विज्ञापन

बिहार नतीजों के बाद क्यों सुर्ख़ियों में है नीतीश की ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’, जानिए कहां से आएगा फंड

चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद बिहार में नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बनने वाली नयी सरकार आने वाले समय में इस योजना के तहत आर्थिक मदद की राशि बढ़ा सकती है.

बिहार नतीजों के बाद क्यों सुर्ख़ियों में है नीतीश की ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’, जानिए कहां से आएगा फंड
नीतीश कुमार सरकार पर जन सुराज पार्टी ने लगाया बड़ा आरोप
नई दिल्ली:

बिहार चुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो रहा है.रविवार को प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के प्रवक्ता पवन वर्मा ने आरोप लगाया कि विश्व बैंक से मिले फंड का केंद्र सरकार ने बिहार विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल किया है. पवन वर्मा ने दावा किया है कि चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार सरकार ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के तहत 1.25 करोड़ महिलाओं के खातों में ₹10,000 ट्रांसफर किए. उनका आरोप है कि यह राशि ₹21,000 करोड़ के उस फंड से ली गई थी जो विश्व बैंक ने किसी अन्य परियोजना के लिए दिया था. दरअसल, 26 सितम्बर, 2025 को लांच की गयी ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' बिहार सरकार की एक नयी योजना है, जो राज्य में महिला सशक्तिकरण को मज़बूत करने के लिए महिलाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए लांच की गयी है.

नीतीश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने 02 सितम्बर, 2025 को एक रिलीज़ जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना" हेतु वित्तीय वर्ष 2025-26 में ग्रामीण विकास विभाग की मांग संख्या 42 के अन्तर्गत बिहार आकस्मिता निधि की अधिसीमा में वृद्धि होने की स्थिति में 20,000 करोड़ रुपये की राशि की अधिसीमा तक बिहार आकस्मिता निधि से अग्रिम एवं वित्त विभाग द्वारा आवश्यकता अनुसार  राशि जारी करने की स्वीकृति दी गयी है".

29 अगस्त 2025 को अनुमोदित बिहार सरकार की इस योजना का मुख्य लक्ष्य राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला की अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है. इस योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार द्वारा बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) के माध्यम से शुरू की गयी है.इस महत्वकांशी योजना को लांच करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितम्बर, 2025 को कहा था कि आज से ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' शुरू की जा रही है. इस योजना से अब तक, जैसा मुझे बताया गया, 75 लाख बहनें जुड़ चुकी हैं. अभी एक साथ इन सभी 75 लाख बहनों के बैंक अकाउंट में 10-10 हजार रूपये भेजे गए हैं. सरकारी आकड़ों के मुताबिक, 75 लाख महिला लाभार्थियों को पहली किश्त के तौर पर 10,000 रुपये आवंटित की गयी जिसका कुल बजट 7,500 करोड़ था.

इसके बाद 03 अक्टूबर, 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने "मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना" के तहत 25 लाख महिला लाभार्थियों को ₹10,000 प्रति लाभार्थी की दर से ₹2,500 करोड़ की राशि ट्रांसफर किया. इसके तीन दिन बाद, 06 अक्टूबर, 2025 को नीतीश कुमार ने इस योजना के तहत 21 लाख और महिला लाभार्थियों को ₹10,000 प्रति लाभार्थी की दर से ₹2,100 करोड़ की अतिरिक्त राशि ट्रांसफर किया था.चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद बिहार में नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बनने वाली नयी सरकार आने वाले समय में इस योजना के तहत आर्थिक मदद की राशि बढ़ा सकती है.

शनिवार को जेडीयू के वरिष्ठ नेता के सी त्यागी ने एनडीटीवी से कहा कि नीतीश सरकार द्वारा महिलाओं को ₹10,000 की आर्थिक मदद देने की जो योजना है वह महिलाओं के सशक्तिकरण और रोजगार से जुड़ा योजना है. जो ट्रेडिशनल कारीगर व्यापार( Artisan trade) है, बिहार में उसके मुताबिक उन्हें सहायता दी जा रही है. चुनाव से पहले जो पहली किस्त सरकार ने महिलाओं के लिए आवंटित की थी वह राशि बढ़कर 2 लाख रुपए तक जाएगी. इससे पलायन भी रुकेगा और रोजगार भी पैदा होगा.

‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' में ये प्रावधान शामिल है कि इस योजना के तहत आर्थिक सहायता के रूप में प्रत्येक परिवार की एक महिला की अपनी पसंद का रोजगार करने हेतु ₹ 10 हजार रुपए की राशि प्रथम किस्त के रूप में दी जाएगी. महिलाओं द्वारा रोजगार आरंभ करने के उपरांत आकलन कर ₹ 2 लाख रुपए तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता आवश्यकतानुसार दी जाएगी.विश्व बैंक भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को शर्तों के साथ पिछड़े इलाकों के आर्थिक विकास, विकास परियोजनाओं, जैसे बुनियादी ढाँचा, स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास के लिए दशकों से ऋण देता रहा है.

पिछले महीने 23 अक्टूबर, 2025 को विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने केरल में 280 मिलियन डॉलर के बजट वाला "केरल स्वास्थ्य प्रणाली सुधार कार्यक्रम" (Kerala Health Systems Improvement Program) को मंज़ूरी दी जिसके तहत 11 मिलियन बुजुर्गों और कमजोर लोगों की जीवन प्रत्याशा (life expectancy) और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कदम उठाये जायेंगे.

3 अक्टूबर, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 60,000 करोड़ की बजट वाली युवाओं को कौशल प्रदान करने की योजना - पीएम-सेतु (अपग्रेडेड आईटीआई के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार परिवर्तन) को लांच किया था. योजना के कार्यान्वयन के प्रथम चरण में पटना और दरभंगा के आईटीआई पर विशेष ध्यान देने का प्रावधान है. इस योजना की भी co-financing वर्ल्ड बैंक (World Bank) और एशियाई डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank) कर रहे हैं.

इससे पहले 25 सितम्बर, 2025 को विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने भारत में तटीय समुदायों को समर्थन देने के लिए तमिल नाडू और कर्नाटक में 212.64 मिलियन डॉलर की तटीय लचीलापन और अर्थव्यवस्था सुदृढ़ीकरण (Strengthening Coastal Resilience and the Economy (SHORE)) परियोजना को मंज़ूरी दी थी. इसके तहत तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों में 100,000 लोगों के लिए अधिक और विविध रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com