एनडीए की सहयोगी पार्टियों ने वक्फ बिल में मुस्लिम समाज के हितों का ध्यान रखे जाने की मांग की है. बिल के पेश होते समय इसका पुरजोर समर्थन करने वाली जेडीयू के तेवर बदलते हुए नजर आ रहे हैं. अब पार्टी ने अपने स्टैंड में बदलाव किया है. दरअसल, बिल को लेकर गुरुवार को संसद के संयुक्त समिति की पहली बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सभी सदस्यों ने बिल को लेकर अपनी राय रखी. एलजेपी रामविलास और टीडीपी ने कहा कि बिल में मुस्लिम समाज के हितों का ख्याल रखा जाए. जेडीयू ने बिल में कुछ बदलाव कर रियायत दिए जाने की मांग की जबकि बिल पेश होते समय पार्टी ने इसका बिना शर्त समर्थन किया था.
बिल में बदलाव हो
बिल पेश होते समय जेडीयू की तरफ़ से लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री और जेडीयू सांसद ललन सिंह ने बिल का पुरजोर समर्थन किया था, जिसके बाद बिहार सरकार में जेडीयू के मंत्री जमा खान ने नीतीश कुमार से मुलाक़ात कर बिल के कुछ प्रावधानों पर चिंता जताई थी.
गुरुवार को हुई बैठक की अध्यक्षता समिति के चेयरमैन और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने की. बैठक में सभी विपक्षी सांसदों ने एक बार फिर बिल का पुरजोर विरोध किया. कांग्रेस और टीएमसी समेत सभी सदस्यों ने बिल को गैर संवैधानिक बताया. बैठक में सत्ता पक्ष के एक सांसद और कुछ विपक्षी सांसदों में कहासुनी भी हुई.
देश भर में होगा विरोध प्रदर्शन
उधर इस बिल का विरोध कर रहे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गुरुवार को बड़ा दावा करते हुए कहा कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार जैसे एनडीए के नेताओं ने उन्हें बिल का विरोध करने का आश्वासन दिया है. बोर्ड ने कहा कि अगर सरकार ने इस बिल को वापस नहीं लिया तो देशभर में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
बैठक में अल्पसंख्यक मामलों और कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने बिल को लेकर प्रेजेंटेशन दिया. बीजेपी समेत कई सदस्यों ने इस बात की शिकायत की कि अधिकारियों ने सदस्यों का जवाब देने के लिए ठीक से तैयारी नहीं की है . समिति की अगली बैठक 30 अगस्त को बुलाई गई है . समिति अपनी अगली बैठकों में अलग अलग स्टेकहोल्डर्स को बुलाने पर विचार कर रही है.
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