क्या पवन वर्मा छोड़ेंगे नीतीश कुमार का साथ
- पवन वर्मा ने ट्वीट कर केंद्र की आलोचना की
- क्या नीतीश कुमार का साथ छोड़ सकते हैं पवन
- नीतीश के बीजेपी के साथ सरकार बनाने से खुश नहीं हैं पवन
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पटना:
जेडीयू में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. कम से कम कई नेताओं को पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार का भाजपा का दामन थामना पसंद नहीं आ रहा. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन वर्मा वैसे ही नेताओं में से एक हैं. उन्होंने आज सुबह ट्वीट कर केंद्र सरकार की दो मुद्दों पर खिंचाई की.
नीतीश कुमार ने बांधे पीएम मोदी की तारीफों के पुल, बताया हिम्मत और साहस वाला प्रधानमंत्री
पीएम नरेंद्र मोदी से इसलिए नाराज है पटना विश्वविद्यालय परिवार
हालांकि पवन जो राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं आते और भूटान में जब राजदूत थे तब नीतीश कुमार से एक सरकारी यात्रा के दौरान उनकी मुलाक़ात हुई थी. नौकरी से रिटायर होने के बाद उन्होंने जनता दल यूनाइटेड की सदस्यता ली. छह महीने में नीतीश ने उन्हें अल्प अवधि के लिए राज्यसभा भेजा था. पवन वर्मा राष्ट्रीय मीडिया में पार्टी का चेहरा रहे हैं,
लेकिन जानकारों के अनुसार- वर्मा अब चाहते हैं कि पार्टी उन्हें बाहर निकाल दे इसलिए वे ऐसे लेख और ट्वीट कर रहे हैं.
नीतीश कुमार ने बांधे पीएम मोदी की तारीफों के पुल, बताया हिम्मत और साहस वाला प्रधानमंत्री
India’s steep fall in the Global Hunger Index-from 55 in 2014 to 100 in 2017 begs the q: who is the ‘fastest growing’ economy working for?
— Pavan K. Varma (@PavanK_Varma) October 16, 2017
निश्चित रूप से उनके इस ट्वीट पर नीतीश कुमार की सहमति नहीं होगी. पवन वर्मा ने खुद भी कहा कि ये उनका निजी ट्वीट है, लेकिन समझते हैं कि पार्टी के विचार के अनुरूप नहीं हैं. पवन ने इससे पूर्व एक अख़बार में लेख लिखकर उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की थी.EC must not only be impartial but seen to be so. Why have the dates for Gujarat elections not been announced? We need credible answers.
— Pavan K. Varma (@PavanK_Varma) October 16, 2017
पीएम नरेंद्र मोदी से इसलिए नाराज है पटना विश्वविद्यालय परिवार
हालांकि पवन जो राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं आते और भूटान में जब राजदूत थे तब नीतीश कुमार से एक सरकारी यात्रा के दौरान उनकी मुलाक़ात हुई थी. नौकरी से रिटायर होने के बाद उन्होंने जनता दल यूनाइटेड की सदस्यता ली. छह महीने में नीतीश ने उन्हें अल्प अवधि के लिए राज्यसभा भेजा था. पवन वर्मा राष्ट्रीय मीडिया में पार्टी का चेहरा रहे हैं,
लेकिन जानकारों के अनुसार- वर्मा अब चाहते हैं कि पार्टी उन्हें बाहर निकाल दे इसलिए वे ऐसे लेख और ट्वीट कर रहे हैं.
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