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जिसे लालू यादव ने दी थी सियासत में एंट्री, उसे राबड़ी देवी के आवास से बैरंग लौटाया गया, अशोक महतो पर जेल ब्रेक कांड भारी पड़ा

बिहार में जेल ब्रेक कांड काफी चर्चित रहा था. इस कांड में अशोक महतो को जेल में काफी वक्त बिताना पड़ा था. अब राजद उन्हें भाव देने के मूड में नहीं है.

जिसे लालू यादव ने दी थी सियासत में एंट्री, उसे राबड़ी देवी के आवास से बैरंग लौटाया गया, अशोक महतो पर जेल ब्रेक कांड भारी पड़ा
ashok mehto
पटना:

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास में बाहुबली अशोक महतो की एंट्री नही मिली है. गुरुवार की रात्रि में अशोक महतो पटना स्थित राबड़ी आवास लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से मिलने पहुंचे थे. लेकिन गार्ड ने इंट्री नही दिया. अशोक महतो मुलाकात के लिए कहते रहे लेकिन गार्ड ने इंट्री नही दिया. दरवाजा बंद कर दिया. लिहाजा, अशोक महतो अपने समर्थकों के साथ बैरंग वापस लौट गए. अशोक महतो के बैरंग वापस लौटने के बाद सियासत में कई तरह की चर्चा शुरू हो गई है.

लालू ने दी थी अशोक को सियासत में इंट्री

अशोक महतो अपनी पत्नी कुमारी अनिता को वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाना चाहते हैं. अशोक महतो का पैतृक गांव वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र का पकरीबरावां प्रखंड का बढ़ौना गांव है. दिसंबर 2023 में अशोक महतो जेल से रिहा हुए हैं. इसके बाद से राजनीति में सक्रिय हैं. जेल से रिहाई के बाद अशोक महतो राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मुलाकात किया था. तब लालू प्रसाद ने  अशोक महतो को सियासत में इंट्री का सिग्नल मिला था.

जेल ब्रेक कांड में सजायाफ्ता
अशोक महतो जेल ब्रेक कांड का सजायाफ्ता रहे हैं. खुद चुनाव नही लड़ सकते थे. लिहाजा, 62 की उम्र में अशोक महतो ने अनिता कुमारी से शादी की थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में अशोक की नवविवाहिता अनिता को मुंगेर से जेडीयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के खिलाफ राजद का उम्मीदवार बनाया गया था. इस चुनाव में अनिता दूसरे स्थान पर रही थी. राजीव रंजन जीते थे. इधर, बाहुबली अशोक महतो वारिसलीगंज क्षेत्र से पत्नी अनिता को चुनाव लड़ाने की तैयारी में जुटे हैं. इसके लिए अशोक महतो दंपति वारिसलीगंज क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं. 

बाहुबलियों का गढ़ रहा है वारिसलीगंज
वारिसलीगंज का इलाका बाहुबली अखिलेश सिंह और अशोक महतो का गढ़ रहा हैं. दो दशक पहले तक जातीय हिंसा को लेकर अखिलेश और अशोक का नाम सुर्खियों में रहा है. 2000 से अखिलेश और अशोक के परिजन सियासत में इंट्री की है. 2000 में अखिलेश की पत्नी अरुणा निर्वाचित हुई. जबकि 2005 में अशोक के परिजन प्रदीप महतो की इंट्री हुई है. अरुणा चार दफा विधायक निर्वाचित हुई हैं. जबकि प्रदीप महतो दो दफा निर्वाचित हुए हैं. फिलहाल अखिलेश की पत्नी अरुणा बीजेपी से विधायक हैं. अब अशोक महतो खुद अपनी नवविवाहिता पत्नी अनिता को चुनाव लड़ाना चाहते हैं. इसलिए सियासत गरमाई हुई है. 

भूरा बाल को लेकर चर्चा में रहे अशोक
पूर्व सांसद आनंद मोहन के भूरा बाल पर टिप्पणी को लेकर चर्चा में रहे अशोक महतो. आनंद मोहन ने कहा था कि भूरा बाल के बिना कोई भी सरकार संभव नही है. प्रतिक्रिया में अशोक महतो ने कहा था कि बहुजन का फैसला भूरा बाल नही कर सकता. हालांकि अशोक महतो की इस टिप्पणी से राजद ने किनारा किया था. बहरहाल, अशोक महतो के लिए राबड़ी आवास का दरवाजा बंद किए जाने की घटना के बाद कई तरह की सियासी चर्चा को जन्म दे दिया है.

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