आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को हाइकोर्ट से झटका लगा है. पटना हाई कोर्ट की डिविज़न बेंच ने तेजस्वी यादव को बंगला ख़ाली करने का आदेश दिया है. आपको बता दें कि उप मुख्यमंत्री बनने के बाद तेजस्वी यादव को यह बंगला आबंटित किया गया था. इस मकान के रखरखाव और इसकी साज-सज्जा पर तेजस्वी ने काफी बड़ी रकम खर्च की थी. उन्हें शायद सरकार और खासकर यह मकान हाथ से जाने का अंदाजा नहीं था. लेकिन बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद नीतीश सरकार ने इस बंगले को खाली करने का आदेश दे दिया और पटना के 5 देशरत्न मार्ग पर स्थित इस बंगले को प्रशासन की टीम खाली कराने भी पहुंच गई. लेकिन विरोध के बाद ख़ाली हाथ वापस लौट गई. बंगला ख़ाली कराने के ख़िलाफ़ आरजेडी नेता बंगले के बाहर धरने पर बैठ गए, जिके बाद सरकारी अमले को लौटना पड़ा. बंगले के गेट पर ताला लटका हुआ और एक नोटिस लगा है. जिस पर लिखा है, मामला कोर्ट में है, इसलिए बंगला ख़ाली करने का दबाव न डालें.
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उसी समय मामला कोर्ट में पहुंच गया. इसके साथ ही तेजस्वी ने नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा डाले. जिसमें सवाल उठाया था कि संविधान में उपमुख्यमंत्री के लिए कोई पद नहीं है, तब उस नाम से किसी बंगले को कैसे सुरक्षित किया जा सकता है. मंत्री हज़ारी का कहना है कि जब बंगले को सबसे वरिष्ठ मंत्री मतलब कैबिनेट में नंबर 2 के नाम से अब चिह्नित कर दिया गया है, इसलिए तेजस्वी यादव के आग्रह को माना नहीं जा सकता. तेजस्वी ने कई यह भी कहा कि आख़िर उन्हें बंगले से बेदख़ल करने की जल्दबाज़ी क्यों दिखायी जा रही है?
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फिलहाल अब हाइकोर्ट का फैसला आने के बाद अब बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री को बंगला खाली करना पड़ सकता है.
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