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This Article is From Oct 03, 2016

इस दीवाली चीनी माल ज़रूर खरीदें...

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अक्टूबर 04, 2016 08:59 am IST
    • Published On अक्टूबर 03, 2016 21:28 pm IST
    • Last Updated On अक्टूबर 04, 2016 08:59 am IST
प्यारे रेहड़ी-पटरी पर बैठकर सस्ता माल बेचने वालो,

ध्यान से सुनो. मुझे पता है आपके पास खबरों का कूड़ेदान, यानी अखबार पढ़ने और चैनल देखने का वक्त नहीं है. जिनके पास फेसबुक और ट्विटर पर उल्टियां करने का वक्त है, वे आपके माल की जात पता करना चाहते हैं. व्हाट्सऐप पर जोरशोर से अभियान चला रहे हैं कि इस दीवाली चीन का माल नहीं खरीदेंगे. पाकिस्तान के साथी चीन को सबक सिखाने के लिए इन लोगों ने आपके पेट पर लात मारने की योजना बनाई है.

दीवाली का बाजार सज चुका है. थोक बाजार से माल खरीदकर आप लोग अपने अपने जिलों और कस्बों की तरफ निकल चुके होंगे. यानी आपके जेब से पैसा निकलकर थोक मंडी वालों की जेब में जा चुका है, जो चीन से माल लाने में अपनी लागत निकाल चुके होंगे. अब अगर चीनी माल न खरीदने का अभियान चला तो आपकी लागत डूबने वाली है. उम्मीद है आपको पता होगा कि ऐसे मैसेज घूम रहे हैं कि चीन के घरेलू उपकरण से लेकर दीवाली की साज सज्जा के सामान नहीं खरीदने हैं.

जिन लोगों को चीन का माल नहीं खरीदना है, वे भारत सरकार पर दबाव डालें कि चीन से आयात पर प्रतिबंध लगा दे. भारत में काम कर रही चीनी कंपनियों को भगा दें. उन कारोबारियों को कहें कि आगे से चीन का माल न लाएं. अभी तो इनका भी पैसा लग चुका होगा. अगर चीनी माल न खरीदने का सरकारी और सामूहिक फैसला हुआ है तो सबको बताया जाना चाहिए. थोक दुकानदारों पर भी रोक लगे कि वे चीनी सामान किसी रेहड़ी पटरी वाले को न बेचें, जो इस दीवाली कुछ बेचकर कमाना चाहते हैं.

चीन के खिलाफ अभियान चलाने वालों ने अपने इन नागरिकों के बारे में कुछ नहीं सोचा है. यह सरकार का फैसला होना चाहिए न कि व्हाट्सऐप के गिरोहबाजों का. मुझे कई ऐसे मैसेज मिले हैं. क्यों नहीं यह लोग उन भारतीय कंपनियों के बहिष्कार की बात करते हैं, जो चीन से माल लाती हैं और वहां निवेश करती हैं. इस तरह के अभियान साधारण दुकानों के खिलाफ चलाए जा रहे हैं. क्या बड़ी कंपनियां चीन से माल का आर्डर कैंसिल करने जा रही हैं? दिया-बाती बेचने वालों के पेट पर लात मारने का यह कौन सा राष्ट्रवाद है?

सरकार को तय करने दीजिए. जब सरकार ही नहीं कह रही है कि चीन से माल नहीं आएगा, कारोबार नहीं होगा, तब तक ऐसी अफवाहों और अभियानों से किसका नुकसान होने वाला है. राष्ट्रवाद के नाम पर सिर्फ गरीब को ही जान और माल का इम्तिहान क्यों देना पड़ता है? आपने जो माल खरीदा है वह बेशक चीन का होगा लेकिन पैसा तो आपका है. उस माल का मालिकाना हक आपका है. इन फेसबुकिये राष्ट्रवादियों को चीनी माल से इतनी नफरत है तो यह अपने घरों से पहले से खरीदे गए चीन के माल को बाहर निकालें और उनकी होलिका जला दें. अपना स्मार्टफोन क्यों नहीं शहर के मुख्य चौराहे पर फेंक देते हैं? सिर्फ दीवाली के वक्त गरीब दुकानदारों के खिलाफ यह साजिश क्यों हो रही है?

सावधान रहिएगा. चीन के नाम पर आपका घर जलाया जा रहा है. अमेरिका ने जापान के दो शहरों पर परमाणु बम गिराकर लाखों लोगों को मार दिया था. वहीं जापान आज अमेरिका को टोयोटा कार बेच रहा है. पाकिस्तान से अभी तक बाकी कारोबार चल ही रहा है. उसके रद्द होने का औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है तो चीन के माल का बहिष्कार क्यों हो रहा है?

इसलिए जो गरीब हैं, वे यह समझें कि कुछ लोग राष्ट्रवाद के नाम पर वीडियो गेम खेल रहे हैं. आपकी आवाज वैसे ही मीडिया से बेदखल कर दी गई है. अब आपको पटरी से भी गायब करने के लिए कभी चीन तो कभी पाकिस्तान के माल के विरोध का शिगूफा छोड़ा जा रहा है. इसलिए लोगों से अपील है कि अपने मोहल्ले में बेच रही उस महिला को सजा न दें जो हजार दो हजार का चीनी सामान लाई है ताकि उसे बेचकर अपनी दीवाली मना सके. आप इस दीवाली चीनी सामान जरूर खरीदें. जब सरकार चीन से आर्थिक संबंध तोड़ने के लिए कहेगी तब आपको फेसबुक और व्हाट्सऐप के मूर्खों के मैसेज पढ़ने की नौबत नहीं आएगी. तब आपको खुद पता चल जाएगा.

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