क्या बिहार की राजनीति में भाजपा के सबसे क़द्दावर नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए राजनीति में हनुमान की भूमिका अदा कर रहे हैं? लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने अपने एक इंटरव्यू से एक नये विवाद को जन्म दिया कि नीतीश बिहार में एनडीए का चेहरा हैं लेकिन जब तक भाजपा चाहेगी. इस पर सुशील मोदी ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को निशाने पर रखते हुए ट्वीट में कहा कि 'जैसे संसदीय चुनाव से पहले विरोधी दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प नहीं दे पाये, उसी तरह महागठबंधन बिहार में नीतीश कुमार का विकल्प नहीं दे पाएगा और एनडीए विधानसभा चुनाव में संसदीय चुनाव की सफलता को शानदार आंकड़ों के साथ दोहराएगा.'
जैसे संसदीय चुनाव से पहले विरोधी दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प नहीं दे पाये, उसी तरह महागठबंधन बिहार में नीतीश कुमार का विकल्प नहीं दे पाएगा और एनडीए विधानसभा चुनाव में संसदीय चुनाव की सफलता को शानदार आंकड़ों के साथ दोहरायेगा। pic.twitter.com/hsvwD9FEZI
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 16, 2019
मोदी ने कहा कि इस साल के संसदीय चुनाव में बिहार की 40 में से केवल एक सीट जीत पाने के बाद महागठबंधन कई सप्ताह तक सदमे में रहा. खुद को दिलासा देने के लिए इसने कुछ दिन ईवीएम को कोसा. राजद ने ईवीएम के खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा भी की, जो हवा में रह गई. मोदी के ट्वीट से साफ़ है कि भले उन्होंने पासवान को ना लपेट कर तेजस्वी को निशने पर रखा है.
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सुशील मोदी ने कहा कि हताशा के 33 दिन अज्ञातवास में गुजारने के बाद तेजस्वी यादव जब आधे मन से सक्रिय भी हुए, तब महागठबंधन के दूसरे साथियों ने उन्हें सीएम प्रत्याशी मानने से साफ इनकार दिया. अब शर्मनाक चुनावी पराजय और दोस्तों के हाथ खींचने के दोहरे झटके से लड़खड़ाये तेजस्वी यादव क्राइम न्यूज पढ़ने में ज्यादा वक्त बिता रहे हैं.
इस साल के संसदीय चुनाव में बिहार की 40 में से केवल एक सीट जीत पाने के बाद महागठबंधन कई सप्ताह तक सदमे में रहा। खुद को दिलासा देने के लिए इसने कुछ दिन ईवीएम को कोसा। राजद ने ईवीएम के खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा भी की, जो हवा में रह गई।
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बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी आखिर क्यों बने एक दूसरे की मजबूरी?
महागठबंधन के पास यदि बिहार के विकास का कोई वैकल्पिक और विश्वसनीय रोडमैप होता, तो वे बताते कि एनडीए सरकार के विकास से बड़ी लकीर खींचने के लिए वे क्या-क्या करेंगे. जिनके पास राज्य की बेहतर सेवा का कोई विजन ही नहीं, वे सीएम उम्मीदवार पर रोज बयानबाजी करने के सिवा कर भी क्या सकते हैं?
महागठबंधन के पास यदि बिहार के विकास का कोई वैकल्पिक और विश्वसनीय रोडमैप होता, तो वे बताते कि एनडीए सरकार के विकास से बड़ी लकीर खींचने के लिए वे क्या-क्या करेंगे।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 16, 2019
जिनके पास राज्य की बेहतर सेवा का कोई विजन ही नहीं, वे सीएम-उम्मीदवार पर रोज बयानबाजी करने के सिवा कर भी क्या..... pic.twitter.com/IZFcPh1NMH
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