विज्ञापन
This Article is From Apr 13, 2020

तालाबंदी के दौर में यूपी में 35 हज़ार से अधिक गिरफ्तार, सैंपल टेस्ट अभी भी 1500 प्रतिदिन से कम

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अप्रैल 13, 2020 01:50 am IST
    • Published On अप्रैल 13, 2020 01:50 am IST
    • Last Updated On अप्रैल 13, 2020 01:50 am IST

सभी सूचनाएं उत्तर प्रदेश सरकार के ट्विटर हैंडल से ली गई हैं. आप भी राज्य की जानकारी के लिए ट्विटर हैंडल फॉलो कर सकते हैं. एक बात ध्यान रखें, इन सूचनाओं में तारीख़ का महत्व है. 11 अप्रैल और 10 अप्रैल की सूचना में ज़मीन आसमान का अंतर हो सकता है. इसी तरह संख्या भी बदलती जा रही है. हमने बीच बीच में अपनी टिप्पणी और दूसरे राज्यों की आधिकारिक सूचनाएं भी डाली हैं.

यूपी सरकार की सूचना अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन की तरफ से दी जाती है. हमने 11 और 10 अप्रैल की सूचनाएं पढ़ी हैं और संकलित की हैं.

जुर्माना, FIR और गिरफ्तारियों से संबंधित सूचनाएं
क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में 14,342 FIR हुई हैं. 45,483 लोगों को नामज़द किया गया है. 35,569 लोग गिरफ्तार हुए हैं. 463 लोगों के ख़िलाफ़ जमाखोरी और कालाबाज़ारी के मामले दर्ज हुए हैं. जमाखोर जमाखोर होता है. वो थाली बजाया होगा मगर अपने बेईमान से कहां बेवफ़ाई कर सकता है.

11 अप्रैल को अवनीश अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 20,000 गाड़ियां सीज़ कर ली गई हैं और इनसे 6 करोड़ से अधिक की धनराशि वसूली गई है. 10 अप्रैल को कहा है कि 20,287 गाड़ियां सीज़ हुई हैं और 31 लाख गाड़ियों का चालान हुआ है. चालान से 8 करोड़ 87 लाख रुपये जमा हुए हैं. क्या 6 करोड़ की राशि 20,000 गाड़ियों के सीज़ करने और 8 करोड़ 87 लाख की राशि 31 लाख गाड़ियों के चालान से आई है?

कोविड-19 से संबंधित तैयारियों की सुचनाएं -
11 अप्रैल को यूपी सरकार ने बताया कि 10 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में 10,398 सैंपल टेस्ट किए गए हैं. ट्विटर पर टाइप होने में गलती हुई है और लिख दिया गया है कि 10 अप्रैल को 10,398 सैंपल टेस्ट किए गए हैं. ऐसी चूक हो सकती है. क्योंकि 10 अप्रैल के प्रेस कांफ्रेंस में यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य में प्रतिदिन 1000 सैंपल टेस्ट हो रहे हैं. इसका लक्ष्य 1500 से 2000 टेस्ट करना है. 9 अप्रैल को 1300 सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए थे. 11 अप्रैल को भारत सरकार ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 10 अप्रैल को 16,500 टेस्ट हुए हैं. इसमें यूपी की संख्या 1000 ही है. महाराष्ट्र ने जानकारी दी है कि 10 अप्रैल को 3678 सैंपल टेस्ट किए हैं. महाराष्ट्र ने 10 अप्रैल तक 33093 सैंपल टेस्ट किए थे.

टेस्ट का प्रश्न इसलिए है कि भारत में बहुत कम टेस्ट हो रहे हैं. 30 जनवरी को भारत में पहला केस सामने आया था. तब से लेकर अब तक भारत ने 1 लाख 71 हज़ार से अधिक सैंपल ही टेस्ट किए हैं जो कि बहुत ही कम है. 11 अप्रैल को भारत सरकार ने कहा कि देश भर में 1 लाख से कुछ अधिक आइसोलेशन बेड तैयार हो गए हैं, 11,500 वेंटिलेटर भी हैं.

10 अप्रैल को यूपी ने कहा कि 9,442 आइसोलेशन वार्ड ही बनाए गए हैं. 12,119 क्वारिंटिन बेड बनाए गए हैं. 10 अप्रैल को यूपी के स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन ने कहा है कि लेवल-3 में हमारे 6 अस्पताल 200 बेड वेंटिलेटर के साथ पूरी तरह से क्रिटिकल केयर के लिए तैयार हैं. यानी यूपी में 200 वेंटिलेटर बेड हैं. पूरे भारत में 11,500 के अनुपात में बहुत कम हैं.

देश भर में 578 कोविड अस्पताल बनाए गए हैं. यूपी में लेवल-1 के अस्पतालों की संख्या 78 है. लेवल-2 के 19 अस्पताल हैं. इसके अलावा 45 अस्पताल लेवल 2 के तहत चिन्हित हैं. इनमें प्राइवेट अस्पताल भी हैं.

