जीतन राम मांझी का आरोप है कि वर्तमान सरकार में कानून व्यवस्था लचर हो गई है (फाइल फोटो)
पटना:
अमूमन देश में परम्परा रही है कि लोग ख़ासकर राजनेता अपने क्षेत्र में मंत्री या मुख्यमंत्री को बुलाते हैं उनके तो स्वागत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. लेकिन शायद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इस परम्परा का निर्वहन नहीं करते.
बुधवार को मांझी ने गया जिले में अपने गांव महकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक आईटीआई और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन किया के लिए आमंत्रित किया, लेकिन कार्यक्रम में मांझी के भाषण से सब लोग आश्चर्यचकित थे, क्योंकि उनके पूरे भाषण में उनका अपना दुखड़ा और सरकार की आलोचना ही थी.
मांझी का कहना था जब वे मुख्यमंत्री थे तब एक बिजली के सबस्टेशन के निर्माण को अनुमति दी लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नदारद रहते हैं. सरकार की हालत ख़राब है. राज्य की कानून व्यवस्था पर भी मांझी ने बोलना शुरू कर दिया कि उनके गांव के पास एक ठेकेदार की नक्सलियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. जबकि मृतक ने कई बार अपनी सुरक्षा की गुहार पुलिस से लगायी थी. हालांकि मांझी ने माना कि अगर नीतीश ने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया होता तब शायद उनके गांव का इतना विकास नहीं होता.
पढ़ें: जीतन मांझी और उपेंद्र कुशवाहा हैं नीतीश कुमार से नाराज, जानें पूरा मामला
जब नीतीश कुमार के बोलने का मौक़ा आया उन्होंने पावर सब स्टेशन का निर्माण शुरू कराने की घोषणा कर दी. हालांकि उन्हें मालूम है कि महकार से मात्र छह किलोमीटर पर एक और पावर सब स्टेशन है और यह नियमों के खिलाफ है. इसके अलावा उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की उपस्थिति भी सुनिश्चित कराने का वादा किया.
निश्चित रूप से नीतीश अब एनडीए के सहयोगियों को ख़ुश करने के लिये हर क़दम उठाना चाहते हैं. शायद ये उनकी नई राजनीति की रणनीति का हिस्सा हो. दो साल पहले उन्होंने मांझी को मुख्यमंत्री बनाने को अपनी बड़ी ग़लती माना था.
बुधवार को मांझी ने गया जिले में अपने गांव महकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक आईटीआई और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन किया के लिए आमंत्रित किया, लेकिन कार्यक्रम में मांझी के भाषण से सब लोग आश्चर्यचकित थे, क्योंकि उनके पूरे भाषण में उनका अपना दुखड़ा और सरकार की आलोचना ही थी.
मांझी का कहना था जब वे मुख्यमंत्री थे तब एक बिजली के सबस्टेशन के निर्माण को अनुमति दी लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नदारद रहते हैं. सरकार की हालत ख़राब है. राज्य की कानून व्यवस्था पर भी मांझी ने बोलना शुरू कर दिया कि उनके गांव के पास एक ठेकेदार की नक्सलियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. जबकि मृतक ने कई बार अपनी सुरक्षा की गुहार पुलिस से लगायी थी. हालांकि मांझी ने माना कि अगर नीतीश ने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया होता तब शायद उनके गांव का इतना विकास नहीं होता.
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जब नीतीश कुमार के बोलने का मौक़ा आया उन्होंने पावर सब स्टेशन का निर्माण शुरू कराने की घोषणा कर दी. हालांकि उन्हें मालूम है कि महकार से मात्र छह किलोमीटर पर एक और पावर सब स्टेशन है और यह नियमों के खिलाफ है. इसके अलावा उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की उपस्थिति भी सुनिश्चित कराने का वादा किया.
निश्चित रूप से नीतीश अब एनडीए के सहयोगियों को ख़ुश करने के लिये हर क़दम उठाना चाहते हैं. शायद ये उनकी नई राजनीति की रणनीति का हिस्सा हो. दो साल पहले उन्होंने मांझी को मुख्यमंत्री बनाने को अपनी बड़ी ग़लती माना था.
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