे हैं. पहले कमरे बनाए जाने ज़रूरी थे. इस स्कूल के कमरों की उपेक्षा क्यों हुई. भोपाल में पहले से ही अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय है. 19 दिसंबर 2011 को यह यूनिवर्सिटी बनी थी. समाचार पत्रों में इस यूनिवर्सिटी के पास इसी तरह की खबरें आती रहती हैं कि अपनी ज़मीन नहीं है. आठ साल होने जा रहे हैं और अभी तक अपनी ज़मीन नहीं है. इस विश्वविद्लाय में हिन्दी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई होनी थी. 26 मई 2018 को हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्टर श्रुति तोमर ने खबर लिखी है कि शिक्षकों की कमी के कारण और हिन्दी में सिलेबस और किताबें कम होने के कारण अगले साल से इंजीनियरिंग कोर्स को बंद कर दिया जाएगा.

इसी के साथ साथ 70 अन्य कोर्स भी बंद कर दिए जाएंगे. क्योंकि इन कोर्स में पिछले छह साल से कोई एडमिशन लेने नहीं आया. पैरामेडिकल, डिप्लोमा इन फोरेन लैंग्वेज, मास्टर्स इन कंप्यूटर साइंस. इस रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि हिन्दी में अवसर नहीं होने के कारण कोर्स बंद करने का फैसला लिया गया है. हिन्दुस्तान टाइम्स की इस रिपोर्ट के अनुसार अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी यूनिवर्सिटी में मात्र 800 छात्र हैं जिनमें से ज़्यादा से ज़्यादा योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आर्युवेद, पंचकर्म, लाइब्रेरी विज्ञान के छात्र हैं. इसी 17 अगस्त को न्यूज़ क्लिक पर भी इस यूनिवर्सिटी के बारे में रिपोर्टर है. क़ासिफ़ काकवी की रिपोर्ट के अनुसार यहां के 90 कोर्स बंद हो चुके हैं. न्यूज़ क्लिक की रिपोर्ट में तो यह भी लिखा है कि जो सर्टिफिकेट दिए गए हैं उन्हें मान्यता नहीं मिली है. उन्हें इसके आधार पर नौकरी नहीं मिलती है. इस सर्टिफिकेट को यूजीसी या एआईसीटीई के द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है. इस रिपोर्ट में वाइस चांसलर का बयान है कि कई कोर्स ऐसे शुरू किए गए थे जो यूजीसी ओर एआईसीटीई के मानकों को पूरा नहीं कर रहे थे, इस कमी का पता चला तो उसके बाद कोर्स बंद कर दिए गए.

इस यूनिवर्सिटी में गर्भ संस्कार नाम का एक कोर्स चल रहा था जो बंद हो गया है. इस यूनिवर्सिटी का उद्घाटन राष्ट्रपति प्रणब मुखजी ने किया था. जोश में किसी के नाम से यूनिवर्सिटी खोल देना काफी नहीं होता है. आठ साल में उस यूनिवर्सिटी को बकायदा कायम हो जाना चाहिए था. कितना अच्छा होता अटल बिहारी वाजपेयी के जीते जी यह यूनिवर्सिटी कामयाब हो जाती है. आखिर क्या सोचा गया था कि हिन्दी माध्यम में इंजीनियरिंग पढ़ने आएंगे.

राज्य सरकार हर साल तीन करोड़ 75 लाख रुपये देती है. जिसका ज्यादा पैसा सैलरी में चला जाता है. अब बताइये 4 करोड़ में कोई यूनिवर्सिटी चलती है. एक होड़ सी मची है अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर. अभी तो हमने आपको मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का ही बताया है. उत्तर प्रदेश में यूपी में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर 44 इंटर कालेज खुलेंगे. पत्रिका के प्रशांत श्रीवास्तव की खबर है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव दे दिया है. पैतृक गांव बटेश्वर में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर स्मारक बनेगा. सबका साथ सबका विकास सड़क योजना का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा. बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का नाम होगा अटल पथ.

एक झटके में 44 इंटर कालेज अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर खुलेंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार योगी सरकार ने कहा है कि आगरा, लखनऊ, कानपुर और बलरामपुर में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर मेमोरियल बनाया जाएगा. दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्लाय में भी अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंट एंटरप्रेरनशिप हो गया है. नया नया सेंटर था मगर अब अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो गया है. हिमाचल प्रदेश सरकार के भी कई प्रस्ताव हैं.

