प्रतीकात्मक फोटो.
                                                                                                                        - बिहार के सभी 13963909 घरों में बिजली की रोशनी
 - 32,49828 घरों में बिजली 10 अक्टूबर के बाद पहुंची
 - नीतीश का सात निश्चय कार्यक्रम में किया गया वादा पूरा हुआ
 
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                                                                                पटना: 
                                        बिहार में इस साल के अंत तक सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इस समय अवधि से करीब 65 दिन पहले बृहस्पतिवार को बिहार के सभी घरों में बिजली पहुंच गई. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा बिहार सरकार की तरफ से अभी तक नहीं की गई है, लेकिन केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सौभाग्य योजना की वेबसाइट पर आज जारी आंकड़ों के अनुसार बिहार के सभी एक करोड़ उनचालीस लाख तिरेसट हज़ार नौ सो नौ  घरों में बिजली की रोशनी में पहुंच गई है.
इस साल 10 अक्टूबर तक बिहार में करीब 32,49828 घरों में बिजली की रोशनी नहीं पहुंची थी और ऊर्जा मंत्रालय ने इकतीस दिसंबर की डेडलाइन दी थी. लेकिन बिहार ने पंद्रह दिनों में ही इस लक्ष्य को पूरा कर लिया. वही पड़ोस के उत्तर प्रदेश में अभी भी 88 लाख घरों में बिजली नहीं पहुंची है. महाराष्ट्रा में ऐसे घरों की संख्या 30 हजार से अधिक है और राजस्थान में सात लाख से भी अधिक. निश्चित रूप से बिहार के ऊर्जा विभाग और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.
नीतीश कुमार के लिए व्यक्तिगत रूप से भी यह सुखद समाचार है क्योंकि उन्होंने 2015 के चुनाव के पूर्व अपने सात निश्चय कार्यक्रम में घोषणा की थी कि वे हर घर में बिजली पहुंचा देंगे. और उस समय उनके राजनीतिक विरोधी एनडीए ने बिजली को मुख्य मुद्दा बनाया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर सभा में बिजली का मुद्दा छेड़कर कहते थे बिजली आई, बिजली आई.
बाद में बिहार के हर घर बिजली कार्यक्रम को केंद्र सरकार ने सौभाग्य योजना का नाम देकर शुरू किया जिसमें बिहार के अंदर हर घर बिजली की कई सारी योजनाओं को समाहित किया गया.
                                                                        
                                    
                                इस साल 10 अक्टूबर तक बिहार में करीब 32,49828 घरों में बिजली की रोशनी नहीं पहुंची थी और ऊर्जा मंत्रालय ने इकतीस दिसंबर की डेडलाइन दी थी. लेकिन बिहार ने पंद्रह दिनों में ही इस लक्ष्य को पूरा कर लिया. वही पड़ोस के उत्तर प्रदेश में अभी भी 88 लाख घरों में बिजली नहीं पहुंची है. महाराष्ट्रा में ऐसे घरों की संख्या 30 हजार से अधिक है और राजस्थान में सात लाख से भी अधिक. निश्चित रूप से बिहार के ऊर्जा विभाग और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.
नीतीश कुमार के लिए व्यक्तिगत रूप से भी यह सुखद समाचार है क्योंकि उन्होंने 2015 के चुनाव के पूर्व अपने सात निश्चय कार्यक्रम में घोषणा की थी कि वे हर घर में बिजली पहुंचा देंगे. और उस समय उनके राजनीतिक विरोधी एनडीए ने बिजली को मुख्य मुद्दा बनाया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर सभा में बिजली का मुद्दा छेड़कर कहते थे बिजली आई, बिजली आई.
बाद में बिहार के हर घर बिजली कार्यक्रम को केंद्र सरकार ने सौभाग्य योजना का नाम देकर शुरू किया जिसमें बिहार के अंदर हर घर बिजली की कई सारी योजनाओं को समाहित किया गया.
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