क्रिकेट कैसे शुरू हुआ, क्यों शुरू हुआ, इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं है। लेकिन, किन्तु और परन्तु के बीच क्रिकेट ने अपनी किस्मत के साथ-साथ कई खिलाड़ियों की किस्मत भी चमकाई है।
क्रिकेट की शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला औपचारिक क्रिकेट टेस्ट मैच 15 मार्च 1877 को खेला गया था। टेस्ट मैच शुरू होने के लगभग 94 साल के बाद एक-दिवसीय मैच शुरू हुआ था। 5 जनवरी 1971 में पहला एक-दिवसीय मैच ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मेलबर्न के क्रिकेट मैदान में खेला गया था।
चार साल के बाद क्रिकेट वर्ल्डकप शुरू हुआ था। पहला क्रिकेट वर्ल्डकप 1975 में इंग्लैंड में खेला गया था। पहला मैच भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स के मैदान पर 7 जून 1975 को खेला गया था। भारत को एक-दिवसीय मैच खेलने का कोई तजुर्बा नहीं था।
वर्ल्डकप मैच खेलने से पहले भारत सिर्फ दो मैच खेला था और दोनों ही मैच इंग्लैंड से हार गया था। भारत के ऊपर काफी दबाव था। इंग्लैंड जैसी टीम के सामने भारत कमजोर नज़र आ रहा था। वर्ल्डकप के पहले मैच में भारत इंग्लैंड से 202 रन से बुरी तरह से हारा गया था।
उस वक्त एक-दिवसीय मैच 60 ओवर का हुआ करता था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 60 ओवर में 334 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था। लेकिन भारत पूरे 60 ओवर खेलते हुए तीन विकेट पर सिर्फ 132 रन बना पाया था। भारत के बल्लेबाजों के पास अनुभव न होने कि वजह से भारत काफी धीरे खेला था।
उस मैच में सुनील गावस्कर ने काफी धीमे खेला था। गावस्कर ने ओपनिंग करते हुए, पूरे 60 ओवर खेले लेकिन 174 गेंद का सामना करते हुए सिर्फ 36 रन बनाए थे, जिसमे सिर्फ एक चौका शामिल था। भारत इस मैच को जीतना नहीं चाहता था, बल्कि विकेट बचाना चाहता था। उस वक़्त पूरे 60 ओवर खेलना भारत जैसी टीम के लिए बड़ी बात थी।
मोहिंदर अमरनाथ वर्ल्डकप इतिहास के पहले बॉलर थे, जिन्होनें पहला विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया था। इंग्लैंड के खिलाफ इस मैच में अमरनाथ ने जॉन जेमसन को आउट करके यह कामयाबी हासिल की थी। उसी तरह इंग्लैंड के बल्लेबाज डेनिस अमिस पहले बल्लेबाज थे, जिन्होंने वर्ल्डकप में पहला शतक ठोका था। भारत के खिलाफ इस मैच में डेनिस नें शानदार 137 रन की पारी खेली थी।
भारत का दूसरे मैच ईस्ट-अफ्रीका जैसी कमज़ोर टीम के साथ 11 जून 1975 को था। ईस्ट-अफ्रीका ने पहले बैटिंग करते हुए 55.3 ओवर में सिर्फ 120 रन बनाए और ऑल आउट हो गई । भारत के सामने बहुत बड़ा लक्ष्य नहीं था। भारत के ओपनर सुनील गावस्कर और फारूक इंजीनियर ने शानदार बैटिंग करते हुए बिना विकेट खोये 29.5 ओवर में भारत को जीत दिलाई थी।
गावस्कर 65 रन और इंजीनियर 54 रन पर नाबाद रहे थे। गावस्कर और इंजीनियर के एक-दिवसीय करियर का यह पहला अर्द्धशतक था। भारत ने अपना तीसरा मैच न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेला था। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने न्यूज़ीलैंड के सामने 231 रन का लक्ष्य रखा था। न्यूज़ीलैंड के ओपनर ग्लेन टर्नर शानदार खेलते हुए 144 रन पर नाबाद रहते हुए न्यूज़ीलैंड को जीत दिलाई थी और इस हार के साथ भारत 1975 के वर्ल्डकप से बाहर हो गया था।
वर्ल्डकप इतिहास का पहला फाइनल ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट-इंडीज के बीच 21 जून 1975 को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया था। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतने के बाद वेस्ट-इंडीज को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया था। वेस्ट-इंडीज की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। 50 रन पर वेस्ट-इंडीज तीन विकेट खो चुका था, लेकिन वेस्ट-इंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए 85 गेंदों पर 102 रनों की पारी खेली थी।
वेस्ट-इंडीज ने पूरे 60 ओवर खेलते हुए आठ विकेट पर 291 रन बनाए थे। इंग्लैंड की टीम 292 रन का पीछा करते हुए 58.4 ओवर में 274 रन पर ऑल आउट हो गई और वेस्ट-इंडीज 17 रन से जीत दर्ज कर पहला वर्ल्डकप जीतने का इतिहास रचा था। वेस्ट-इंडीज के कप्तान क्लाईव लॉयड के शानदार शतक की वजह से उन्हें 'मैन ऑफ़ द मैच' का ख़िताब मिला था।