भारत का गोदी मीडिया हिन्दू और मुसलमान कराने में लगा है. वह ऐसी खबरों की तलाश में लगा है, जिनसे लोगों में एक धर्म के प्रति नफ़रत फैला सके, लेकिन कंपनियां नौकरी से निकालते वक्त न हिन्दू देख रही हैं, न मुसलमान. दोनों को बाहर कर रही हैं. आज कई लोगों के फोन आए. गुड़गांव की एक लैब ने 150 से अधिक लोगों को निकाल दिया, तो दो लोगों के पत्र पोस्ट कर रहा हूं. एक हिन्दू है, एक मुसलमान. मुझे नहीं पता, जिसकी नौकरी गई है, वह सांप्रदायिक था या नहीं, लेकिन इस दुख की घड़ी में मैं उसके साथ हूं. ऐसा किसी के साथ न हो. कंपनी की मजबूरी भी समझता हूं. सरकार को पैकेज देना चाहिए. कंपनी को इनके पैसे देने चाहिए.
पहला पत्र...
रवीश सर, प्रणाम
मेरा नाम कौशल कुमार (जिला बरेली, उत्तर प्रदेश) का निवासी हूं. मैं एक पैथोलॉजी कंपनी, जिसका नाम डाइग्नो लैब्स प्राइवेट लिमिटेड है, में काम करता हूं. मैं जिला मुख्यालय पर ही कार्यरत हूं. हमारी कंपनी का मेन ऑफिस गुरुग्राम में है और हमारी मेन लैब भी गुरुग्राम में है. यह कंपनी pan india काम करती है.
सर, कोरोना महामारी के समय हमारी लैब बंद हो गई और हम सभी कर्मचारियों को घर पर रहने को कहा गया. हमने अपनी कंपनी के आदेश का पालन किया और सभी लोग लॉकडाउन की वजह से अपने घर पर रहने लगे. सर 14 अप्रैल, 2020 को हमारे HR डिपार्टमेंट से कॉल आया, जिसमें हमारी बात नूतन मैम से हुई. उन्होंने हमसे बोला कि कल से कंपनी बन्द हो रही है और आप रिज़ाइन कर दीजिए.
यह कॉल सभी साथियों के पास आना स्टार्ट हो गया. इस वजह से सभी कर्मचारी परेशान हो गए.
हम लोगों ने फिर HR डिपार्टमेंट में कॉल किया और इस बारे में ज्यादा जानकारी लेने की कोशिश की. तब मैम ने बोला. आप सभी लोग रिजाइन कीजिए, नहीं तो कंपनी सभी लोगों को टर्मिनेट कर देगी.
हम सभी लोग रिज़ाइन के लिए तैयार हो गए, लेकिन हमने अपने वेतन के बारे में पूछा, क्योंकि हमारा मार्च, 2020 का वेतन अभी तक नहीं आया है और नवंबर, 2019 से अप्रैल, 2020 तक का expense भी नहीं आया है. हमने पूछा कि हमारा वेतन कब तक आएगा, तो वह कुछ भी बताने से कतराती रहीं और कोई भी सूचना ठीक से नहीं दी. हमने उन्हें बोला कि हमें लिखित में आश्वासन दीजिए, लेकिन उन्होंने कोई आश्वासन नहीं दिया.
सर, बिना पैसे के इस lockdown के समय में हम सभी लोग परेशान हो गए हैं. हम लोग बिना वेतन और जॉब के इस समय कैसे जीवनयापन करेंगे.
हमने इसके खिलाफ action लेने का मन बनाया और labour मिनिस्ट्री के नंबर पर कॉल भी किया और अपनी शिकायत दर्ज भी कराई. हमने ट्वीट भी किया, जिसमें मोदी जी, लेबर मिनिस्ट्री, हरियाणा सरकार को टैग भी किया, परंतु कोई भी समाधान नहीं हुआ है.
सर, कल रात से कंपनी ने सभी कर्मचारियों को टर्मिनेट करना प्रारंभ कर दिया और एक-एक कर सभी के पास टर्मिनेशन लेटर आने शुरू हो गए.
सर, इस परिस्थिति में सिर्फ आप ही हमारा सहारा हो. कृपया आप हम सब लोगों की सहायता कीजिए. हम सभी लोग आपका यह एहसान कभी नहीं भूलेंगे.
अब दूसरा पत्र पढ़ें...
रवीश सर, प्रणाम
मेरा नाम परवेज़ आलम है, मैं भोपाल निवासी हूं. मैं एक पैथोलॉजी कंपनी, जिसका नाम डाइग्नो लैब्स प्राइवेट लिमिटेड है, में काम करता हूं. मैं जिला मुख्यालय पर ही कार्यरत हूं. हमारी कंपनी का मेन ऑफिस गुरुग्राम में है और हमारी मेन लैब भी गुरुग्राम में है. यह कंपनी pan india काम करती है.
इसके बाद, दूसरी चिट्ठी भी बिल्कुल पहली चिट्ठी की प्रतिलिपि है.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता, समर्थक और IT सेल इस वक्त में लोगों की मदद करें. विपक्ष के भी नेता मदद करें.
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