बिहार में श्री रामनुजाचार्य महाराज के 1000वीं जयंती समारोह में रविशंकर प्रसाद ने शिरकत की (फाइल फोटो)
- धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए नीतीश कुमार और रविशंकर प्रसाद
- नीतीश कुमार ने समाज कल्याण योजनाओं की चर्चा की
- रविशंकर प्रसाद को राम मंदिर जल्द बनने की उम्मीद
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पटना:
बिहार के चंदवा में बुधवार को आयोजित एक धार्मिक आयोजन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत कई दलों के राजनीतिक दिग्गज पहुंचे. यह आयोजन भक्ति आंदोलन के संस्थापक श्री रामनुजाचार्य महाराज के 1000वीं जयंती पर आयोजित समारोह पर गया था.
इस मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि समाज के लोगों का केवल भौतिक विकास नहीं बल्कि अपने शासन कल में सामाजिक सुधार के लिए उन्होंने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं. इनमें उन्होंने शराबबंदी से नशाबंदी, बालविवाह और दहेज़ प्रथा के खिलाफ शुरू किए गए अभियान की चर्चा की.
पढ़ें: अयोध्या विवाद: शिया वक्फ बोर्ड समझौते के लिए अयोध्या पहुंचा
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्हें उम्मीद हैं कि राम जन्मभूमि मसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरह सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी हमारे अनुकूल आएगा. उन्होंने सफाई दी कि यह सब वह अपने अनुभव और एक वकील होने के नाते से कह रहे हैं. बता दें कि रविशंकर प्रसाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में राम जन्मभूमि न्यास की तरफ से वकील के रूप में बहस करते थे. उनका दावा है कि हाई कोर्ट के फैसले से साफ़ हैं कि इस बात के कई सबूत मिले हैं कि वहां राम जन्मभूमि थी.
हालांकि इस यज्ञ में नीतीश कुमार अपने तय शुदा कार्यक्रम के बाद वापस लौट गए थे. फिर भी एक ही कार्यक्रम में नीतीश कुमार और आरएसएस प्रमुख के शामिल होने पर विरोधी दलों ने खूब कटाक्ष भी किए. इस पर जनता दल यूनाइटेड के नेताओं ने कहा कि राजद को असल इस बात का मलाल है कि इतने भव्य आयोजन में उनके सुप्रीमो लालू यादव भाग लेने से कैसे चूक गए.
इस मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि समाज के लोगों का केवल भौतिक विकास नहीं बल्कि अपने शासन कल में सामाजिक सुधार के लिए उन्होंने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं. इनमें उन्होंने शराबबंदी से नशाबंदी, बालविवाह और दहेज़ प्रथा के खिलाफ शुरू किए गए अभियान की चर्चा की.
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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्हें उम्मीद हैं कि राम जन्मभूमि मसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरह सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी हमारे अनुकूल आएगा. उन्होंने सफाई दी कि यह सब वह अपने अनुभव और एक वकील होने के नाते से कह रहे हैं. बता दें कि रविशंकर प्रसाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में राम जन्मभूमि न्यास की तरफ से वकील के रूप में बहस करते थे. उनका दावा है कि हाई कोर्ट के फैसले से साफ़ हैं कि इस बात के कई सबूत मिले हैं कि वहां राम जन्मभूमि थी.
हालांकि इस यज्ञ में नीतीश कुमार अपने तय शुदा कार्यक्रम के बाद वापस लौट गए थे. फिर भी एक ही कार्यक्रम में नीतीश कुमार और आरएसएस प्रमुख के शामिल होने पर विरोधी दलों ने खूब कटाक्ष भी किए. इस पर जनता दल यूनाइटेड के नेताओं ने कहा कि राजद को असल इस बात का मलाल है कि इतने भव्य आयोजन में उनके सुप्रीमो लालू यादव भाग लेने से कैसे चूक गए.
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