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Kalyanpur Election Results: कल्याणपुर विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने तोड़ा मिथक, महेश्वर हजारी ने जीती सीट

Kalyanpur Election Results: कल्याणपुर विधानसभा चुनाव रिजल्ट में जदयू ने बाजी मारी है. यह वही क्षेत्र है जहां महात्मा गांधी ने 1917 में नील आंदोलन के जरिए स्वतंत्रता संग्राम की नई राह खोली थी.

Kalyanpur Election Results: कल्याणपुर विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने तोड़ा मिथक, महेश्वर हजारी ने जीती सीट
Kalyanpur Election Results
  • पूर्वी चंपारण जिले की कल्याणपुर विधानसभा सीट पर अब तक किसी भी विधायक को लगातार दो बार जीत नहीं मिली है
  • 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के मनोज कुमार यादव ने भाजपा के सचिन्द्र प्रसाद सिंह को कम वोटों से हराया था
  • इस सीट पर अब तक 3 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें किसी भी दल को 2 बार जीत नहीं मिली है
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नई दिल्ली:

Kalyanpur Election Results 2025: कल्याणपुर विधानसभा चुनाव रिजल्ट की बात करें तो यहां जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी महेश्वर हजारी ने 38586 वोटों से जीत दर्ज की. उन्होंने सीपीआईएमल के रंजीत कुमार राम को हराया. महेश्वर हजारी को 118162 वोट मिले, जबकि रंजीत राम को 79576 वोट मिले. जन सुराज पार्टी के रामबालक पासवान तीसरे स्थान पर रहे. उन्हें 16 हजार के करीब वोट मिले. पूर्वी चंपारण जिले की कल्याणपुर विधानसभा सीट बिहार की उन सीटों में से है, जहां हर चुनाव में मतदाता अलग चुनते आए हैं. लेकिन इस बार मिथक टूटता रहा है. ये विधानसभा सीट 2008 में परिसीमन के बाद बनी थी. कल्याणपुर सीट पर अब तक तीन बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी विधायक को दोबारा चांस नहीं मिला.

जदयू प्रत्याशी रजिया खातून ने 2010 के पहले चुनाव में राजद के मनोज कुमार यादव को हराया था. 5 साल बाद यानी 2015 में तस्वीर बदल गई. उस समय जदयू महागठबंधन में शामिल हो गई थी और भाजपा उम्मीदवार सचिन्द्र प्रसाद सिंह ने रजिया खातून को हराया था. 2020 में मुकाबले में राजद के मनोज कुमार यादव ने भाजपा के सचिन्द्र प्रसाद सिंह को केवल 1,193 वोटों से हराया. राजद ने यहां से फिर मनोज कुमार यादव को मैदान में उतारा है, देखना है कि क्या वो हर बार चेहरा बदलने का मिथक तोड़ पाते हैं या नहीं?

 विधानसभा चुनाव में भाजपा पिछड़ गई थी, लेकिन लोकसभा स्तर पर उसका वर्चस्व बना रहा. 2014 और 2019 दोनों ही आम चुनावों में भाजपा को यहां भारी बढ़त मिली थी, जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को 14,014 वोटों की बढ़त हासिल हुई, भले ही यह पिछली बढ़त से कम रही हो.

क्या है जातिगत समीकरण? 

2020 में इस सीट पर 2.56 लाख से अधिक मतदाता पंजीकृत थे, जिनमें करीब 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 14 प्रतिशत मुस्लिम वोटर शामिल थे. यह इलाका पूरी तरह ग्रामीण है और मतदाता संख्या में वृद्धि भी बेहद धीमी रही है. 2024 तक कुल मतदाता बढ़कर 2.63 लाख हुए, जो इस बात का संकेत है कि पलायन यहां अपेक्षाकृत कम है.

महात्मा गांधी की धरती रही है कल्याणपुर

कल्याणपुर की पहचान ऐतिहासिक रूप से भी खास है. यह वही क्षेत्र है जहां महात्मा गांधी ने 1917 में नील आंदोलन के जरिए स्वतंत्रता संग्राम की नई राह खोली थी. भौगोलिक रूप से यह उपजाऊ क्षेत्र है और गंडक नदी यहां की कृषि के लिए वरदान भी है और बाढ़ का खतरा भी. मुख्य फसलें धान, गेहूं और दलहन हैं, लेकिन सिंचाई की कमी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमजोर स्थिति आज भी यहां की प्रमुख चुनौतियां हैं. रोजगार के अवसर सीमित होने के कारण बड़ी संख्या में लोग दिल्ली, सूरत और कोलकाता जैसे शहरों की ओर पलायन करते हैं.

राजनीतिक दृष्टि से यह सीट हर बार नया समीकरण गढ़ती है. लोकसभा में भाजपा का दबदबा है, मगर विधानसभा में मतदाता अक्सर अलग रुख दिखाते रहे हैं. 2025 का चुनाव इसलिए खास होगा कि अब तक कोई भी उम्मीदवार इस सीट से दोबारा नहीं जीत पाया है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि इस बार कल्याणपुर की जनता किसे मौका देती है.

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