इस मुलाकात की नींव लगभग एक माह पहले रखी गई थी, जब मैने पहली बार शलभ 'शैली' कुमार से बात की थी, जो भारतीय-अमेरिकी व्यापारी हैं, और लगभग ट्रंप जैसी ही हस्ती हैं...
शिकागो में इलेक्ट्रॉनिक यूनिट चलाने वाले शलभ 'शैली' कुमार के अंदाज़ में भी वैसी ही तड़क-भड़क दिखाई देती है... उनकी पसंद की गाड़ी है सफेद रंग की स्ट्रेच लीमोज़ीन, जिसकी नंबर प्लेट पर उनकी कंपनी का नाम एम्बॉस किया हुआ है... ट्रंप ही की तरह उनके मन में भी 'कट्टर इस्लामी आतंकवाद' को लेकर काफी 'चिंता' है, और इसी वजह से लगभग हर बातचीत के दौरान उसका ज़िक्र आ ही जाता है...
शलभ 'शैली' कुमार
बहरहाल, हम पत्रकारों के नज़रिये से देखें, तो उस वक्त वह न्यूजर्सी में हो रहे उस कार्यक्रम के आयोजक थे, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करना तथा मंच पर जाने से पहले कुछ इंटरव्यू देना कबूल किया था...
यह कतई स्पष्ट नहीं है कि शलभ 'शैली' कुमार ने ट्रंप को इस कार्यक्रम के लिए कैसे राज़ी किया - कुमार का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि ट्रंप को 'हिन्दू' मूल्यों की कद्र है, लेकिन साथ ही वह यह बताना भी नहीं भूलते कि उन्होंने ट्रंप के चुनावी अभियान में 10 लाख अमेरिकी डॉलर से भी ज़्यादा का योगदान दिया है...
खैर, तीन हफ्ते तक फोन कॉल, ईमेल, बातचीत और अनिश्चितता (क्या ट्रंप वास्तव में आएंगे, और यदि आए, तो क्या वह वास्तव में इंटरव्यू देंगे...) के बीच हम न्यूजर्सी के इस विशाल कन्वेंशन सेंटर में पहुंच ही गए...
यहां उनकी उपस्थिति के बाद भी माहौल कुछ अलग ही था... ट्रंप से जुड़े विवाद कहीं भी पीछा नहीं छोड़ते हैं, सो... (आयोजकों में से एक ने मुझे ज़ोर देकर कहा, 'महिलाओं को लेकर कोई सवाल नहीं होना चाहिए...')
कार्यक्रम के दौरान काफी कुछ और भी था... प्रभुदेवा का डान्स परफॉर्मेंस, और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस, जिसमें सोफी चौधरी और मलायका अरोड़ा खान जैसी कम जानी-मानी हस्तियों से आतंकवाद पर उनके विचारों को लेकर सवाल किए गए...
...और फिर, हम कुछ पत्रकारों को समारोह स्थल के एक कोने की तरफ ले जाया गया, एक दरवाज़ा खुला, और ट्रंप के अभियान की देखरेख में जुटी टीम में से एक महिला ने बाहर कदम रखकर कहा, "आप लोग 2-3 सवाल पूछ सकते हैं..." और हमें अंदर भेज दिया गया...