कोरोना दुनिया भर की सरकारों के सामने चुनौती

कोरोना वायरस ने दुनिया भर की सरकारों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. लोक स्वास्थ्य व्यवस्था यानी पब्लिक हेल्थ सिस्टम भयंकर दबाव में है. यही नहीं इस बीमारी से लड़ने पर दुनिया भर के मुल्कों ने जो बजट तय किया है उसकी लागत बहुत ज्यादा है.

क्या दुनिया कुछ दिनो के लिए ठप्प होने के कगार पर पहुंच गई है? क्या दुनिया के कई देशों को क्वारेंटाइन करने की नौबत आ सकती है? विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को पैनेडेमिक घोषित कर दिया है. दिल्ली में इसे महामारी घोषित किया गया है और 31 मार्च तक के लिए सारे सिनेमा घर बंद कर दिए गए हैं. जहां इम्तहान खत्म हो चुके हैं उन स्कूलों के बंद कर दिए जाने के आदेश दे दिए गए हैं. 2009 में स्वाइन फ्लू को पैनडेमिक घोषित किया गया था. कोरोना वायरस ने दुनिया भर की सरकारों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. लोक स्वास्थ्य व्यवस्था यानी पब्लिक हेल्थ सिस्टम भयंकर दबाव में है. यही नहीं इस बीमारी से लड़ने पर दुनिया भर के मुल्कों ने जो बजट तय किया है उसकी लागत बहुत ज्यादा है. इसका अंदाज़ा सिर्फ शेयर बाज़ार के गिरने से नहीं लग सकता बल्कि पहले से सुस्त चल रही अर्थव्यवस्था में यह गिरावट भयंकर तबाही ला सकती है. चीन के बाहर इटली में सबसे अधिक मौतें हुई हैं. यहां 12, 462 लोगों कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. 827 लोगों की मौत हो गई है. पूरे इटली में तालाबंदी जैसी हालत हो गई है. 6 करोड़ लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है. उन्हें घर में ही रहना होगा. दवा और राशन की दुकानों को छोड़ कर इटली में सबकुछ बंद है.

दुनिया की आठवीं अर्थव्यवस्था इटली के दो शहर सेंट्रल मिलान और पीसा शहर की इन तस्वीरों से अंदाज़ा हो जाता है कि छह करोड़ आबादी पर लगे प्रतिबंध का इटली की सड़कों और मोहल्ले में क्या असर हुआ है. स्कूल, कालेज, रेस्त्रां, फुटबाल मैच सब बंद हो गए हैं. इटली जून की तपती दोपहरी की तरह सुनसान नज़र आ रही है. दुनिया भर के पर्यटकों का पसंदीदा देश है इटली. इटली की जीडीपी का छह प्रतिशत पर्यटन उद्योग से आता है मगर अब यह ठप्प सा हो गया है. यहां एक साल में छह करोड़ पर्यटक आते हैं. अब उड़ानें रद्द हो गई हैं. इटली में कोरोना वायरस के फैसले से होटल उद्योग और पर्यटन उद्योग को भारी झटका पहुंचा है. इसका असर कला व मनोरंजन, परिवहन खुदरा व्यापार, होटल उद्योग पर भी पड़ा है जिनका इटली की जीडीपी में 23 प्रतिशत हिस्सा है. फैक्ट्रियां बंद होने लगी हैं. हवाई उड़ाने रद्द हो गई हैं. कहा जा रहा है कि इस वायरस के असर से इटली की जीडीपी 2020 में 2 प्रतिशत की कमी आ सकती है. इटली में अप्रैल तक प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. पूरे देश में एक किस्म की तालाबांदी हो चुकी है. रोम वेनिस, वेटिकन जैसे शहर में सन्नाटा पसरा हुआ है. इन तस्वीरों को भेजने के लिए प्राइम टाइम के दर्शकों का शुक्रिया.

इटली की सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 28 बिलियन अमरीकी डॉलर का बजट रखा है. भारतीय मुदा में यह दो लाख करोड़ के बराबर है. सोचिए एक वायरस से लड़ने पर दो लाख करोड़ रुपये खर्च होने जा रहे हैं. जर्मनी ने भी 1 बिलियन यूरो खर्च करने का एलान किया है. यह पैसा वायरस को रोकने और रिसर्च पर ख़र्च होगा. जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्कल ने कहा है कि कोरोना वायरस का असर जर्मनी पर ज्यादा हो सकता है. जर्मनी की 70 प्रतिशत आबादी इससे संक्रमित हो सकती है. ये तब कहा है जब जमनी में कोरोना वायरस के मात्र 1966 मामले सामने आए हैं और 3 लोगों की मौत हुई है. मर्केल ने जमनी की सीमा को बंद करने से इंकार किया है. जर्मनी में एक हज़ार से अधिक के जमावड़े वाले आयोजनों को रद्द कर दिया गया है. फुटबाल मैच होंगे मगर स्टेडियम में भीड़ नहीं होगी. पोलैंड में भी दो हफ्ते के लिए स्कूल और कालेज को बंद कर दिया गया है.

पोलैंड के शहर क्राको से आई इन तस्वीरों में कोरोना वायरस की वीरानी झलक रही है. जबकि पोलैंड में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 47 ही है और किसी की मौत नहीं हुई है फिर भी यहां दो हफ्ते के लिए स्कूल कालेज सिनेमा थियेटर बंद कर दिए गए हैं. शहर की सड़कें सुनसान हो चुकी हैं. मोहल्लों के भीतरी हिस्सों में भी कोई हलचल नहीं है. मरीज़ों के अस्पताल जाने पर रोक लगा दी गई है और वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए डाक्टर से सलाह लेने के लिए कहा जा रहा है. यहां के एक डिपार्टमेंटल स्टोर के बाहर की है और फिर भीतर की। आप देश सकते हैं कि डिपार्टमेंटल स्टोर के सारे रैक खाली हो चुके हैं. लोगों ने ज़रूरत की चीज़ें खरीद कर घर में जमा कर ली हैं. टॉयलेट पेपर को लेकर काफी मारा मारी है. इस मामले में भी यूरोपीय लोगों को अब भारतीय पद्धित का अनुसरण करना होगा वरना यूरोप के घर टायलेट पेपर से भर जाएंगे. वायरस की यह वीरानी भारी पड़ रही है. पोलैंड की अर्थव्यवस्था का विकास दर 1 प्रतिशत तक कम हो सकता है.

क्राको से ज्यूरिख मात्र 1200 किमी की दूरी पर है. यहां भी वायरस के कारण सन्नाटा पसरने लगा है. यह वीडियो एक शापिंग माल का है. आप देख सकते हैं कि खाली हो चुका है. यहां भी लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है. स्विट्ज़रलैंड में 650 संक्रिमित लोगों की सूचना सामने आई है.

अमरीका में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1336 हो गई है और मरने वालों की संख्या 38 हो गई है. अमरीकी कांग्रेस के चिकित्सक डॉ. ब्रायन मोनहन ने कहा है कि अमरीका में 7 करोड़ से लेकर 15 करोड़ लोग वायरस की चपेट में आ सकते हैं. ब्रायन ने सिनेट के स्टाफ को जानकारी दी है. न्यूयार्क और न्यूजर्सी में आपात स्थिति लागू हो गई है. न्यू जर्सी में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं.

न्यूयॉर्क स्टाक एक्सचेंज के बाहर देखिए. सुनसान है. स्टाक एक्सचेंज में भी भारी गिरावट देखी गई है. आम तौर पर यहां गहमागहमी रहती है. न्यूयार्क शहर का ब्रूकलिन ब्रिज भी खाली नज़र आ रहा है. यह ब्रिज पर्यटकों से भरा रहता है. यह सब 12 मार्च की तस्वीरें हैं. न्यूयार्क मेट्रो जिसे सबवे कहा जाता है, खाली रहता है या भीड़ बहुत कम रहती है. आम तौर पर यहां खड़े रहने की जगह नहीं होती है. शहर की सड़कें खाली हो गई हैं. लोग बहुत कम दिख रहे हैं. आम तौर पर यहां तिल धरने की जगह नहीं होती लेकिन तस्वीरों में सिर्फ कंक्रीट की इमारतें हैं. इंसान बहुत कम नज़र आ रहे हैं. इन तस्वीरों से लगेगा ही नहीं कि यहां 87 लाख लोग रहते हैं. इस शहर में कार पार्क करना मुश्किल काम है लेकिन सड़कें खाली हैं. गाड़ियां नदारद हैं. दफ्तरों में कुर्सियां खाली नज़र आ रही हैं. लोगों को घर से ही काम करने को कहा गया है. न्यूयार्क में कोरोना वायरस से 216 से भी ज़्यादा मामले सामने आए हैं. मैनहैटन में 17 मार्च को होने वाली सेंट पेट्रिक्स डे परेड रद्द हो गई है. दुनिया के कुछ बड़े जलसों में गिना जाता है. 250 साल में पहली बार यह उत्सव अपनी योजना के अनुसार नहीं मनाया जा रहा है. इस परेड में डेढ़ लाख लोग मार्च करते हैं और 20 लाख लोग देखते हैं.

नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन ने 2019-20 के सीज़न टूर्नामेंट को रद्द कर दिया है. न्यूयार्क में स्कूल कालेज सिनेमा घर बंद हो गया है. स्टेट यूनिवर्सटी आफ न्यूयार्क के 60 कैंपस हैं और सिटी यूनिवर्सिटी में 20 कालेज हैं. इनमें छात्रों की संख्या 9 लाख हो गई है. ज्यादातर क्लास को 19 मार्च से ऑनलाइन कर दिया जाएगा. एक हफ्ते के लिए सभी क्लास बंद कर दिए गए हैं ताकि यूनिवर्सिटी आनलाइन की तैयारी कर सके. अमरीका में यूरोप के उन देशों से आने पर रोक लगा दी गई है जिनके यहां कोरोना वायरस फैला है. 2003 में सार्स में न्यूयार्क को जितना नुकसान हुआ है उसका सात गुना कोरना वायरस से हो सकता है. एक अनुमान के अनुसार 24 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है. यानी भारतीय मुद्रा में पौने दो लाख करोड़ का नुकसान हो सकता है. अमरीकी चुनावों की सभाओं पर भी असर पड़ रहा है. डेमोक्रेट उम्मीदवार बरनी सेंडर्स और जो बाइडन ने अपनी सभाएं रद्द कर दी हैं. दूसरे शहर जैसे सियाटल की तीन काउंटी में 250 से अधिक लोग जमा नहीं हो सकते हैं. न्यूजर्सी में भी स्टेट ऑफ इमरजेंसी लागू है. आपात स्थिति. यहां की सड़कें भी खाली हैं.

