पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'झूठा' और 'कायर' बताने वाले अरविंद केजरीवाल ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के लिए उन्हें सिर पर हाथ ले जाकर सैल्यूट कैसे कर लिया. लगा कि कई बार देश हित और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां आपसी मतभेद भुलाकर जिस तरह एक हो जाती हैं, शायद केजरीवाल का बयान उसी तरह आया है. इस बार भी कांग्रेस के साथ बाकी सारी विपक्षी पार्टियों ने एक सुर में मोदी सरकार की सैनिक कार्रवाई का समर्थन किया. राहुल गांधी ने तारीफ में आलोचना मिलाते हुए कहा कि ढाई साल में पहली बार मोदी ने प्रधानमंत्री की तरह कोई काम किया. लेकिन केजरीवाल का जब पूरा बयान सुना तब समझ में आया कि वे आखिर क्या कहना चाहते हैं.
क्या उन्होंने वही कहा जो पाकिस्तान कह रहा है?
29 सितंबर को डीजीएमओ की प्रेस कांफ्रेंस के बाद से पाकिस्तान कभी कुछ बोलता है, कभी कुछ. इस प्रेस कांफ्रेंस के तुरंत बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक तरह से सर्जिकल स्ट्राइक की बात पर मुहर लगाते हुए पाकिस्तान के धैर्य का इम्तिहान न लेने की बात कही. कुछ ही घंटों में सेना का दूसरा बयान आया. फिर पाकिस्तान की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक को नकारने के बयानों का अंबार लग गया. पाकिस्तान विदेशी मीडिया के लिए काम कर रहे अधिकांश पाकिस्तानी पत्रकारों को नियंत्रण रेखा पर बने गांवों का दौरा कराने ले गया. ये एक प्रायोजित दौरा था यानी पत्रकार वहीं जा सकते थे जहां सेना उन्हें ले जाना चाहती थी.
गांव के लोगों को अमन-चैन की बंसी बजाते देख कुछ पत्रकार इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि सर्जिकल स्ट्राइक के भारत के दावे में दम नहीं है. हालांकि उनसे किसी ने नहीं पूछा कि भारत ने नियंत्रण रेखा में दो-चार किलोमीटर अंदर आकर आतंकवादियों के लांच पैड नष्ट किए हैं. गांवों में तो आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप हैं. पता नहीं उन कैंपों पर किसी विदेशी पत्रकार की नजर क्यों नहीं पड़ी या ऐसा हुआ कि इस 'एंबेडेड जर्नलिज्म' में उन्हें इन कैंपों से दूर रखा गया.
पाकिस्तान के दोहरे बोल
पाकिस्तान ये जवाब नहीं दे पाया कि अगर भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की तो उसके कूटनीतिज्ञ संयुक्त राष्ट्र में ये रोना क्यों रो रहे हैं कि भारत ने इस तरह की कार्रवाई की. क्यों उसके रक्षा मंत्री न्यूक्लियर बम चलाने की बात बार-बार ऐसे करते हैं जैसे ये कोई खिलौना हो. भारत, पाकिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र के मॉनीटिरिंग ग्रुप (यूएनएमओजीआईपी) की जिस रिपोर्ट के हवाले से संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने एलओसी पर किसी फायरिंग की रिपोर्ट से इनकार किया, उसे 2013 में केंद्रीय दिल्ली में मुफ्त में दिए गए विशाल सरकारी भवन से बेदखल कर दिया गया था. इसके बाद से वह दक्षिण दिल्ली में किराए के मकान से चल रहा है. इसी यूएनएमओजीआईपी की 1972 के शिमला समझौते के बाद से भारत कोई भूमिका नहीं मानता क्योंकि इस समझौते के बाद ही दोनों देशों ने आपसी सहमति से नियंत्रण रेखा तय की थी.
कौन अलग-थलग? भारत या पाक?
भारत से पाकिस्तान सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांग रहा है. अरविंद केजरीवाल भी वही कह रहे हैं. लगता है केजरीवाल को भी न तो भारत सरकार और न ही बहादुर सेना के दावे पर भरोसा है. केजरीवाल को ये भी लगता है कि उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग नहीं हुआ. बल्कि पाकिस्तान की ही तरह उन्हें लगता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के बजाए भारत अलग-थलग हो गया है. इस पर जोर डालने के लिए उन्होंने एक अंग्रेज़ी अखबार के लेख को ट्वीट करते हुए यही कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग हो गया.
आम आदमी पार्टी की दलील है कि दिल्ली विधानसभा में उसकी सरकार ने बाकायदा प्रस्ताव पारित कर सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्जिकल स्ट्राइक के लिए बधाई दी लिहाजा उसके मंसूबों पर सवाल उठाना जायज़ नहीं है. हालांकि ये पूरी तरह से सच नहीं है. आप सरकार के प्रस्ताव में प्रधानमंत्री का नाम नहीं था. सदन में मौजूद बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने इसके लिए संशोधन दिया था जिसे विधानसभा ने मंज़ूरी दी.
पंजाब को लेकर सवाल
केजरीवाल की ये बात इसलिए गंभीर है क्योंकि उनकी पार्टी एक सीमाई सूबे पंजाब में सरकार बनाने के प्रमुख दावेदारों में से है. सुरक्षा के लिहाज से ये एक संवेदनशील राज्य है. पंजाब में एक बार फिर से चरमपंथियों के सक्रिय होने की खबरें आने लगी हैं. राज्य में गुरुदासपुर और पठानकोट में आतंकवादी हमले भी हो चुके हैं.
पंजाब में राजनीतिक हालात को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. आम आदमी पार्टी ने सत्तारूढ़ अकाली दल-बीजेपी पर ड्रग्स की समस्या से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है वहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं के विदेश दौरों खासतौर से कनाडा के दौरों को लेकर बीजेपी ने कई सवाल भी उठाए हैं. ऐसे में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर उठाए गए केजरीवाल के सवालों पर हंगामा हो तो हैरानी नहीं होगी.
(अखिलेश शर्मा एनडीटीवी इंडिया के राजनीतिक संपादक हैं।)
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।
इस लेख से जुड़े सर्वाधिकार NDTV के पास हैं. इस लेख के किसी भी हिस्से को NDTV की लिखित पूर्वानुमति के बिना प्रकाशित नहीं किया जा सकता. इस लेख या उसके किसी हिस्से को अनधिकृत तरीके से उद्धृत किए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
This Article is From Oct 04, 2016
केजरीवाल ने पीएम मोदी को सैल्यूट किया पर केजरीवाल को किसने दी सलामी !
Akhilesh Sharma
- ब्लॉग,
-
Updated:अक्टूबर 04, 2016 15:24 pm IST
-
Published On अक्टूबर 04, 2016 15:09 pm IST
-
Last Updated On अक्टूबर 04, 2016 15:24 pm IST
-
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं