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This Article is From Feb 13, 2019

'पापा' को पीएम पसंद हैं...

Akhilesh Sharma
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मार्च 11, 2019 13:47 pm IST
    • Published On फ़रवरी 13, 2019 23:20 pm IST
    • Last Updated On मार्च 11, 2019 13:47 pm IST

मुलायम सिंह यादव ने वह कह दिया जो कोई सोच भी नहीं सकता था. उन्होंने कह दिया कि वे चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें. मुलायम ने यह बात सोलहवीं लोकसभा के विदाई भाषण में कही. एक ऐसी बात जो बीजेपी नेताओं के कानों में मधुर सुर की तरह गूंजी तो, वहीं विपक्ष के कानों में कर्कश राग की तरह. यह ऐसी बात है जो सपा-बसपा गठबंधन से तगड़ी चुनौती झेल रही बीजेपी उत्तर प्रदेश में एक ब्रहास्त्र की तरह इस्तेमाल कर सकती है. खासतौर से उन यादव मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए जिन पर शिवपाल सिंह यादव पहले से ही डोरे डालने को तैयार बैठे हैं. मुलायम के बयान के राजनीतिक निहितार्थ के बारे में आगे बात करेंगे, लेकिन पहले आइए सुन लेते हैं उन्होंने क्या क्या कहा.

मुलायम ने जब यह बात कही, तब सोनिया गांधी उनके साथ ही बैठी हुई थीं. उधर बीजेपी नेताओं ने इसे हाथों-हाथ लिया. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कई बार मुलायम सिंह यादव के आशीर्वाद का जिक्र किया. शायद इसलिए ताकि जिन तक मुलायम की बात नहीं पहुंची हो उन तक पहुंच जाए. मुलायम का मोदी को यह आशीर्वाद ऐसे समय आया है, जब अखिलेश यादव यूपी में बेहद आक्रामक हो रहे हैं. कल ही उन्हें इलाहाबाद जाने से रोका गया और उसके विरोध में राज्य भर में सपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किए. मुलायम का यह बयान ऐसे समय भी आया है जब दिल्ली के जंतर मंतर पर विपक्षी नेता इकट्ठा हुए. बसपा और आरएलडी के साथ सपा का सीटों का बंटवारा हो चुका है. सीटों की पहचान भी कर ली गई है. ठीक ऐसे समय मुलायम का यह बयान उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

पिता पुत्र के बीच बनते बिगड़ते रिश्तों की बातें पहले भी होती आई हैं. विधानसभा चुनाव के समय भी अखिलेश यादव का अध्यक्ष बनना उनके और मुलायम के बीच खटपट का कारण बना था. चाचा शिवपाल की नाराजगी और अब उनका अलग रास्ता लेना भी इसी खटपट का नतीजा है. शिवपाल अलग पार्टी बना चुके हैं. वे उन सीटों पर जोर लगाएंगे जो समाजवादी पार्टी के हिस्से में आई हैं. उनमें से कई सीटों पर यादव वोट निर्णायक हैं. शिवपाल और अखिलेश के बीच इन यादव वोटों के बंटने का सीधा फायदा बीजेपी को हो सकता है.

पिता-पुत्र में विवाद की एक वजह सपा-बसपा समझौता भी हो सकता है. जिस तरह से मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा था कि आप मेरी पसंद जानते हैं और प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से होगा, वह भी मुलायम के करीबियों को रास नहीं आया है. इन तमाम कारणों से मुलायम सिंह यादव का बयान बेहद दिलचस्प हो जाता है. 

(अखिलेश शर्मा NDTV इंडिया के राजनीतिक संपादक हैं)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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