कोरोना वायरस के कारण जो नुकसान हो रहा है और इससे लड़ने के लिए जो बजट रखा जा रहा है वह अप्रत्याशित है. इस वायरस के कारण दुनिया भर के शेयर बाज़ार चरमराने लगे हैं. आर्थिक गतिविधियां ठप्प सी हो गई हैं. विमान कंपनियों के शेयर दुनिया भर में गिरने लगे हैं. यूरोपीयन यूनियन का एक कानून है. सरकारी एयरलाइंस को 80 प्रतिशत उड़ाने जारी रखनी होगी. इस कारण खाली प्लेन के उड़ने की खबरें आ रही हैं. भारतीय शेयर बाज़ारों में 12 मार्च को भी भारी गिरावट आई. सेंसेक्स में 2900 अंक से भी अधिक की गिरावट आई है.

2008 के बाद से किसी एक दिन में पहली बार ऐसी गिरावट देखी गई. दो साल में सबसे कम अंक पर सेसेंक्स बंद हुआ। निप्टी भी दो साल 9 महीने सबसे कम अंक पर बंद हुआ है. 12 मार्च की गिरावट में 11 लाख करोड़ की रकम हाथ से निकल गई. सभी सेक्टर 52 हफ्तों के निम्नतम पर चल रहे हैं. होटल कंपनियों के स्टाक में 13 से 20 प्रतिशत की गिरावट आ गई. विमान कंपनियों के शेयरों का भी यही हाल रहा. डालर के मुकाबले रुपये की भी हालत कमज़ोर है. एक डॉलर 74 रुपये 22 पैसे का हो गया है. 12 मार्च को सेंसेक्स 32,778 पर आ गया. 19 फरवरी को सेसेंक्स 41,323 अंक पर बंद हुआ था. 19 फरवरी से लेकर 12 मार्च के बीच सेसेंक्स 8,545 अंक गंवा चुका है.

भारत में भी बाहर से आने वाले विदेशी और भारतीय मूल के यात्रियों के लिए वीज़ा रद्द कर दिया गया है. ओवरसीज़ सिटिजन बिना वीज़ा के यात्राएं कर सकते हैं लेकिन उनके भी भारत आगमन पर 15 अप्रैल तक रोक लगा दी गई है. कैबिनेट मंत्रियों के लिए विदेश यात्रा पर रोक लगा दी गई है. इस कारण टूर एंड ट्रैवल्स और होटल उद्योग खतरे में आ गया है. 60 से 70 प्रतिशत कारोबार घटने के कारण इस सेक्टर में नौकरियां जाने का अंदेशा पैदा हो गया है. सुनील सिंह का कहना है कि अभी नौकरियां तो नहीं जाएंगी लेकिन बिना वेतन के छुट्टी देने पर विचार किया जा रहा है.

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वन डे मैच में स्टेडियम में लोग नहीं जा सकेंगे, टीवी पर मैच देखना होगा. हरियाणा ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है. हरियाणा से 44 केस ही सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. मात्र 6 की जांच आनी बाकी है बाकी सभी 38 मामलों में निगेटिव पाए गए हैं. हरियाणा के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में 1206 बिस्तरों के 270 वार्ड बनाए गए हैं. दिल्ली में भी कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया गया है. 31 मार्च तक के लिए सिनेमा घर बंद कर दिए गए हैं. कालेज और स्कूल भी बंद होंगे जिनके यहां परीक्षा हो चुकी है.

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कोरोना वायरस को लेकर फेक न्यूज़ से सावधान रहें. लतीफा और गाना बनाने वालों को भी थोड़ा रुकना चाहिए. बेहतर है आप अपने हुनर का इस्तमाल वायरस के प्रति जागरुकता फैलाने में करें. घबराने की ज़रूरत नहीं है लेकिन सतर्कता को लेकर लापरवाह नहीं हुआ जा सकता. उन देशों में जहां संख्या शुरू में कम थी वहां अचानक बढ़ने लग जाती है. भारत में संक्रमित लोगों की संख्या 76 हो गई है. आइसोलेशन और क्वारेंटाइन में फर्क है. आइसोलेशन उनका किया जाता है जिनके लक्षण साफ होते हैं. क्वारेंटाइन उनका होता है जो ठीक होते हैं मगर किसी के संपर्क में आने के कारण आशंका होती है.