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गोपाल खेमका हत्‍याकांड में क्‍या बेउर जेल से दिया गया कमांड? कानून की नाक के नीचे चल रही क्राइम कथा!

2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की हत्या वैशाली में की गई थी. उस केस में आरोपी मस्तु सिंह की भी बाद में हत्या हो गई थी. पुलिस अब इन दोनों हत्याओं के बीच लिंक तलाश रही है.

गोपाल खेमका हत्‍याकांड में क्‍या बेउर जेल से दिया गया कमांड? कानून की नाक के नीचे चल रही क्राइम कथा!
अजय खेमका मर्डर केस
  • पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
  • इस हत्‍याकांड के तार पटना के बेउर जेल से जुड़ते नजर आ रहे हैं.
  • पुलिस की छापेमारी में बेउर जेल से मोबाइल फोन और संदिग्ध सामग्री बरामद हुई है
  • हत्या की साजिश जेल के भीतर से रची जाने की आशंका जताई जा रही है.
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पटना:

पटना में प्रतिष्ठित व्‍यवसायी गोपाल खेमका की हत्‍या के बाद बिहार पुलिस के हाथ-पांव फूले हुए हैं. मुख्‍यमंत्री आवास और पुलिस मुख्‍यालय के पास हुई इस वारदात ने पूरे राज्‍य की कानून व्‍यवस्‍था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. खासकर तब, जबकि चुनाव नजदीक है, विपक्ष नीतीश सरकार पर पूरी तरह हमलावर है. इस मामले के तार बेउर जेल के साथ जुड़ते नजर आ रहे हैं. पुलिस की छापेमारी में जेल से तीन मोबाइल फोन, सिम, डेटा केबल और संदिग्‍ध नंबरों की लिस्‍ट बरामद हुई है. आशंका है कि इस हत्‍याकांड की साजिश जेल के भीतर से रची गई हो. बेउर जेल में कई अपराधी कैद हैं. जेल में बंद गैंगस्‍टर अजय वर्मा से पुलिस ने पूछताछ भी की है.  

बड़ा सवाल यह है कि क्या बेऊर जेल अपराध की नई प्रयोगशाला बन चुकी है? क्या यहां से संगठित अपराध का नेटवर्क चल रहा है? क्या जेल की चारदीवारी के भीतर बंद अपराधियों की पहुंच अब भी उतनी ही खतरनाक है जितनी बाहर थी? अगर हां तो न सिर्फ बेऊर जेल की व्यवस्था पर बल्कि पूरे बिहार की कानून-व्यवस्था पर भी एक गंभीर  सवाल उठता है.  

तय समय और प्‍लानिंग के साथ हत्‍या 

खेमका को सिर में गोली मारी गई. यानी शूटर का इरादा पक्‍का था कि मौत निश्चित हो. घटना उस समय हुई, जब खेमका अपनी कार से उतरकर घर के अंदर जा रहे थे. पूरी वारदात महज कुछ सेकंड में अंजाम दी गई- शूटर तेजी से आया, गोली मारी और भाग गया.

पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज है. वीडियो में एक हेलमेटधारी शूटर नजर आता है, जो खेमका की कार की दाईं ओर जाकर सीधा सिर में गोली मारता है. ठीक उनके पीछे एक और कार थी, जिसमें उनके पड़ोसी सवार थे. यानी पूरी घटना को एक तय समय और योजना के तहत अंजाम दिया गया.  सीसीटीवी कैमरों से मिले फुटेज के आधार पर शूटर की स्कूटी हाजीपुर की तरफ जाती हुई दिखाई दी.

क्या जेल से दिया गया साजिश को अंजाम?

पटना पुलिस को इस हत्याकांड के पीछे 'जेल कनेक्शन' की आशंका है. यही वजह है कि पटना के बेऊर जेल में लगातार छापेमारी की जा रही है. यहां से तीन मोबाइल फोन, सिम कार्ड, डाटा केबल और संदिग्ध नंबरों की लिस्ट बरामद हुई है. एसआईटी ने कुछ कुख्यात अपराधियों से पूछताछ भी की और एक को तो विशेष निगरानी में अलग सेल में रखा गया है.

बिहार पुलिस को शक है कि यह हत्या सिर्फ बाहर से नहीं, बल्कि जेल के अंदर से प्लान की गई 'सुपारी किलिंग' हो सकती है. खेमका पर गोली चलाने वाला शूटर शायद बस एक मोहरा था, असली साजिशकर्ताओं का कनेक्शन जेल से जुड़ता दिख रहा है. 

