
- उत्तरकाशी के धराली में आए सैलाब ने गांव को मलबे में दफन कर दिया. अब भी लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है.
- धराली की तबाही में फुरकान के तीन साथी भी लापता हो गए हैं. वहीं फुरकान को भी धराली से रेस्क्यू कर लाया गया.
- फुरकान ने एनडीटीवी को बताया कि अचानक लगा कि जैसे कोई धमाका हुआ और सभी भागने लगे.
उत्तरकाशी के धराली में मंगलवार को आई आपदा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. पहाड़ से आए सैलाब में पूरा का पूरा गांव मलबे के ढेर में तबदील हो गया. अभी भी इस मलबे में कई लोगों के दबे होने की बात कही जा रही है. गुरुवार को भराडी के बाद मातली के ITBP बेस पर लगातार पांच से छह हेलीकॉप्टर धराली और हर्षिल घाटी से लोगों को रेस्क्यू करके ला रहे थे. उसी वक्त एनडीटीवी की टीम को उत्तर प्रदेश के फुरकान मिले, जिन्होंने उस दिन के हालात और धराली के वायरल वीडियो का सच बताया.
फुरकान ने बताया कि धराली में आई तबाही के बाद से ही फंसे हुए थे, जिन्हें गुरुवार को रेस्क्यू करके मातली बेस लाया गया. इस तबाही में फुरकान के तीन साथी भी लापता हो गए हैं. फुरकान अपने उन तीन साथियों के लापता होने की रिपोर्ट कराने की कोशिश कर रहे थे. धराली में फ़ुरकान अपने चार दोस्तों के साथ वेल्डिंग का काम करने आए थे.
40 सेकेंड और तबाही का वो मंजर
धराली की तबाही का अंदाजा दुनिया ने एक वीडियो को देखकर लगाया. इस वीडियो में दिख रहा है कि कैसे खीर खड्ड अचानक लाखों टन मलबा लेकर धराली पहुंची और महज चालीस सेकेंड के भीतर ही पूरे बाजार को जिंदा दफ्न कर दिया. फुरकान बताते हैं कि वीडियो में जो होटल और उसके पास भागते लोग दिख रहे हैं उनमें वो भी थे.
उन्होंने बताया कि सुबह से ही बारिश हो रही थी और छुट्टी जैसा माहौल था, क्योंकि ये महीना पर्यटकों के लिहाज से ठंडा रहता है. दूसरा एक दिन पहले ही बहुत बड़ा मेला लगा था. स्थानीय लोग ऊंचाई पर बसे अपने गांवों में गए हुए थे. धराली के बाजार में होटल में काम करने वाले लोग या पर्यटक ही ज्यादातर थे. कुछ स्थानीय लोग भी थे.
ऐसा लगा जैसे धमाका हुआ: फुरकान
उन्होंने बताया कि दोपहर को अचानक लगा कि जैसे कोई धमाका हुआ हो. उस वक्त वो गल्फ होटल के नजदीक थे, तभी गांव वालों ने सीटियां बजानी शुरु की. मेरे चार दोस्त थे, जिनमें संभल और दो बिजनौर के थे. हम चारों भागे. कल्प होटल के पास करीब 30-35 लोग भाग रहे थे, उनमें मैं भी था. अचानक एक गाड़ी दिखी. मैं उसमें बैठकर भागा. मेरे चारों दोस्तों से साथ बिछड़ गया था. तीन लोग अब भी लापता हैं. भागने के दौरान 10-15 लोग पीछे रह गए, उनका बचना मुश्किल है.
महाराष्ट्र के पर्यटकों को भी किया रेस्क्यू
मातली में फुरकान ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के पर्यटक भी मिले जिनको रेस्क्यू किया गया है. मुंबई से आए अनिल, नीता और राम को भी लाया गया. नीता ने बताया कि मुंबई और गुजरात के करीब सौ लोगों को नीचे लाया गया है. मातली में पत्रकारों ने हेलीकॉप्टर के जरिए धराली जाने की कोशिश की लेकिन सरकार की ओर से सख्त निर्देश दिया गया है कि एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और रोलेक्स टीम ही जाएगी.
एनडीटीवी की टीम भी लंबे इंतजार के बाद भराडी लौट आई. बीआरओ के इंजीनियर नंदलाल ने बताया कि टेंपरेरी पुल बनाने का काम शुक्रवार से शुरु हो जाएगा और दो दिन में ये पुल बनकर तैयार हो जाएगा.
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