बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में आयोजित भूमि सुधार जनकल्याण कार्यशाला के दौरान बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय सिन्हा ने अधिकारियों को साफ संदेश दे दिया कि अब लापरवाही और भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस कार्यशाला में प्रदेशभर से आए अंचल अधिकारी, डीसीएलआर और विभागीय पदाधिकारी मौजूद थे.
कार्यशाला के दौरान मंत्री विजय सिन्हा का तेवर बेहद सख्त नजर आया. उन्होंने निचले पायदान पर खराब प्रदर्शन करने वाले अंचल अधिकारियों को सबके सामने खड़ा कर सवाल-जवाब किए. मंत्री ने पूछा कि अब तक किन मामलों में कार्रवाई की गई और लंबित मामलों को क्यों नहीं निपटाया गया. उन्होंने यह भी कहा कि कई अधिकारी मेडिकल लीव के नाम पर जिम्मेदारी से बच रहे हैं, जो बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है.
31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम
मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि 31 दिसंबर तक सभी अधिकारियों को अपना प्रदर्शन सुधारना होगा. उन्होंने चेतावनी दी कि जो अधिकारी इस अवधि में बेहतर काम नहीं करेंगे, उन पर सीधी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, जो अधिकारी ईमानदारी से काम करेंगे और जनता को राहत देंगे, उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा.
विजय सिन्हा ने बताया कि 24 नवंबर को उन्हें विभाग की जिम्मेदारी मिली और उसी के बाद सबसे पहले दाखिल-खारिज में परिमार्जन की प्रक्रिया शुरू की गई. उन्होंने कहा कि वर्षों से लंबित मामलों की वजह से आम जनता परेशान है. अब सभी लंबित मामलों की जिला-वार सूची मंगाई जा रही है और उनकी नियमित समीक्षा होगी.
फर्जी दस्तावेज और भ्रष्टाचार पर सख्त एक्शन
मंत्री ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेज के जरिए जमीन से संबंधित काम कराने की कोशिश करता है, तो उसे किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. ऐसे मामलों में अंचल अधिकारी डीसीएलआर के साथ मिलकर एफआईआर दर्ज करेंगे. अगर थाना सहयोग नहीं करता है तो लिखित आवेदन देकर उच्च अधिकारियों को जानकारी दी जाएगी.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विभाग के पास कार्रवाई करने की पूरी कानूनी शक्ति है. ईमानदार अधिकारियों को किसी से डरने की जरूरत नहीं है. विभाग की एक विशेष टीम अंचल कार्यालयों का निरीक्षण करेगी और जहां गड़बड़ी मिलेगी, वहां तुरंत कार्रवाई होगी.
अतिक्रमण और भूमि विवाद पर फोकस
विजय सिन्हा ने कहा कि अतिक्रमण हटाना और भूमि विवाद समाप्त करना विभाग की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. इसके लिए सभी अंचल कार्यालयों में जागरूकता बढ़ाने के लिए बैनर और पोस्टर लगाए जाएंगे. मंत्री ने कहा कि जनता को जमीन स्तर पर सुधार दिखना चाहिए, केवल फाइलों में नहीं.
शिकायत पेटी से मिलेगी जनता को राहत
कार्यशाला में मंत्री ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हर अंचल और डीसीएलआर कार्यालय में शिकायत पेटी लगाई जाएगी. इन पेटियों में डाली गई शिकायतें पूरी तरह गोपनीय रहेंगी. किसी भी कर्मचारी को पेटी खोलने की अनुमति नहीं होगी. शिकायतों पर सीधे कार्रवाई होगी.
उन्होंने बताया कि राजस्व कर्मचारियों से जुड़ी शिकायतों पर अंचल अधिकारी कार्रवाई करेंगे, जबकि अंचल अधिकारियों की शिकायतों की जांच डीसीएलआर करेंगे. अगर फिर भी किसी की बात नहीं सुनी जाती है तो वह सीधे मंत्री तक अपनी शिकायत पहुंचा सकता है.
मासिक समीक्षा और डायरेक्ट एक्शन
मंत्री ने बताया कि अब विभाग में मासिक समीक्षा बैठक अनिवार्य होगी. हर स्तर पर काम की जांच होगी और जरूरत पड़ने पर डायरेक्ट एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले 15 दिन की मोहलत दी गई थी और अब मकर संक्रांति के बाद सकारात्मक माहौल में फिर समीक्षा की जाएगी.
खराब प्रदर्शन वाले अधिकारियों को सख्त संदेश
विभाग की छवि खराब होने पर मंत्री ने नाराजगी जताई और निचले पायदान पर रहे 10 अंचल अधिकारियों को सीधे चेतावनी दी. मंत्री का स्पष्ट संदेश था खुद बदल जाइए, नहीं तो आपको बदल दिया जाएगा.
इस कार्यशाला के जरिए सरकार ने यह साफ कर दिया है कि राजस्व और भूमि सुधार विभाग में अब जवाबदेही तय होगी. आम जनता को राहत देना ही विभाग की प्राथमिकता होगी और किसी भी तरह की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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