प्रतीकात्मक फोटो
- 15 औषधि प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई
- ऑपरेशन ड्रग माफिया अभियान के तहत की गई छापेमारी
- नौ संस्थानों का लाइसेंस निलंबित किया गया
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पटना:
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज बताया कि प्रदेश में आपरेशन ड्रग माफिया अभियान के अंतर्गत कुल 15 औषधि प्रतिष्ठानों की छापामारी की गयी है तथा नौ संस्थानों का लाइसेंस निलंबित किया गया एवं एक संस्थान को चेतावनी दी गई. उन्होंने बताया कि दो संस्थानों पर कार्रवाई प्रक्रिया में है. बिहार विधान परिषद में जदयू सदस्य रामचंद्र भारती तथा भाकपा सदस्य केदारनाथ पांडेय द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्नों का उत्तर देते हुए मंगल पांडये ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं की खरीद निर्धारित दर पर की जाती है. उन्होंने कहा कि अनियमितता संज्ञान में आने पर नियमानुकूल कार्रवाई की जाती है.पांडेय ने बताया कि वर्ष 2017 में सरकारी अस्पतालों की दवाओं को बाजार में बिक्री करने तथा एक्सायरी दवाओं के रैपर बदलकर बाजार में बेचे जाने के कुछ मामले प्रकाश में आये हैं जिसके आलोक में कदम उठाते हुए नियमानुसार कार्रवाई की गयी है.
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उन्होंने कहा कि सरकारी दवाओं के अवैध कारोबार पर रोकथाम के लिए पटना औषधि नियंत्रण प्रशासन द्वारा आपरेशन ड्रग माफिया अभियान के अंतर्गत कुल 15 औषधि प्रतिष्ठानों की छापामारी की गयी. पांडेय ने बताया कि इसके अतिरिक्त उक्त अभियान के अंतर्गत कुल 16 प्राथमिकी दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि वर्ष 2015—16 में पटना जिला अंतर्गत एक्सपायरी दवाओं की बरामदगी का मामला प्रकाश में नहीं आया है. भाजपा सदस्य लाल बाबू प्रसाद द्वारा पूछे गए एक तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए पांडेय ने कहा कि गत वर्ष 28 नवंबर को स्वास्थ्य विभाग के एक द्वारा बिहार में ई-सिगरेट को प्रतिबंधित किए जाने के उद्येश्य से राज्य के सभी सहायक औषधि नियंत्रक एवं औषधि निरीक्षक को क्रय विक्रय, निर्माण, वितरण एवं विक्रय के लिए प्रदर्शन विज्ञापन इत्यादि पर पूर्ण नियंत्रण के वास्ते राज्य में ई-सिगरेट के रुप में उपलब्ध उत्पादों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए आदेश दिया गया है.
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उन्होंने बताया कि आदेश निर्गत किये जाने की तिथि से ई-सिगरेट की बरामदगी का कोई मामला सामने नहीं आया है. राजद सदस्य राधा चरण साह द्वारा पूछे गए एक तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए पांडेय ने कहा कि राज्य में महिला चिकित्सकों की भारी कमी है. महिला चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समित द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत चिकित्सकों को संविदा पर नियोजित कर पदस्थापित किया जा रहा है. साथ ही विभाग स्तर से भी अनुबंध के आधार पर चिकित्सा पदाधिकारियों, विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों के नियोजन के लिए गत 25 जनवरी को निर्देश दिया गया है.
पांडेय ने कहा कि इसके अतिरिक्त बिहार चिकित्सा सेवा बिहार चिकित्सा शिक्षा सेवा से सेवानिवृत सामान्य चिकित्सकों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद पर पुन: नियोजित करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर अग्रतर कार्रवाई की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालो में डाक्टर की फीस एवं जांच का शुल्क सरकार के स्तर से निर्धारित नहीं है. यद्यपि विभाग के स्तर से विभिन्न जांच के लिए शुल्क के निर्धारण के वास्ते एक समिति बनाई गयी है. जदयू सदस्य सी पी सिन्हा द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पांडेय ने कहा कि चिकित्सीय सेवाओं में सरकारी मेडिकल अस्पतालों में अप्रत्याशित सुधार हुआ है.
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उन्होंने कहा कि सरकारी दवाओं के अवैध कारोबार पर रोकथाम के लिए पटना औषधि नियंत्रण प्रशासन द्वारा आपरेशन ड्रग माफिया अभियान के अंतर्गत कुल 15 औषधि प्रतिष्ठानों की छापामारी की गयी. पांडेय ने बताया कि इसके अतिरिक्त उक्त अभियान के अंतर्गत कुल 16 प्राथमिकी दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि वर्ष 2015—16 में पटना जिला अंतर्गत एक्सपायरी दवाओं की बरामदगी का मामला प्रकाश में नहीं आया है. भाजपा सदस्य लाल बाबू प्रसाद द्वारा पूछे गए एक तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए पांडेय ने कहा कि गत वर्ष 28 नवंबर को स्वास्थ्य विभाग के एक द्वारा बिहार में ई-सिगरेट को प्रतिबंधित किए जाने के उद्येश्य से राज्य के सभी सहायक औषधि नियंत्रक एवं औषधि निरीक्षक को क्रय विक्रय, निर्माण, वितरण एवं विक्रय के लिए प्रदर्शन विज्ञापन इत्यादि पर पूर्ण नियंत्रण के वास्ते राज्य में ई-सिगरेट के रुप में उपलब्ध उत्पादों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए आदेश दिया गया है.
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उन्होंने बताया कि आदेश निर्गत किये जाने की तिथि से ई-सिगरेट की बरामदगी का कोई मामला सामने नहीं आया है. राजद सदस्य राधा चरण साह द्वारा पूछे गए एक तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए पांडेय ने कहा कि राज्य में महिला चिकित्सकों की भारी कमी है. महिला चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समित द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत चिकित्सकों को संविदा पर नियोजित कर पदस्थापित किया जा रहा है. साथ ही विभाग स्तर से भी अनुबंध के आधार पर चिकित्सा पदाधिकारियों, विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों के नियोजन के लिए गत 25 जनवरी को निर्देश दिया गया है.
पांडेय ने कहा कि इसके अतिरिक्त बिहार चिकित्सा सेवा बिहार चिकित्सा शिक्षा सेवा से सेवानिवृत सामान्य चिकित्सकों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद पर पुन: नियोजित करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर अग्रतर कार्रवाई की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालो में डाक्टर की फीस एवं जांच का शुल्क सरकार के स्तर से निर्धारित नहीं है. यद्यपि विभाग के स्तर से विभिन्न जांच के लिए शुल्क के निर्धारण के वास्ते एक समिति बनाई गयी है. जदयू सदस्य सी पी सिन्हा द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पांडेय ने कहा कि चिकित्सीय सेवाओं में सरकारी मेडिकल अस्पतालों में अप्रत्याशित सुधार हुआ है.
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