
बिहार में PFI और इसके राजनीतिक विंग SDPI के कथित तौर पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के मामले में अब तक चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पटना पुलिस का कहना है कि इनके अलावा जो बीस नामज़द अभियुक्त हैं और फरार चल रहे हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. इस बीच सरकार में नीतीश कुमार की सहयोगी भाजपा ने चेतावनी दी है कि जो आरोपी हैं, उनको बचाने के लिए एक साजिश के तहत पूरे मुद्दे को भटकाने की कोशिश ना की जाए.
बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने बोध गया में पार्टी के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के बाद कहा कि जो देश विरोधी शक्तियां बिहार के विभिन्न हिस्सों में हैं, उन सबको हर हाल में पकड़ा जाये और ऐसा ना हो कि एक साजिश के तहत उनको बचाने के लिए पूरे मुद्दे को भटकाने का प्रयास किया जाये. जायसवाल ने प्रशासन से ये भी अनुरोध किया कि जो देश के खिलाफ साज़िश रचने वाले लोग हैं, उनके खिलाफ बिना कोई दबाव के कार्रवाई की जाए.
@sanjayjaiswalMP ने @NitishKumar को पीएफ़आई के ख़िलाफ़ जाँच के मुद्दे पर चेताया हैं कि सब को पकड़ा जाये और ऐसा नहीं हो कि एक साज़िश के तहत बचाने के लिए पूरे मुद्दे को भटकाने का प्रयास हो @ndtvindia @Anurag_Dwary pic.twitter.com/H0nGT7O1yE
— manish (@manishndtv) July 17, 2022
हालांकि, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो की सफाई के बाद अब संजय जायसवाल ने माना कि उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग का कोई औचित्य नहीं रहा लेकिन सरकार के प्रति उनके लहजे को लेकर साफ़ है कि पूर्व की तरह इस बार वो अधिक सावधानी बरत रहे हैं. और जब भी उन्हें लगेगा कि सरकार की कार्रवाई सुस्त चाल से हो रही हैं तो इस बार वो शांत बैठने वाली नहीं हैं. भाजपा इस बात से काफी खफा है कि जब पटना पुलिस की कार्रवाई सार्वजनिक हुई और एसएसपी के आरएसएस वाले बयान पर तो जनता दल यूनाइटेड, हम, विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर उन्हें ही घेरने में लग गयी.
पीएफ़आई और एसडीपीआई के ख़िलाफ़ कार्रवाई में अब तक पटना पुलिस ने शनिवार को नरुद्दीन जंगी उर्फ़ एडवोकेट को लखनऊ से गिरफ़्तार किया और इससे पूर्व एसडीपीआई के पटना ज़िला के महासचिव अतहर परवेज़ और झारखंड पुलिस के एक रिटायर्ड इन्स्पेक्टर मो जलालुद्दीन को गिरफ़्तार किया था. एक और मरगुब दानिश अहमद की गिरफ़्तारी को लेकर इसलिए विवाद शुरू हो गया है कि उसके पिता ने उसे मानसिक रूप से बीमार बताया हैं और दावा किया है कि उसके कोई पासपोर्ट नहीं हैं जबकि पुलिस का कहना है कि मरगूब अगर बीमार हैं तो ग़ज़वा-ऐ-हिंद का व्हॉट्सऐप ग्रुप को कैसे हैंडल करता है.
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