बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने जन्म देने के साथ ही अपने बच्चे का सौदा कर दिया. महिला ने आशा कार्यकर्ता के साथ मिलकर अपने दुधमुंहे बच्चे का सौदा कर लिया था. लेकिन जैसे ही यह मामला चर्चा में आया आनन-फ़ानन में बच्चे को वापस कर दिया गया है. हालांकि मामले को लेकर अभी किसी पक्ष द्वारा कोई आवेदन पुलिस को नहीं दिया गया है. दरअसल पूरा मामला मुजफ्फरपुर जिले के पारू थाना क्षेत्र नियामत पंचायत का है, जहां के निवासी अमोद सहनी की पत्नी रानी देवी को आशा कार्यकर्ता रंभा देवी द्वारा 5 नवंबर को देर रात डिलेवरी के लिए पारू प्रखंड के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
यहां रानी देवी ने एक लड़के को जन्म दिया और फिर सुबह तकरीबन 10 बजे रानी देवी को जचा बच्चा स्वास्थ्य होने के बाद सरकारी अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. ऐसा अस्पताल के कर्मियों का कहना है. वही बच्चे के गायब होने के बाद जब महिला के परिजनों ने बच्चे की खोज की तो महिला रानी देवी ने आशा कार्यकर्ता पर आरोप लगा दिया कि बच्चे को जन्म देने के बाद मैं बेहोश थी, तभी आशा कार्यकर्ता द्वारा मेरे बच्चे को गायब कर दिया गया.
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि रानी देवी को पूर्व से दो पुत्र है और अब तीसरे पुत्र की प्राप्ति हुई है. जिसके लिए वह 5 नवंबर को पारू के एक सरकारी अस्पताल में आशा कार्यकर्ता के साथ जाकर भर्ती हुई थी और फिर रानी देवी को पुत्र की प्राप्ति हुई और फिर मौका देख रानी देवी ने आशा कार्यकर्ता के साथ मिल कर अपने बच्चे का सौदा एक दंपति से कर लिया, जिसका बेटे की मृत्यु हो चुकी थी.
लेकिन जब बच्चे की खोज परिजनों द्वारा किया गया और मामला मीडिया तक पहुंचा तब आनन फानन में बच्चे को वापस मां के पास पहुंचा दिया गया. वहीं पूरे मामले को लेकर पारू थाना की पुलिस द्वारा बताया गया है कि मामला संज्ञान में आया है लेकिन अभी किसी भी पक्ष के द्वारा कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है. अगर आवेदन प्राप्त होता है तो फिर विधि सम्मत कारवाई की जाएगी.
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