
- RJD ने बिहार चुनाव के लिए 143 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसमें 'MY' उम्मीदवारों को लगभग आधी सीटें मिली हैं.
- पार्टी ने कुशवाहा जाति के 13 उम्मीदवारों को टिकट दिया, ताकि लोकसभा चुनाव की तरह इस वोट बैंक को भी साधा जा सके.
- RJD ने अत्यंत पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों को टिकट देकर इस वर्ग के मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया.
बिहार चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल ने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी. पार्टी ने सबसे अधिक भरोसा अपने कोर वोट बैंक पर जताया है. पार्टी ने 52 यादव जाति के उम्मीदवारों को टिकट दिया है. 18 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं. पिछली बार भी पार्टी ने 18 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था. इनमें से 8 जीतकर आए थे. इस तरह से देखें तो पार्टी ने 143 में से 70 सीटों पर यादव - मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं. यानी करीब आधे पर.
कुशवाहा वोट बैंक साधने की कोशिश
पिछले लोकसभा चुनाव में कुशवाहा मतदाताओं के एक वर्ग ने इंडिया एलाइंस को वोट किया था. इसलिए एक बार फिर से राजद ने कुशवाहा उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. पार्टी ने 13 कुशवाहा उम्मीदवारों को टिकट दिया है. पार्टी को उम्मीद है की लोकसभा चुनाव की तरह ही कुशवाहा मतदाता इस बार भी उनके साथ जाएंगे. एनडीए में सम्राट चौधरी, उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेता शामिल हैं लेकिन उपेंद्र कुशवाहा की सार्वजनिक रूप से व्यक्त की गई नाराजगी और पर्याप्त सीटें न मिलने जैसी बातों का नुकसान एनडीए को हो सकता है. इसलिए राजद का यह दांव महत्वपूर्ण है.
अत्यंत पिछड़ों को भी साधने की कोशिश
यादव, कुर्मी, कुशवाहा के अलावा पार्टी ने 21 ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं जो अति पिछड़ी एवं अत्यंत पिछड़ी जातियों से हैं. बीमा भारती, अजय डांगी, अनीता देवी, भरत भूषण मंडल, अरविंद सहनी, देव चौरसिया, विपिन नोनिया जैसे उम्मीदवारों के सहारे पार्टी अत्यंत पिछड़ों को साधना चाहती है. पार्टी ने मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाते हुए इस बात पर बहुत जोर था की पहली बार किसी अत्यंत पिछड़ी जाति से आने वाले नेता को बिहार में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. यह कवायद भी 36% अति पिछड़ों को साधने की थी.
21 रिजर्व सीटों पर चुनाव लड़ रही राजद
पार्टी ने 20 अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार को उतारा है. यह सभी उम्मीदवार सुरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. अनुसूचित जाति में रविदास, पासवान और पासी को सबसे अधिक भागीदारी दी गई है. शराबबंदी कानून के बाद पासी जाति का वर्ग एनडीए से नाराज है. इसे साधने के लिए पहले भी राजद ने कई कोशिशें की है. अब टिकट बंटवारे में भी इसका ध्यान रखा है.
पार्टी ने 11 फीसदी सवर्णों को भी टिकट दिया है
राजद ने 16 अगड़ी जाति के उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें 7 राजपूत, 6 भूमिहार और 3 ब्राह्मण शामिल हैं. शिवानी शुक्ला, राहुल शर्मा, वीणा देवी के जरिए भूमिहार जाति को साधने की कोशिश है. पिछली बार अगड़ी जातियों में भूमिहार ने ही महागठबंधन के पक्ष में सबसे अधिक वोट किया था.
नामांकन के आखिरी दिन जारी किए गए इस लिस्ट को देखकर या लगता है की राजद ने अपने कोर वोट बैंक के साथ ही साथ नए समीकरण बनाने की कोशिश की है. इसमें पार्टी कितनी कामयाब होगी. यह परिणाम बताएगा.
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