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This Article is From Feb 19, 2018

Bihar Board Matric Exam: इस बार जूता-मोजा पहनकर नहीं दे सकेंगे परीक्षा, निर्देश जारी

BSEB द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि परीक्षा भवन में उन्हीं परीक्षार्थियों को प्रवेश करने दिया जाएगा जो चप्पल पहनकर आएंगे.

Bihar Board Matric Exam: इस बार जूता-मोजा पहनकर नहीं दे सकेंगे परीक्षा, निर्देश जारी
इस साल 21 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित होगी परीक्षा.
  • अब सिर्फ चप्पल में मैट्रिक परीक्षा दे सकेंगे परीक्षार्थी
  • जूता पहनकर आने वाले परीक्षार्थियों को रोका जाएगा
  • 21 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित होगी परीक्षा
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पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा आयोजित 10वीं (मैट्रिक) की परीक्षा में इस साल परीक्षार्थी जूता-मोजा (जुराब) पहनकर नहीं जा सकेंगे. BSEB द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि परीक्षा भवन में उन्हीं परीक्षार्थियों को प्रवेश करने दिया जाएगा जो चप्पल पहनकर आएंगे.

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बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने सोमवार को बताया, 'इस साल परीक्षार्थियों को जूता-मोजा पहनकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी. परीक्षार्थियों को चप्पल पहनकर ही आना होगा. इसके लिए संबंधित जिले के सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है.' किशोर ने कहा, 'अगर कोई परीक्षार्थी जूता-मोजा पहनकर आएगा तो उससे परीक्षाहॉल के बाहर ही जूता-मोजा उतरवा लिया जाएगा. परीक्षा हॉल में परीक्षार्थी को सिर्फ एडमिट कॉर्ड और पेन व पेंसिल ही ले जाने की अनुमति होगी. प्रवेश द्वार पर ही सभी परीक्षार्थियों की गहन जांच की जाएगी.'

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उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी ऐसा निर्देश दिया जाता रहा है. इसे यहां मैट्रिक परीक्षा में भी लागू करने का निर्णय लिया गया है. इस साल 21 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित होने वाली मैट्रिक की परीक्षा में 17.68 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे. इन परीक्षार्थियों के लिए 1426 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. बीएसईबी का दावा है कि परीक्षा को कदाचारमुक्त संपन्न कराने के लिए पूरी व्यवस्था की जा रही है. 

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राज्य में हाल के कुछ वर्षों में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की साख पर सवाल खड़े हुए हैं. दो साल लगातार फर्जी मेरिटधारियों को बोर्ड टॉपर बनाया जाता रहा है. इससे पहले के बोर्ड अध्यक्ष इसी मेरिट घोटाले में जेल में बंद हैं. उनके अलावा कई लोग जो इस रैकेट में शामिल रहे हैं वो भी जेल की हवा खा रहे हैं. इसी के मद्देनजर बोर्ड ने यह कदम उठाया है. 

गौरतलब है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा के दौरान नकल के आरोप में लगभग 1,000 परीक्षार्थियों को निष्कासित कर दिया गया था.

(इनपुट : IANS)

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