यह ख़बर 16 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

इंचियॉन में खेलों का ही नहीं, भारतीय खाने का भी ज़ायका मिलेगा...

नई दिल्ली:

पिछले कई एशियाई खेल, कॉमनवेल्थ खेल और ओलिम्पिक खेलों के दौरान भारतीय खिलाड़ी खाने को लेकर शिकायत करते रहे हैं, लेकिन इस बार इंचियॉन में होने जा रहे एशियाई खेलों के लिए दक्षिण कोरियाई अधिकारी अपने गेम्स विलेज के बाहर एक फूड-फेस्टिवल का आयोजन करने जा रहे हैं, जिसमें शामिल होने जा रही भारतीय रसोइयों की टीम खास तैयारी कर रही है, और सबका दिल जीतना चाहती है।

इन दिनों चार बेहद अनुभवी शेफ भारतीय एथलीटों के लिए तरह-तरह के भारतीय व्यंजन बनाने की तैयारी के तहत अनूठा तरीका अपनाए हुए हैं, और इस वक्त दिल्ली के क्राउन प्लाज़ा होटल में व्यंजन बना-बनाकर लोगों को खिला रहे हैं, और उनकी राय ले रहे हैं, ताकि जाना जा सके - चुटकी भर मसाला या नमक कम है या ज़्यादा... ये शेफ हर व्यंजन पर जनता से ही उसके सटीक होने का सर्टिफिकेट हासिल कर रहे हैं।

दरअसल, ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान कई भारतीय खिलाड़ियों ने वहां के खाने को लेकर शिकायत की थी, लेकिन अब दिल्ली के क्राउन प्लाज़ा होटल की टीम के चुने गए मुख्य शेफ सुदर्शन कहते हैं कि वे लोग इस ज़िम्मेदारी के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सुदर्शन के अनुसार, हमने काफी तैयारी की है, ताकि हमारे एथलीटों को कोई परेशानी नहीं हो। हमने ऐसा मैन्यू तैयार किया है, जिससे देश के 'ईस्ट-वेस्ट-नॉर्थ-साउथ' सभी कोनों के एथलीटों को खुश किया जा सके। जहां हमने नॉर्थ की चाट तैयार की है, तो वहीं साउथ की मालाबारी फिश भी हमारे मैन्यू का हिस्सा है, क्योंकि वह फिश सबको पसंद आती है। सुदर्शन का दावा है, "हम ऐसा खाना तैयार करेंगे, जिसे खाकर आप भी कहेंगे, वाह, क्या खाना है..."

अन्य व्यंजनों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, उत्तर भारत में शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा हो, जिसने समोसे का स्वाद न चखा हो... लेकिन हमारी टीम ने अलग तरीके से ऐसा स्टफ्ड समोसा बनाने की तैयारी की है, जो चटपटा तो है ही, इसका स्वाद भी अनूठा है, और यह हर जीभ को भाएगा, क्योंकि इसमें आलू और पनीर के साथ-साथ काजू-किशमिश भी भरे गए हैं। यह समोसा क्रिस्पी, यानि करारा तो है ही, तैयार भी बेहद जल्दी किया जा सकता है।

स्टफ्ड समोसा भले ही इस टीम की खास पेशकश है, लेकिन ये लोग कुल मिलाकर 12 अलग तरीकों के लाजवाब भोजन की तैयारी कर रही है, और इसके अलावा भी ज़रूरत पड़ने पर अन्य भोजन बना पाने की तैयारी करके इंचियॉन जा रही है। इन्हें भरोसा है कि भारतीय खाने को पसंद करने वाला कोई भी शख्स स्टेडियम के पास इनके स्टॉल से मायूस नहीं लौटेगा।

ओखला के क्राउन प्लाज़ा होटल के जनरल मैनेजर वरुण जॉली कहते हैं, हमारे खाने का जो गौरवशाली इतिहास रहा है, उसे नॉर्थ-साउथ सभी जगहों के एथलीट, जर्नलिस्ट और टूरिस्ट पसंद करेंगे... जो आएंगे, वे देखेंगे कि हमारे पास क्या वैराइटी है... जहां हमारे पास मालाबारी फिश है, तो वहीं मलाई टिक्का भी है।

करीब 700 सदस्यों वाले भारतीय दल के लिए अलग और खासकर विजेता एथलीटों के लिए फ्री मील की स्कीम भी रखी जा रही है। इन सबके लिए करीब 50 किलो मसाले यहीं से दक्षिण कोरिया ले जाए जा रहे हैं। इन्हें पूरी उम्मीद है कि भारतीय मसालों का ज़ायका भारतीय दल के उत्साह को बनाए रखने में कारगर साबित होगा।

इंचियॉन जा रही चार शेफ की टीम लीडर रुबीना शर्मा कहती हैं, हम 700 लोगों को अच्छा खाना खिलाने को तैयार हैं। हम चाहते हैं, जितने भी लोग बाहर से आएं, हमारे खाने को चखें। सब कहेंगे, कितना अच्छा इंडियन फूड है, और इसके सहारे वे भारतीय संस्कृति का भी जायज़ा ले सकेंगे।

उधर, दक्षिण कोरियाई आयोजक भी इस टीम को सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने का वादा कर रहे हैं। दक्षिण कोरियाई कल्चरल सेंटर के निदेशक किम कुम-प्यॉन्ग भारतीय खाने के कायल हैं, और उन्होंने भारतीय फूड फेस्टिवल के लिए एक नारा भी तैयार किया है, जिसे वह बार-बार दोहराते हैं - "चलो इंचियॉन, जय हो इंडिया..."

फूड फेस्टिवल का यह इंतज़ाम इन खेलों के लिए बने खास स्टेडियम 'इंचियॉन एशियाड मेन स्टेडियम' गेम्स विलेज से भी ज़्यादा दूर नहीं है, और भारतीय स्टॉल के अलावा यहां नौ अन्य देशों के फूड स्टॉल भी लगाए जाएंगे।

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अब अगर यह टीम भारतीय एथलीटों की कसौटी पर खरा उतर पाई तो आगे भी इस तरह के आयोजनों को मदद मिल सकेगी। खाने के ज़ायके का एथलीटों के प्रदर्शन पर क्या असर पड़ता है, यह कहना भले ही कितना भी मुश्किल हो, लेकिन इतना ज़रूर है कि ज़ायका खिलाड़ियों के मिज़ाज को बेहतर रखेगा और उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद तो बनी ही रहेगी।