मनाली में अटल बिहारी वाजपेयी के आवास को स्मारक का रूप दिया जाएगा. मनाली में पर्वतारोहण संस्थान का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा. शिमला में वाजपेयी की आदमकद प्रतिमा लगेगी. मनाली लद्दाख को जोड़ने वाली सुरंग का नाम अटल टनल रखने की मांग की गई है. मुख्यमंत्री आदर्श विद्या केंद्र अब अटल आदर्श विद्या केंद कहलाएगा. मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना का नाम अटल आशीर्वाद योजना होगा. कोल डैम का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाए. आप दर्शक केवल सुन रहे हैं, पढ़ पढ़ कर मैं सुन्न हुआ जा रहा हूं. कुछ सुझाव आप भी दें, कुछ मांग आप भी करें कि जहां जहां अटल नहीं हैं वहां वहां अटल हों. झारखंड से हमारे सहयोगी हरबंस ने बताया है कि 24 अगस्त की शाम को कैबिनेट की बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी से संबंधित कई फैसले लिए गए हैं.

राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में अटल जी की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल होगी. रांची में बन रहे कान्वोकेशन सेंटर का नाम अटल भवन रखा जाएगा. चिकित्सा महाविद्यालय पलामू का नाम अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कालेज होगा. देवघर में बनने वाले एयरपोर्ट का नाम भी अटल बिहारी एयरपोर्ट होगा. झारखंड इनोवेशन लैहब का नाम अटल इनोवेशन लाइव किया जाएगा. यह लैब सूचना प्रोद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग के तहत चलता है. प्रोफेशनल कालेज जमशेदपुर का नाम अटल बिहारी वाजपेयी प्रोफेशनल कालेज जमशेदपुर होगा. साहिबगंज में बन रहे बंदरगाह का नाम अटल बिहारी वाजपेयी बंदरगाह होगा. विधानसभा भवन में अटल बिहारी वाजपेयी की आदमकद प्रतिमा लगाई जाएगी. अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति पार्क की स्थापना का भी निर्णय लिया गया है. 

यही नहीं झारखंड में भी अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल पुरस्कार दिए जाने का निर्णय लिया गया है. पुरस्कार की राशि अभी तय नहीं हुई है मगर तय की जाएगी. चिन्ता न करें. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह झारखंड में भी साहित्य के क्षेत्र में उदयीमान कवि, मीडिया के क्षेत्र में विख्यात पत्रकार को

सुशासन के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले पदाधिकारी को पुरस्कार दिया जाएगा. झारखंड सरकार ने तो निर्णय ही ले लिया. एलान से आगे निकल गई है. अटल जी के नाम पर कवियों के लिए न जाने कितने राज्य में पुरस्कार हो जाएंगे. पत्रकारों को भी पुरस्कार मिलेगा. अन्य राज्यों में भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से कुछ न कुछ रखे जाने का एलान हुआ है. हम यह सब जानकारी अखबारों में छपी खबरों, ट्विटर और अपने सहयोगियों की मदद से आप तक ला रहे हैं. 

अहमदाबाद में साबरमती नदी के एक घाट का नाम अटल घाट रखा जाएगा. टाइम्स आफ इंडिया की खबर के अनुसार मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा की है. महाराष्ट्र के 13 विश्वविद्यालयों में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम चेयर की स्थापना होगी. उत्तराखंड के ऋषिकेश एम्स के एक आडिटोरियम का नाम वाजपेयी के नाम पर होगा.वहीं, हरियाणा में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम भी होड़ है. 18 अगस्त के जागण की खबर के अनुसार राज्य के कैबिनेट में फैसला हुआ है कि किसी बड़े प्रोजेक्ट का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा. वो प्रोजेक्ट क्या है क्या होगा, इसका पता नहीं है. 

कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे का नाम अटल बिहारी के नाम पर रखने का प्रस्ताव भेजा जाएगा. हिसार एयरपोर्ट का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा.  वैसे सेंटर का फैसला है कि किसी के नाम पर एयरपोर्ट का नाम अब नहीं रखा जाएगा. इसके अलावा अंबाला में बनने वाले प्लानेटोरियम का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा

ट्रिब्यून में असीम गोयल जो बीजेपी के विधायक हैं, उनके बयान के हवाले से प्लानेटोरियम वाली खबर छपी है. असम के समाचार पोर्टल इनसाइड एनई की खबर है कि बीजेपी के सांसद ने  बोगीबील ब्रिज का नाम अटल सेतु रखने की मांग की है. इस्ट वेस्ट कोरिडोर का नाम भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे जाने की मांग की गई है. पटना के डाक बांग्ला चौराहे का नाम अटल चौराहा करने की मांग की गई है. बीजेपी नेता सीपी ठाकुर ने नीतीश सरकार से यह मांग की है.

गोवा में भी एक घोषणा हुई है. गोआ क्रोनिकल से बात करते हुए गोआ विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने कहा है कि उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री से अपील की है कि गोआ में जो नया इंफ्रा प्रोजेक्ट है उनमें से किसी एक का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाए. इसके बाद भी कोई अटल समर्थक निराश दिखे तो प्राइम टाइम का यह अटल संग्रह दे दीजिएगा.



 


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