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This Article is From Feb 20, 2015

शाही शादी में पकवानों की भरमार और राजनीति का ज़ायका

Hridayesh Joshi, Rajeev Mishra
  • Blogs,
  • Updated:
    फ़रवरी 20, 2015 22:47 pm IST
    • Published On फ़रवरी 20, 2015 22:37 pm IST
    • Last Updated On फ़रवरी 20, 2015 22:47 pm IST

शुक्रवार को इटावा से सैफई की हवाई पट्टी पर पुलिस वाले आसमान से उतरते हेलीकॉप्टर्स और चार्टेज विमान देखते रहे। मेहमानों की आमद जारी रही। सारा सरकारी अमला मेजबानी में मसरूफ रहा।
सैफई में मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव
मौका शाही शादी के तिलक समारोह का हो, उत्साह लाजिमी है। दुल्हन बिहार की राजनीति के धुरंधर रहे लालू यादव की बेटी राजलक्ष्मी और दूल्हा मुलायम सिंह यादव के पोते और मैनपुरी के सांसद तेजप्रताप। सियासी जमावड़ा तो होना ही था, लेकिन लोहिया के अनुयायियों के गांव सैफई में साफ दिखा कि देश की ताज़ा राजनीति का ध्रुवीकरण कैसे हो रहा है।

सैफई की हवाई पट्टी पर सबसे पहले उतरने वालों में जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव थे। उतरते ही कैमरे के सामने उन्होंने बिहार में नीतीश सरकार बनने का ऐलान कर दिया। ‘राज्यपाल को हमें बुलाना पड़ा है। हमारी जीत हुई है। हमारी सरकार बन रही है। नीतीश जी इस वजह से इस कार्यक्रम में नहीं आ पाएंगे।’

शरद यादव की खुशी आंखों से टपक रही थी। ‘हम पुराना मोर्चा बनाना चाहते हैं। सब साथ आ रहे हैं। टीवी पर चला दो चंद्रबाबू नायडू को भी मैंने आने को कहा है। वो भी कल आ रहे हैं।’

दुल्हन के पिता लालू यादव कुछ देर बाद मुलायम सिंह यादव से गले मिलते दिखे। वह दहेज न लेने पर दूल्हे के परिवार की दरियादिली का बखान कर रहे थे, लेकिन सियासी गलबहियां उसमें भी दिख रही थी। लालू बोले, ‘इन्होंने (मुलायम ने) शादी में एक पैसा भी नहीं लिया। जब दिल मिल जाते हैं तो पैसे की कोई जगह नहीं।’

सवाल – ‘लेकिन लालू जी नरेंद्र मोदी जी भी कल तिलक पर आ रहे हैं।’

लालू राजनीति के माहिर हैं। ‘यूपी से तो प्रधानमंत्री चुनाव जीते हैं। ये उनका क्षेत्र है। ये सोशियल फंक्शन है। राजनीति अलग है।’

मुलायम सिंह यादव इस मौके पर चुप रहते हैं। लेकिन शरद यादव शाम की दावत पर मोर्चाबंदी को छुपाते नहीं। उनके साथी खाने की टेबल पर चुहल करने में लगे हैं। रघुवंश प्रसाद सिंह आते हैं तो बिहार में मिली कामयाबी पर एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला चलता है। शरद यादव कहते हैं, ‘ये केसरीनाथ त्रिपाठी का खेल बिहार में फेल हो गया। अब ये लोग बंगाल में जो ममता के साथ कर रहे हैं उसमें भी कामयाब नहीं हो पाएंगे।’

एक पत्रकार ने मोदी के आने पर सवाल किया तो रघुवंश प्रसाद सिंह उसे तरजीह नहीं दी। ‘अरे छोड़ो। वो प्रधानमंत्री हैं। औपचारिकता के लिए आ रहे हैं। आशीर्वाद देने।’


साफ है इन सारे नेताओं को अब बीजेपी के खिलाफ एक उम्मीद की किरण दिख रही है। सबके सामने बिहार का चुनाव है। उसके लिए मोर्चाबंदी ज़रूरी है। लेकिन मोदी पर खुलकर हमला किसी और ने नहीं खुद दूल्हे तेज प्रताप ने किया। ‘हम प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे। वह आशीर्वाद देने आ रहे हैं। लेकिन हम उनकी विचारधारा का विरोध करते हैं।’

सैफई में शाम को मेहमानों के स्वागत में मशहूर गायक अदनान शामी की सुरीली आवाज़ गूंज रही है। चारों ओर ज़ायकेदार खाना परोसा जा रहा है। लेकिन संगीत की मिठास से अधिक यहां राजनीति का जायका है। सियासी पारा चढ़ रहा है। शनिवार का दिन इस लिहाज से काफी अहम है। प्रधानमंत्री होने वाले वर-वधू को आशीर्वाद देंगे लेकिन वह यहां जमा हुए मेहमानों और नेताओं से अपने लिए आने वाले दिनों में किसी शुभकामना की उम्मीद नहीं कर सकते।

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