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This Article is From Jun 04, 2021

राहुल गांधी ने क्यों बदली ट्विटर की रणनीति?

Aadesh Rawal
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जून 04, 2021 14:02 pm IST
    • Published On जून 04, 2021 13:22 pm IST
    • Last Updated On जून 04, 2021 14:02 pm IST

इन दिनों राहुल गांधी का ट्विटर हैंडल काफ़ी चर्चा में है.वैसे तो राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल की चर्चा हमेशा इस बात को लेकर होती थी कि वह मोदी सरकार पर काफ़ी कटाक्ष भरा हमला करते हैं, लेकिन इस बार वजह अलग है. राहुल ने अपने ट्विटर हैंडल से काफ़ी लोगों को अनफॉलो कर दिया है, इसमें उनके स्टाफ़ के वह महत्वपूर्ण लोग भी शामिल हैं, जो हमेशा ही चर्चा में रहते है. कांग्रेस के भीतर इस बात को लेकर काफ़ी चर्चा है कि अलंकार सवाई, निखिल अल्वा, कनिष्क सिंह और कौशल विद्यार्थी को राहुल गांधी ने ट्विटर पर कैसे अनफॉलो करदिया? कांग्रेस के नेता एक-दूसरे से फ़ोन करके पूछ रहे हैं यह क्या चमत्कार है ? 

कांग्रेस के एक नेता ने (नाम न बताने की शर्त पर कहा) बताया, ”राजा कभी प्रजा के पीछे नहीं चलता बल्कि प्रजा को राजा से पीछे चलना पड़ता है”. बात यहीं ख़त्म नहीं होती. राहुल गांधी ने सभी पत्रकारों को भी अपनी ट्विटर हैंडल की सूची से हटा दिया है. मीडिया जगत में इस बात को लेकर बहुत चर्चा होती थी कि राहुल किसको ट्विटर पर फॉलो करते हैं...? ख़ासकर कांग्रेस पार्टी को कवर करने वाले पत्रकारों के बीच यह हमेशा जिज्ञासा और चर्चा का विषय रहता है. 

जिन पत्रकारों को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ट्विटर पर फ़ॉलो करते थे, वह इस बात का प्रचार भी करते थे और गर्व भी महसूस करते थे. आखिर राहुल गांधी ने यह फ़ैसला क्यों लिया...? दो सप्ताह से राहुल गांधी की ट्विटर रणनीति बन रही थी. कई बार सोशल मीडिया रणनीति बन रही थी जिसमें यह तय किया जा रहा था कि ट्विटर फ़ॉलो लिस्ट से कौन से नाम हटा दिए जाए. इसमें सबसे पहले फ़ैसला लिया गया कि जो कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर अन्य राजनीतिक दलों में शामिल हो गए हैं, उनका नाम राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल की फ़ॉलो सूची से हटाया जाए. इसी अनफॉलो सूची में स्टाफ़ और कार्यालय सहयोगी भी आ गए. 

फिर नम्बर आया पत्रकारों का! ऐसे बहुत से पत्रकार हैं जो इस बात की लगातार शिकायत करते थे कि उन्हें राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल से क्यों फ़ॉलो नहीं किया जाता? क्या कारण है कि कुछ ही लोगों को फ़ॉलो किया जा रहा है. नई रणनीति बनाने वालों का मत यह था कि सभी पत्रकारों को राहुल के ट्विटर हैंडल से फ़ॉलो नहीं किया जा सकता. तो फिर कुछ चुनिंदा लोगों को ही क्यों ? इसको ध्यान में रखते हुए पत्रकारों को राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल से अनफॉलो करने का फ़ैसला लिया गया. दरअसल राहुल की जानकारी में ऐसा भी आया कि जिन पत्रकारों के ट्विटर हैंडल को राहुल गांधी फ़ॉलो करते है वह पत्रकार न केवल इसको एक उपलब्धि बनाकर इसका प्रचार करते हैं, बल्कि एक क़दम आगे जाकर खुद को राहुल गांधी का राजनीतिक सलाहकार और रणनीतिकार पेश करते है.सभी पत्रकारों को ट्विटर पर फॉलो करना नामुमकिन है. मीडिया जगत के एक बड़े तबके की नाराज़गी दूर करने के लिए एक नीतिगत फ़ैसले के तहत सभी पत्रकारों को अनफॉलो कर दिया गया. 

नई पालिसी क्‍या है ?
राहुल गांधी अब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और कांग्रेस की विचारधारा के पक्षधरों व्यक्तियों को अपने ट्विटर हैंडल से फॉलो करेंगे. इस की एक बड़ी वजह यह है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह यह संदेश नहीं देना चाहते कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर असंसदीय भाषा या उसका इस्तेमाल करने वाले लोगों का समर्थन करते है. ऐसे कई ट्विटर हैंडल हैं जो अपने ट्वीट में अभद्र भाषा और गालीगलौज करते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनको ट्विटर पर फ़ॉलो कर रहे है. 

कांग्रेस के नेता क्या कहते हैं ?
कांग्रेस पार्टी में आम राय है कि राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल से कांग्रेस कार्यसमिति के सभी सदस्य, सभी महासचिव, प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, विधायक दल के नेता, सांसद, सभी फ्रंटल संस्थाएं और राज्यों के कांग्रेस के अधिकारिक ट्विटर हैंडलस को फ़ॉलो करना चाहिए. राहुल गांधी के इस फ़ैसले का दूसरा पहलू यह भी है कि वह हमेशा स्वयं को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में दिखाना चाहते हैं, जो सभी की सुनते है, सबसे राय मशविरा करते हैं और उसके बाद ही कोई फ़ैसला लेते हैं. उनका कहना भी रहा है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह सिर्फ़ अपने मन की बात नहीं करता बल्कि मैं सबके मन की बात सुनता भी हूँ. यहां पर एक बात दीगर है कि राहुल गांधी का ट्विटर हैंडल अब भी कुछ ऐसे लोगों ट्विटर हैंडल फ़ॉलो कर रहा है जो अब इस दुनिया में नहीं है. वैसे ट्विटर भी एक माध्यम है जिससे की हर प्रकार की जानकारी और सूचना प्राप्त होती है. यह देखना काफ़ी दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी का ट्विटर हैंडल अपने इस नए अवतार में क्या रंगलाता है. पर यह तय है कि यह राहुल गांधी की टीम में बदलाव का सबूत है. 

(आदेश रावल वरिष्ठ पत्रकार हैं. आप ट्विटर पर @AadeshRawal पर अपनी प्रतिक्रिया भेज सकते हैं)

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.
 

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