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This Article is From Mar 10, 2019

लंदन में नीरव का मोदी मोदी हो जाना और मेरा नीरव को पत्र लिखना

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मार्च 10, 2019 23:41 pm IST
    • Published On मार्च 10, 2019 23:41 pm IST
    • Last Updated On मार्च 10, 2019 23:41 pm IST

प्यारे नीरव मोदी

लंदन में तुमको लंदनर की तरह देखकर अच्छा लगा. वहां तुम कितने कूल लग रहे थे. हर बात पर नो-कमेंट कहे जा रहे थे. टैक्सी खोजते देखा तो थोड़ा दुख हुआ. तुम्हारे पास अपनी कार क्यों नहीं है. सुपर पावर इंडिया का नीरव मोदी लंदन में टैक्सी खोजे मुझे ठीक नहीं लगा. भारत में करप्ट होने की यही तो शान होती है, जो करप्ट होता है उसे सब मिलता है. पद मिलता है, कनेक्शन मिलता है, कारोबार मिलता है. मकान गाड़ी तो एक्सट्रा चीज़े हैं. तुम एक कार ले ही लो. अगर है तो अच्छी बात है.

तुम्हारा चेहरा बुझा-बुझा हुआ लग रहा था. शुक्र है कि तुम्हारे 8 लाख के जैकेट ने हम सब की शान बचा ली. हमारा भगोड़ा भी 8 लाख का जैकेट पहन कर घूम रहा है, इससे भविष्य के तमाम भगोड़ों का हौसला बढ़ेगा. टेलिग्राफ का रिपोर्टर बता रहा था कि तुमने हीरे का कारोबार शुरू कर दिया है. बहुत अच्छा किया. तुमने अपने पैसे से जिन लोगों को कुर्ते पहनाए, वो यहां काफी मौज में हैं. ठाठ से हैं. अपने कारोबार में लगे हैं. इसलिए तुम्हें भी ठाठ से रहना चाहिए और कारोबार करना चाहिए. पैसा कमाते रहो, यही सारे लोग तुम्हारे पास फिर आएंगे.

ये ज्यादा तुमको धमकाएं तो इनके नाम ले लो जिनके बारे में तुमने डायरियों में लिखा होगा. फिर देखना वो लंदन भागे-भागे आएंगे. थोड़ा तुम भी मज़े लिया करो. चेहरे की उदासी चली जाएगी. तुम्हारी दाढ़ी ठीक है. फैशन में भी है.

अगर तुम्हारे पास 8 लाख वाले दो चार जैकेट एक्स्ट्रा हैं तो मेरे लिए ले आना. उसकी बाज़ू पर मेरा नाम लिखवा देना. ठीक से लिखवाना ताकि नियान लाइट में मेरा नाम चमके. मैं नीलाम नहीं करूंगा. खुद पहनूंगा और कनाट प्लेस में घूमूंगा. 8 लाख के जैकेट में ओला वाले को बुलाऊंगा. चक्कर पर चक्कर लगाऊंगा.

तुम्हें बिल्कुल शर्म नहीं करनी चाहिए. तुम जैसे नीरवों, मोदियों, माल्याओं, मेहुलों ने भारत की राजनीति को संपन्न किया है. तुम लोग न होते तो ग़रीब बोलकर ग़रीबी बेचने वाले नेता मंच क्या घर के स्टूल पर खड़े न हो पाते. तुम जैसों ने भारत की राजनीति में ग़रीबों को मौका दिया है. तुम्हारी मदद से वे सरकार बने हैं. तुम्हें अपने योगदान पर फिर से सोचना चाहिए. दुनिया को बताना चाहिए कि किस किस दल को सिंचित किया है. इसलिए भ्रष्टाचार के लिए अपने दिन ख़राब मत करो.

लंदन में लंदनर की तरह रहो. नो कमेंट कहो मगर अपनी कार में घूमो. थोड़ी इंगलिस बोला करो. अच्छा लगता है कि 8 लाख के जैकेट वाला इंगलिस भी बोलता है.

तुम्हारी नीरवता बनी रहे. तुम मौज करो. सारे भ्रष्टाचारी इधर भी मौज कर रहे हैं. चिल्ल यार.

रवीश कुमार

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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