मुस्लिम बहुल वाले गढ़ भी नहीं बचा पाई कांग्रेस

कांग्रेस नेता अजय माकन की तस्वीर

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनावों में आई आम आदमी पार्टी की सुनामी कांग्रेस के कई महारथियों को बहा ले गई। दिल्ली के मुस्लिम-बहुल चांदनी चौक इलाके की गिनती कांग्रस के मजबूत किलों में होती रही है। यहां सदर बाज़ार को छोड़ बाकी की तीन सीटों पर कांग्रेस ने इस बार ऐसे उम्मीदवार उतारे जिन्होंने बीते 15 सालों में कभी हार का मुंह नहीं देखा था। लेकिन जो पिछले 15 साल में कभी नहीं हुआ वो इस बार हो गया।

हाल ये रहा कि पार्टी के चारों दिग्गज - सदर बाज़ार से अजय माकन, मटिया महल से शोएब इकबाल, बल्लीमारन से हारून युसूफ और चांदनी चौक से प्रहलाद साहनी बुरी तरह हारे। इनमें शोएब इकबाल को छोड़कर बाकि तीनों दिग्गज़ उम्मीदवार तीसरे नंबर पर खिसक गए।  

इन सीटों पर मुस्लिम वोटरों की संख्या 20 से करीब 50 फीसदी तक है। ऐसे में ये नतीजे बता रहे हैं कि मुस्लिम वोटरों ने इस बार कांग्रेस की बजाय आम आदमी पार्टी का ज़्यादा साथ दिया है।

ये महत्वपूर्ण है कि 2013 के विधानसभा चुनावों में शीला दीक्षित सरकार के खिलाफ लहर के बावजूद कांग्रेस इन चार में से तीन सीटें जीतने में कामयाब रही थी। लेकिन इस बार पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पायी। मटिया महल से कांग्रेस उम्मीदवार शोएब इकबाल 1993 से इस इलाके में चुनाव लगातार जीतते रहे लेकिन इस बार किस्मत ने उनका साथ छोड़ दिया और वो पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे असीम अहमद खान से 26,000 मतों से चुनाव हार गए।

आदमी पार्टी की उम्मीदवार अल्का लांबा ने चांदनी चौक से जीत हासिल करने के बाद एनडीटीवी से कहा, "केजरीवाल एक ईमानदार विकल्प बन कर उभरे हैं। राहुल जी के लिए आम लोगों के बीच जुलूस निकालने से बेहतर होगा कि वो संगठन मज़बूत करें। आज कांग्रेस में आम कार्यकर्ता अपमानित महसूस कर रहा है"।

दिल्ली में कांग्रेस का चुनावी अभियान लीड कर रहे अजय माकन सदर बाज़ार में सिर्फ 16,331 मत ही जुटा पाये जबकि 'आप' के सोमदत्ता शर्मा ने सबसे ज़्यादा 67,507 मत जीते। जीत के बाद सोमदत्त शर्मा ने एनडीटीवी से कहा, "ये पब्लिक है...जिससे विश्वास उठ जाता है...उठ ही जाता है। पब्लिक चाहती थी कि भ्रष्ट तंत्र बदले"।

यही ट्रेंड दिल्ली के दूसरे मुस्लिम-बहुल इलाकों में दिखाई दी। दक्षिणी दिल्ली के ओखला विधानसभा क्षेत्र में भी 'आप' के उम्मीदवार अमानतुल्लाखान ने कांग्रेस उम्मीदवार आसिफ मोहम्मद खान को काफी पीछे छोड़ दिया। अमानतुल्ला को 1,04,271 वोट मिले जबकि कांग्रेस उम्मीदवार 20,135 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रह गया। जबकि पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में 'आप' उम्मीदवार मोहम्मद इशराक ने 57,302 वोट जीते जबकि चौधरी मतीन अहमद 23791 वोट ही हासिल कर पाये और वो भी तीसरे नंबर पर रह गए।  

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ज़ाहिर है इस बार के नतीजे बता रहे हैं कि पुरानी दिल्ली ने नए अंदाज में फैसला सुनाया है। अब 'आप' के सामने अगली चुनौती चुनावी वायदों पर खरा उतरने की होगी।