यूपी के 15 ज़िलों में 125 हॉटस्पॉट बनाए गए हैं. 1,41,110 मकान इन हॉटस्पॉट में चिन्हित किए गए हैं. यहां की आबादी करीब 9 लाख है. इनमें कुल 329 कोरोना के पॉज़िटिव केस हैं.

राहत कार्य- खाते में पैसा, आश्रय स्थल, फूड पैकेट का वितरण
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा है कि औद्योगिक विभाग के माध्यम से 31,377 में से 28,599 इकाइयों ने वेतन हेतु 368 करोड़ का भुगतान कर दिया है. 2,778 इकाइयों में भुगतान की कार्यवाही जल्दी ही करा दी जाएगी.

यहां चार प्रश्न उठते हैं. पहला कि क्या ये राशि सरकार ने औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से श्रमिकों को दी है या इकाइयों ने दी है? दूसरा प्रश्न यह है कि इन इकाइयों ने पूरा वेतन दिया या काट कर दिया. यह स्पष्ट नहीं हो रहा है. श्रमिकों की संख्या कितनी है? क्या इसमें प्रबंधन या श्रमिकों से ऊपर के कर्मचारी भी शामिल हैं?

यह अच्छा मॉडल जान पड़ता है कि सरकार इस बात को ट्रैक कर रही है कि कोई फैक्ट्री अपने श्रमिकों को वेतन दे रही है या नहीं. लेकिन इस सूचना से यह साफ नहीं है कि तालाबंदी के पहले इन इकाइयों ने कितने करोड़ की राशि वेतन के रूप में दी थी. तब पता चल जाता कि तालाबंदी के कारण कम वेतन का भुगतान तो नहीं हुआ.

प्रधानमंत्री सम्मान योजना के तहत 1 करोड़ 85 लाख किसानों के खाते में 2000 रुपये जा चुके हैं. इस पर सरकार ने 3700 करोड़ खर्च किया है. यूपी में 1 करोड़ 45 लाख किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है. वे फसली ऋण 31 मई तक चुका सकते हैं. तारीख बढ़ा दी है.

11 अप्रैल को यूपी सरकार ने कहा कि 10 अप्रैल को 51 लाख 63 हज़ार 892 लीटर दूध का उपार्जन किया. उसमें से 33 लाख 95 हज़ार 101 लीटर दूध का वितरण किया गया. करीब 17 लाख लीटर दूध का वितरण क्यों नहीं हुआ, यह पता नहीं चला. 19,131 लोगों ने डोर टू डोर वितरण किया है. क्या दूध सरकार बांट रही है?

राजस्व विभाग के 5,241 आश्रय स्थलों में 1,25,989 लोग निवास कर रहे हैं. 10 अप्रैल को अवनीश अवस्थी ने कहा कि पूरे प्रदेश में अब तक 11 लाख 87 लाख 595 फूड पैकेट्स वितरित किए हैं. एक बड़े राज्य के हिसाब से यह संख्या मामूली जान पड़ती है.

23 करोड़ की आबादी वाले राज्य में फूड पैकेट्स वितरण की यह संख्या हो तो निराशाजनक है. कुल 11 लाख लोगों को ही फूड पैकेट्स दिए गए हैं. जबकि योजनाओं के एलान के वक्त मुख्यमंत्री ने कहा था कि करीब 23 लाख मज़दूरों के खाते में पैसे दिए जाएंगे. ये दिहाड़ी मज़दूर हैं.

10 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने 2 लाख 19 हज़ार 318 लाभार्थियों के खाते में 1000 रुपये की धनराशि वितरित की.

निर्माण कार्यों से जुड़े 12 लाख 09 हजार लोगों को 120 करोड़ का वितरण कर दिया गया है. 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 20 लाख निर्माण श्रमिकों को यह धनराशि उपलब्ध करवा रहे हैं. उनके खाते में 1000 रुपये दिए जा रहे हैं.

10 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 27 लाख 15 हज़ार से अधिक मनरेगा श्रमिकों जिनकी बहुत दिनों से कुछ राशि बकाया थी उन्हें एकमुश्त दे दी गई है. प्रदेश में 88 लाख मनरेगा के श्रमिक हैं जिनके मानदेय को बढ़ाकर 202 किया गया है. बाकी करीब 60 लाख श्रमिकों के बारे में इस सूचना से स्पष्टता नहीं मिलती है.

10 अप्रैल को योगी आदित्यनाथ ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन या फिर अन्य पेंशन योजनाओं से जुड़े 87 लाख परिवारों को हमने समय से पहले उनकी पेंशन दे दी है.

जितने भी ठेला, खोमचा, रेहड़ी, रिक्शा, ई-रिक्शा, पल्लेदार या अन्य सेवाएं देने वाले लोग हैं इनके लिए एक सर्वे कराकर हमने प्रशासन को आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाई है. यह बहुत अच्छा है. लेकिन तालाबंदी के बाद बहुत से मज़दूर अपने गांव जा चुके होंगे. अपने स्थान पर नहीं होंगे. चुनौती भरा काम है ये.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com