बेउर जेल में बंद गैंगस्‍टर अजय वर्मा से पूछताछ 

पटना पुलिस ने बेउर जेल में बंदर कुख्‍यात गैंगस्‍टर अजय वर्मा से पूछताछ की है. पुलिस को शक है कि कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या जमीन विवाद के चलते की गई है. बेउर जेल में बंद गैंगस्टर अजय वर्मा हत्या, अपहरण, डकैती आर्म्स एक्ट और सुपारी किलिंग जैसे मामलों में शामिल रहा है. दिल्ली के सुल्तानगंज का रहने वाले अजय वर्मा पर 28 से ज्‍यादा मामले दर्ज हैं. उसे हत्या की साजिश रचने के मामले में 24 जून 2025 को पटना से गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से जर्मन मेड पिस्टल और 98 कारतूस बरामद किए गए थे. 

बेऊर जेल: अपराधियों का कमांड सेंटर?

बेऊर जेल सबसे हाई-प्रोफाइल जेलों में से एक है, लेकिन यहां बंद कई गैंगस्टरों की पहुंच दीवारों से बाहर तक है. अनंत सिंह, जिनपर हत्या और गोलीबारी जैसे गंभीर आरोप हैं, यहीं कैद हैं. रवि गोप, जिस पर 16 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, उसे नागपुर से गिरफ्तार कर बेऊर लाया गया था. उसके पास से चार स्मार्टफोन मिले थे, जिनके जरिए वो गिरोह से संपर्क में रहता था. गुलाब यादव, पूर्व विधायक और
आईएएस संजीव हंस, दोनों मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में यहीं बंद हैं. नक्सली अजय कानू, जिसने 2005 का जहानाबाद जेलब्रेक किया था, उसे भी पहले यहीं रखा गया था.

कुख्‍यात अपराधी रीतलाल यादव यहीं से भागलपुर ले जाए गए थे. अन्‍य गैंग्‍स में सोनू–मोनू, अनिल टाइगर, विकी सिंह, नीरज सिंह, कुंदन सिंह- ये सभी ऐसे नाम हैं जो या तो बेऊर जेल में रह चुके हैं या अब भी हैं और इन पर गिरोह चलाने के आरोप हैं.

2018 में हुई थी बेटे की हत्या

2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की हत्या वैशाली में की गई थी. उस केस में आरोपी मस्तु सिंह की भी बाद में हत्या हो गई थी. पुलिस अब इन दोनों हत्याओं के बीच लिंक तलाश रही है. कहीं ऐसा तो नहीं कि खेमका परिवार एक संगठित गैंग के निशाने पर रहा है?

वैशाली पुलिस को भी इस मामले की जांच में जोड़ा गया है. कई पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं, ताकि यह समझा जा सके कि गोपाल खेमका को मारने का असली मकसद क्या था.

राजनीति गरम, कानून व्यवस्था सवालों में

घटना के बाद आरजेडी ने सरकार पर हमला बोलते हुए इसे 'अपराधी राज' करार दिया. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की. वहीं डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिए हैं और किसी को बख्शा नहीं जाएगा. चुनाव नजदीक हैं और ऐसे समय में एक हाई प्रोफाइल व्यवसायी की हत्या, वह भी पुलिस मुख्यालय और मुख्यमंत्री आवास के पास, नीतीश सरकार की छवि दांव पर है.  

बिहार पुलिस के सामने बड़ी चुनौती 

पटना के सीनियर एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि इस मामले में एसआईटी गठित की गई है. ये बड़ा मामला है, पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है. बेउर जेल कनेक्‍शन और गोपाल खेमका के बेटे की हत्‍या से तार जोड़े जाने के सवाल पर उन्‍होंने कहाजो भी एविडेंस सामने आ रहे हैं, हम उन्‍हें गंभीरता से ले रहे हैं. वहीं, बिहार के डीजीपी विनय कुमार का कहना है कि वैशाली पुलिस को भी जांच में लगाया गया है ताकि यह पता चल सके कि गोपाल खेमका की हत्या और 2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की हत्या का आपस में कोई कनेक्शन तो नहीं है. 

उन्‍होंने कहा, 'गुंजन खेमका हत्‍याकांड में 4 लोगों के खिलाफ चार्जशीट की गई थी. वैशाली पुलिस ये जांच कर रही है कि कहीं बेल पर छूटे हुए अभियुक्‍तों का इस कांड से कनेक्‍शन तो नहीं. सीसीटीवी फुटेज में मोटरसाइकिल पर एक हत्यारा दिख रहा है, उसके बारे में हम पूरे नेटवर्क से जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं.  

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